इंद्रदेव को रिझाने किया अनूठा टोटका, महिलाओं ने फोड़ी गंदे पानी की मटकियां

उदयपुर (डॉ. तुक्तक भानावत)। मेवाड़ की परंपराओं में बारिश के लिए किए जाने वाले अनूठे टोटके आज भी जीवित हैं। इसी कड़ी में उदयपुर शहर के भोइवाड़ा स्थित राजमाली समाज की महिलाओं ने सदियों पुरानी परंपरा निभाते हुए इंद्रदेव को रिझाने के लिए गंदे पानी से भरी मटकियां बीच बाजार में फोड़ी।

For rain, women of Rajmali community of Bhoiwada in Udaipur city follow the age-old tradition of breaking pots filled with dirty water in front of shops in the middle of the market to please Lord Indra. It is believed that by doing this, Lord Indra brings rain.

 भोइवाड़ा निवासी राजवंता माली ने बताया कि पूरे राजस्थान में अच्छी बारिश के बावजूद इस बार उदयपुर में बारिश संतोषजनक नहीं हुई है। उदयपुर की सभी  झीलें भले ही भर चुकी हों, लेकिन शहरवासियों को झमाझम बारिश का इंतजार है। बारिश के लिए महिलाएं गणगौर घाट पर एकत्र हुईं, जहां  इंद्रदेव को रिझाने के लिए पहले घुघरी का भोग लगाकर पूजा-अर्चना की गई। इसके बाद झील से पानी की मटकियां भरकर उसमें गंदगी मिलाकर  जगदीश चौक लाई गईं और मंदिर के सामने फोड़ी गईं। फिर महिलाएं गीत गाती हुई घंटाघर, बड़ाबाजार, मोचीवाड़ा और अन्य अंदरूनी बाजारों से गुजरीं।

दुकानदारों ने जैसे ही महिलाओं को मटकियां लेकर आते देखा, कई ने अपनी दुकानें बंद कर दीं। राजवंता माली ने बताया कि पानी से भरी मटकियां खासकर जैन समाज के लोगो की दुकानों में फोड़ी जाती है। ऐसा करने से दुकानदार नाराज होकर गंदे शब्द और गालियां का इस्तेमाल करते है जो हमें नहीं लगकर इंद्रदेव को लगती है और मान्यता है कि इससे  नाराज होकर इंद्रदेव बारिश कराते है। गौरतलब है कि मेवाड़ अंचल में बारिश के लिए कई टोटके प्रचलित हैं, जिनमें दुकानों के बाहर मटकियां फोड़ना, मेंढक-मेंढकी की शादी करवाना और युवकों को बुढ़िया का रूप देकर घर-घर भेंट लेने भेजना शामिल है।

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