उदयपुर: बालिकाओं में होने वाली असमानताओं के प्रति जागरूकता को लेकर प्रतिवर्ष 24 जनवरी को भारत राष्ट्रीय बालिका दिवस मनाता है ताकि बालिकाओं की शिक्षा, स्वास्थ्य और पोषण के महत्व पर जोर दिया जा सके। देश की सबसे बड़ी सीसा, जस्ता और चांदी उत्पादक हिन्दुस्तान जिंक लिमिटेड बालिकाओं को सशक्त बनाने और शिक्षित करने के लिए प्रतिबद्ध है। इस वर्ष कंपनी ने जावर और आगूचा के सरकारी स्कूलों में स्वास्थ्य सेवा परियोजना के तहत उदयपुर और भीलवाड़ा जिले में दीपक फाउंडेशन के साथ मिलकर मोबाइल हेल्थ यूनिट्स के माध्यम से कई पहल की। कार्यक्रम में 150 बालिकाओं ने भाग लिया जिसमें 60 ने विभिन्न गतिविधियों में हिस्सा लिया।जावर और आगूचा सरकारी स्कूलों में शैक्षिक गतिविधियों के साथ भाषण, नृत्य और पोस्टर मेकिंग प्रतियोगिताएं आयोजित की गईं। बालिकाओं को राष्ट्रीय बालिका दिवस के लिए पोस्टर बनाने और उनकी कलाकृति पर चर्चा की जिम्मेदारी दी गई कि उन्होंने इससे क्या सीखा और आज के दिन वे क्या संदेश देना चाहती हैं। सभी बालिकाओं को बालिका शिक्षा को प्रोत्साहित करने के उनके प्रयासों के लिए स्टेशनरी किट दिए गए। इन गतिविधियों के अलावा कंपनी ने किशोर लड़कियों के स्वास्थ्य और पोषण पर ध्यान केन्द्रित करने के लिए हीमोग्लोबिन चेकअप किया। एनिमिक बालिकाओं को परामर्श सहित दवाएं वितरित की गई।हिन्दुस्तान जिंक का हमेशा से विश्वास रहा है कि हर लड़की में क्षमता होती है। जब लड़कियों को शिक्षित किया जाता है तो समाज मजबूत होता है। कंपनी सखी, खुशी, नंदघर और शिक्षा संबल जैसे अभियान संचालित करती आई है जो लड़कियों और महिलाओं को उनके अधिकारों के बारे में शिक्षित करती है और शैक्षिक, स्किल डवलपमेंट के साथ गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य की देखभाल आदि सेवाएं प्रदान करती हैं। इनसे सैकड़ों बालिकाओं और महिलाओं को लाभ हुआ है जिससे उन्हें अपनी शिक्षा पूरी करने, नेतृत्व क्षमता बनाने और कौशल आधारित नौकरी एवं करियर के अवसर खोजने में मदद मिलती है। Related posts: 1008 जागृत हनुमानजी को धराया छप्पन भोग HDFC Bank named ‘Best Bank in India’ at Euromoney…