उदयपुर। चिकित्सा शिक्षा में नई तकनीक शिक्षण और चिकित्सा स्नातक के मूल्यांकन में भारी बदलाव लाती है। यह बात पेसिफिक इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज, उमरड़ा की प्रतिनिधि डॉ. सुमन जैन ने स्वामी राम हिमालयन विश्वविद्यालय, देहरादून में स्वास्थ्य व्यावसायिक शिक्षा-2022 पर 13वें राष्ट्रीय सम्मेलन में भाग लेने के बाद कही।
उन्होंने कहा कि आज चिकित्सा शिक्षा समुदाय और समाज सेवाओं में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। मेडिकल कॉलेज एक ऐसा स्थान है जो बड़ी संख्या में सक्षम भारतीय मेडिकल स्नातक पैदा करता है इसलिए एनएमसी ने मेडिकल कोर्स के पाठ्यक्रम में बदलाव लागू किया है और एमबीबीएस पाठ्यक्रम में सॉफ्ट स्किल्स, व्यावसायिकता और नैतिकता के साथ मेडिकल स्नातकों को नया स्पर्श दिया है। मेडिकल छात्र सर्वश्रेष्ठ स्वास्थ्य देखभाल सेवाओं का भविष्य प्रदान करते हैं, इसलिए शिक्षा की गुणवत्ता की मांग होती है।
इस सम्मेलन में 200 से अधिक वैज्ञानिक चिकित्सा स्नातकों का आकलन करने में नए नवाचारों को सीखने और लागू करने के लिए ऑनलाइन और ऑफलाइन एकत्र हुए। डॉ. सुमन जैन ने पेसिफिक इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज के प्रतिनिधि के रूप में संचार कौशल की सुविधा पर दो कार्यशालाओं में भाग लिया और एमबीबीएस छात्रों के लिए जैव रसायन में मूल्यांकन के ब्लूप्रिंट पर पेपर प्रस्तुत किया। डॉ. जैन पहले ही चिकित्सा शिक्षा में चार पेपर प्रस्तुत कर चुकी हैं। पैसिफिक इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज अपने छात्रों के शिक्षण, सीखने, मूल्यांकन और सभी दिशाओं के विकास में नवाचारों को लागू करने के लिए चिकित्सा शिक्षा टीम का हर तरह से समर्थन करता है।