केंद्र सरकार ने धुली व कटी हुई प्लास्टिक बोतलों के कचरे के आयात पर प्रतिबंध लगाया पंडित दीनदयाल उपाध्याय के भतीजे विनोद शुक्ला का अभियान लाया रंग

उदयपुर। प्लास्टिक कचरे के बोझ को कम करने के लिए, पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने धुली तथा कटी हुई प्लास्टिक बॉटल्स के आयत पर प्रतिबंध लगा दिया है। तकरीबन 9,983 मीट्रिक टन कचरा जयपुर आईसीडी-कनकपुरा के जरिये देश में आयात हुआ था। गैर-सरकारी संगठन पंडित दीनदयाल उपाध्याय स्मृति समिति (पीडीयूएसएम) द्वारा प्रस्तुत आयात आंकड़ों ने इस प्रतिबंध में अहम् भूमिका निभायी है। भारतीय रिसाइकिलर्स और कपड़ा उद्योग अनैतिक रूप से प्लास्टिक बॉटल्स के कचरे को फ्लैक्स के रूप में पाकिस्तान, बांगलादेश एवं अन्य देशों से आयात कर रहे थे, क्योंकि यह रीसाइक्लिंग के लिए स्थानीय स्तर पर उत्पादित प्लास्टिक कचरे को इक_ा करने की तुलना में सस्ता था। मंत्रालय के खतरनाक पदार्थ प्रबंधन विभाग ने इसी माह इस विषय में एक अधिसूचना जारी की है।
विनोद शुक्ला, अध्यक्ष, पंडित दीनदयाल उपाध्याय स्मृति मंच और स्वर्गीय दीनदयाल उपाध्याय के भतीजे ने बताया कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में पूरा देश, प्लास्टिक कचरे के संग्रह और पुनर्चक्रण सिस्टम को मजबूत करने के तरीकों की तलाश में है परंतु रीसाइक्लिंग और कपड़ा उद्योग अपने लाभ के लिए अन्य देशों से प्लास्टिक कचरे का आयात कर रहे थे। इम्पोर्ट सिस्टम में एक खामी (लूपहोल) के चलते भारतीय कंपनियां पेट बोतलों के कचरे को आयत एवं पुन:चक्रित करके विभिन्न उत्पादों के निर्माण में उपयोग करते थे। वे हर साल पीईटी बोतलों को रिसाइकिल करके सैंकड़ों तरह के उत्पाद जैसे; पॉलिएस्टर कॉरपेट, टी-शर्ट, एथलेटिक जूते, सामान, औद्योगिक स्ट्रैपिंग, ऑटोमोटिव पार्ट्स; सामान की रैक, फ्यूज बॉक्स, बंपर और डोर पैनल आदि का निर्माण करते थे और करोंड़ों की पूंजी कमा रहे थे। हालांकि, हम मुनाफा कमाने वाले इन उद्योगों के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन हम चाहते हैं कि वे प्रोडक्ट्स मैन्युफैक्चरिंग में स्थानीय स्तर पर उत्पादित प्लास्टिक (पेट) कचरे को इक_ा करें और उसका उपयोग करें, जिससे उनका व्यापार सुचारू रहे और वे देश को प्लास्टिक कचरा मुक्त बनाने में भी मदद कर सकें।
श्री शुक्ला ने बताया कि हम अपने पर्यावरण की सुरक्षा में मंत्रालय के इस निर्णय की सराहना करते हैं। प्लास्टिक कचरे के संग्रह, पृथक्करण और पुनर्चक्रण के लिए बड़ी संख्या में मानव शक्ति की जरूरत है, जो अपशिष्ट प्रबंधन और रीसाइक्लिंग उद्योग में भारत भर में लाखों नए रोजगार के अवसर पैदा करने में मदद करेगा। पीडीयूएसएम ने पर्यावरण मंत्रालय में वरिष्ठ अधिकारियों के साथ पिछले कुछ महीनों में कई बार फ्लैक्स एवं लम्प्स के आयात प्रतिबंध पर चर्चा की। भारत ने अप्रैल 18 से फरवरी 19 के बीच पाकिस्तान, बांग्लादेश, कोरिया गणराज्य और अमेरिका जैसे देशों से 99,545 एमटी प्लास्टिक के गुच्छे और 21,801 एमटी प्लास्टिक की गांठ का आयात किया था। जिसमें से 55,000 टन संयुक्त रूप से केवल पाकिस्तान और बांग्लादेश से था।
पीडीयूएसएम के महासचिव आनन्द मनी ने बताया कि हमारा संगठन भारत को ‘प्लास्टिक अपशिष्ट मुक्त राष्ट्र’ (प्लास्टिक वेस्ट फ्री नेशन) बनाने की दिशा में काम कर रहा है। हम पर्यावरण मंत्रालय के साथ काम कर रहे हैं ताकि हमारे दृष्टिकोण को आगे दिशा मिले साथ ही रैगपिकर्स समुदाय का उत्थान भी हो सके। रैगपिकर्स, भारतीय अपशिष्ट संग्रह और रीसाइक्लिंग क्षेत्र के नायाब नायक हैं, उनके बिना हमारे राष्ट्र की अपशिष्ट समस्या बहुत खराब होती। रैगपिकर्स कचरे को इक_ा करने, छांटने, अलग करने और फिर इसे स्क्रैप डीलर व रिसाइकिलर्स को बेच कर गुजारा करते हैं। आयात प्रतिबंध के उपरांत, हमें जरूरत के स्थानीय नगरपालिका निकायों के साथ मिलकर काम करते हुए रैगपिकर्स, रिसाइकलर्स और अपशिष्ट प्रोसेसर को कचरे के संग्रह और प्रबंधन पारिस्थितिकी तंत्र का एक अभिन्न अंग बनाने की आवश्यकता है। प्लास्टिक रीसाइक्लिंग, वैश्विक रीसाइक्लिंग अर्थव्यवस्था का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जिसका मूल्य वर्तमान में 317 बिलियन डॉलर है और लाखों लोग इसमें कार्यरत हैं। भारत में प्लास्टिक रीसाइक्लिंग की सही क्षमता का एहसास नहीं है, जबकि भारतीय पुनर्चक्रण उद्योग को सुव्यवस्थित करके रोजगार और राजस्व उत्पन्न करने के लिए पर्याप्त अवसर हैं।

Related posts:

‘राजस्थान में वाणिज्य शिक्षा: चुनौतियाँ एवं सम्भावना’ विषय पर राज्यस्तरीय सेमिनार आज

Muthoot Housing Finance Company Limited (MHFCL) expands presence in Rajasthan

सिटी पैलेस संग्रहालय में दुर्लभ चित्रित एवं मुद्रित मानचित्रों की प्रदर्शनी

जिंक द्वारा आयोजित शिक्षा संबल समर कैम्प सम्पन्न

Kotak Securities launches Trade Free Pro Plan for equity traders with Pay Later at only 9.75% pa

राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय बरबोदनिया में नए कक्षा कक्षों का शिलान्यास

डॉ. लक्ष्यराजसिंह मेवाड़ ने तनाव प्रबंधन का पाठ पढ़ाकर 8वां विश्व कीर्तिमान बनाया

हिंदुस्तान जिंक भारत की एकमात्र खनन कम्पनी ग्लोबल सस्टेनेबिलिटी ईयरबुक-2020 में शामिल

पेसिफिक हॉस्पिटल उमरड़ा व स्कूल शिक्षा परिवार उदयपुर के मध्य करार

launches its First Corporate Centre in the Lake City of Udaipur; 193rd in India

राजस्थान दिवस पर प्रदेश को दुनिया के तीसरे एवं देश का दूसरे सबसे बड़े क्रिकेट स्टेडियम की सौगात

बच्चों को मिठाई और पटाखे वितरित

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *