हमारी संस्कृति सूर्य के उदय के प्रतीक पूर्व से शुरू होती है अस्त के प्रतीक पश्चिम से नहीं इसलिए अभिवादन हैलो से नहीं, बल्कि खम्मा घणी, प्रणाम, नमस्कार से करिए : लक्ष्यराजसिंह मेवाड़