जिंक के ‘जीवन तरंग जिंक के संग‘ कार्यक्रम से अब तक 800 से अधिक लाभान्वित

उदयपुर। हिन्दुस्तान जिंक द्वारा ‘जीवन तरंग जि़क के संग‘ कार्यक्रम के तहत् राजस्थान के बधिर बच्चों के अभिभावकों के लिए जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया जिसमें 115 अभिभावकों ने भाग लिया। सत्र के दौरान कैरियर की संभावनाओं, लैंगिक समानता, बाल विवाह सहित अन्य मुद्दों पर चर्चा की गयी। जीवन तरंग कार्यक्रम के तहत् विगत 3 वर्षों में 800 से अधिक दिव्यांग लोगों को समाज की मुख्यधारा से जोड़ने का कार्य किया जा रहा है। जीवन तरंग जिंक के संग कार्यक्रम हिंदुस्तान जिंक की एक पहल है जिसका उद्देश्य दिव्यांगों के लिए समाज में समान स्थान का निर्माण करना है।
विद्यालयों और संस्थानों के साथ भागीदारी के माध्यम से जिं़क अपने परिचालन क्षेत्रों के विशेषजन बच्चों तक पहुंचा है। इनमें मूक, बधिर हानि और बौद्धिक अक्षमता वाले बच्चे शामिल हैं। लोगों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए कंपनी प्रतिबद्ध है ताकि वे अपने परिवार के सदस्यों और समाज से जुड़कर समान रूप से जीवन जी सके। इस ओर जिंक ने दृष्टिहीनों के लिए प्रौद्योगिकी आधारित और बधिर विशेषजनो हेतु सीखने के लिए साइन लैंग्वेज प्रशिक्षण की शुरुआत करके उनकी शिक्षा को मजबूत करने के लिए पहल की है।
अजमेर, भीलवाड़ा और उदयपुर के बधिर विद्यालयों के छात्रों और शिक्षकों को सांकेतिक भाषा सिखाने के लिए नोएडा डेफ सोसाइटी के साथ साझेदारी की है। दृष्टिबाधित लोगो के लिए जिंक डॉ. होमियार से जुड़ा हैं। उन्होंने कक्षा 5 से आठ तक पाठ्यपुस्तकों को श्रव्य पुस्तकों में परिवर्तित करने की सुविधा प्रदान की है। नेत्रहीन बच्चों को पढ़ाने के लिए स्कूलों में प्रशिक्षकों की स्थापना की है और श्रव्य पाठ्यपुस्तकों का उपयोग करने और उनकी पहुंच और मनोरंजन के लिए प्रौद्योगिकी का सर्वोत्तम उपयोग करने के लिए शिक्षकों को प्रशिक्षण दिया गया है।
जीवन तरंग जिंक के संग ’कार्यक्रम के माध्यम से हिंदुस्तान जिंक मुख्य रूप से राजस्थान राज्य में मूक-बधिर बच्चों को औपचारिक भारतीय सांकेतिक भाषा आईएसएल, बुनियादी अंग्रेजी साक्षरता, बुनियादी कंप्यूटर शिक्षा और नैतिक मूल्य शिक्षा के माध्यम उनकी क्षमता में वृद्धि करने का कार्य कर रही है। इनसे सबंधित विद्यालयों के शिक्षकों को आईएसएल सिखाने कार्य कर रही है ताकि शिक्षक बच्चों के साथ सांकेतिक भाषा में संवाद करें और उन्हें पढ़ाएं। जिंक अपने इस कार्यक्रम में विभिन्न जागरूकता अभियान आयोजित कर समान अवसर प्रदान कर दिव्यांगों को सामाज की मुख्यधारा से जोड़ने का कार्य कर रही है। नोएडा डेफ सोसाइटी (एनडीएस) के सहयोग से, राजस्थान के बधिर बाल विकास समिति-अजमेर, बधिर बाल कल्याण विकास समिति- भीलवाड़ा और विकास कल्याण समिति- उदयपुर में राजस्थान के बधिर बच्चों के माता-पिता के लिए जागरूकता सत्र आयोजित किए गए। एनडीएस टीम से मनीष शुक्ला एवं सुश्री पूनम ने अभिभावकों के साथ जागरूकता सत्र का संचालन किया।

Related posts:

मदार नहर में उतरी बॉब केट मशीन, नाला गैंग ने शुरू की नालों की सफाई

आईबीआर ने बांटे पुलिसकर्मियों को मास्क व सेनेटाईजर

ऊर्जा संरक्षण दिवस पर हिन्दुस्तान जिंक ने मनाया नो व्हीकल डे

HDFC Bank partners with Flywire

मुख्यमंत्री युवा संबल योजना में उदयपुर नंबर वन रैंक पर पहुंचा

हिन्दुस्तान जिंक के आतिथ्य में इंट्रा जोनल खान बचाव प्रतियोगिता का समापन

‘द मिनिएचरिस्ट ऑफ जूनागढ़’ शॉर्ट फिल्म जारी

आकृति मलिक ने स्कोल्टेक यूनिवर्सिटी में किया भारत का प्रतिनिधित्व

भगवान बिरसा मुंडा जयंती एवं जनजातीय गौरव दिवस: दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी शुरू

108 कुंडीय गायत्री महायज्ञ का दूसरा दिन

Alwar Woman Achieves Motherhood with Indira IVF Despite Period Challenges

हिंदुस्तान जिंक के सखी कार्यक्रम उठोरी अभियान में 90 हजार से अधिक को किया जागरूक