77 मेधावी विद्यार्थियों का होगा सम्मान
उदयपुर। महाराणा मेवाड़ चैरिटेबल फाउण्डेशन, उदयपुर द्वारा शैक्षणिक, सहशैक्षणिक एवं खेलकूद के क्षेत्र में प्रतिभाशाली विद्यार्थियों को दिये जाने वाले सम्मानों के तहत् भामाशाह सम्मान, महाराणा राज सिंह सम्मान एवं महाराणा फतह सिंह सम्मान से 78 छात्र-छात्राओं को श्रेष्ठ उपलब्धियों के लिये सम्मानित किया जाएगा।
महाराणा मेवाड़ फाउण्डेशन के 41वें वार्षिक सम्मान समारोह के संयोजक डॉ. मयंक गुप्ता द्वारा सम्मानित किये जाने वाले छात्र-छात्राओं की सूची जारी करते हुए बताया कि चयनित छात्र-छात्राओं को आगामी 2 मार्च, 2025 रविवार को सिटी पैलेस, उदयपुर प्रांगण में सायं 4.30 बजे एक विशेष समारोह में फाउण्डेशन के प्रबंध न्यासी डॉ. लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ द्वारा सम्मानित किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि फाउण्डेशन द्वारा राजस्थान स्तर के स्नातक स्तरीय विद्यार्थियों को दिये जाने वाले अकादमिक भामाशाह सम्मान के तहत इस वर्ष 2023-2024 के 15 विद्यार्थियों को सम्मानित किया जाएगा। प्रत्येक छात्र को ग्यारह हजार एक रुपये, प्रशस्तिपत्र एवं पदक प्रदान किये जायेंगे।
भामाशाह सम्मान
(सन् 1983-84 में स्थापित)
भामाशाह कावड़िया गोत्र से ओसवाल जाति के महाजन भारमल के सुपुत्र थे। इनके पिता को महाराणा सांगा ने रणथम्भौर का किलेदार नियुक्त किया था। भामाशाह वीर प्रकृति के पुरुष थे, वे प्रसिद्ध हल्दीघाटी के युद्ध में कुंवर मानसिंह की सेना के विरुद्ध लड़े थे। महाराणा प्रताप ने इन्हें अपना प्रधानमंत्री बनाया था।
महाराणा प्रताप ने चावण्ड में रहते भामाशाह को मालवे पर चढ़ाई करने के लिए भेजा, जहां से भारी रकम दण्ड में लेकर चूलिया गांव में महाराणा की सेवा में उपस्थित हुए और वह सारी रकम महाराणा को प्रदान की। भामाशाह के देहांत होने पर उनके सुपुत्र जीवाशाह अपने पिता की लिखी बही के अनुसार जगह-जगह से खजाना निकालकर लड़ाई का खर्च चलाते रहे।
‘भामाशाह सम्मान’ भामाशाह की प्रेरणादायी स्वामीभक्ति को समर्पित है। महाराणा मेवाड़ चैरिटेबल फाउण्डेशन, उदयपुर की ओर से प्रतिवर्ष राजस्थान में स्थित विभिन्न विश्वविद्यालयों के विद्यार्थियों का स्नातक परीक्षा में सर्वोच्च अंकों के लिए भामाशाह सम्मान प्रदान किया जाता है।
भामाशाह सम्मान हेतु वर्ष 2023-2024 की परीक्षाओं में उत्तीर्ण विद्यार्थियों की सूची प्रतिशत एवं सीजीपीए से इस प्रकार है: –
नंदिनी त्रिवेदी कला 82.40, धीरज कुँवर रावल बी.एड. 90.35, नंदिता राणावत बी.ए.बी.एड. 80.12, यक्षिता सुथार बी.एससी.बी.एड. 87.57, केशव सोलंकी पुस्तकालय एवं सूचना विज्ञान स्नातक 91.10, पायल वैष्णव बी.एससी.82.64, श्रीया भट्ट कृषि विज्ञान 90.70, अरनी अहमद नूरी खाद्य पोषण एवं आहार विज्ञान 86.80, वैभव वर्धन सिंह राठौड़ खाद्य प्रौद्योगिकी 86.70, रिया भटनागर संगणक विज्ञान 9.16, लवनेश जैन सी.ए. 73, डॉ. विश्व मेहता एम.बी.बी.एस.75.77, डॉ. आरती सिंह राठौड़ बी.वी.एससी. एंड ए.एच. 90.63, डॉ. निधि शर्मा बी.ए.एम.एस.79.91 तथा डॉ. रीनल जैन फार्मा.डी 82.58
महाराणा राजसिंह सम्मान
(सन् 1980-81 में स्थापित)
महाराणा राजसिंह मेवाड़ के 58वें श्री एकलिंग दीवान थे। इनका शासन काल (1652 से 1680 तक) स्वाभिमान और स्वातंत्र्य प्रेम के लिए विख्यात रहा है। महाराणा राजसिंह रणकुशल, साहसी वीर, निर्भीक, सच्चे क्षत्रिय, बुद्धिमान, धर्मनिष्ठ और दानी राजा थे। बादशाह औरंगजेब के द्वारा हिन्दुओं पर जजिया कर लगाने, मूर्तियां तुड़वाने आदि अत्याचारों का महाराणा राजसिंह ने दृढ़तापूर्वक विरोध किया। यह विरोध केवल पत्रों तक परिमित न रहा। बादशाह की हिन्दू धर्म विरोधी नीति एवं अत्याचारों से जतीपुर के गिरिराज पर्वत से ठाकुर जी श्रीनाथजी तथा गोकुल से ठाकुर जी श्री द्वारकाधीश जी को लेकर मेवाड़ पधारे गुसाँई जी को आश्रय देकर तथा उन मूर्तियों को अपने राज्य में स्थापित कराकर राज धर्म निष्ठा का परिचय भी दिया। बादशाह से संबंध की हुई चारूमति से उनकी इच्छानुसार उसके धर्म की रक्षा के लिए उन्होंने निर्भयता के साथ विवाह किया। जोधपुर के अजीतसिंह को अपने यहां आश्रय दिया और जजिया कर देना स्वीकार नहीं किया। इन सब बातों के कारण उन्हें औरंगजेब से बहुत सी लड़ाइयां लड़नी पड़ी। इन लड़ाइयों में उन्होंने जो वीरता रणकुशलता और नीतिमत्ता दिखाई वह प्रशंसनीय थी।
श्री गुप्ता ने बताया कि उनके इसी सम्मान में उदयपुर नगर परिषद् सीमा में अवस्थित महाविद्यालयों तथा उदयपुर स्थित विश्वविद्यालयों से सम्बद्ध महाविद्यालयों में अध्ययनरत विद्यार्थियों को खेल-कूद, सांस्कृतिक-सहशैक्षणिक प्रवृत्तियों के लिये महाराणा राजसिंह सम्मान के तहत इस के 18 विद्यार्थियों में प्रत्येक को ग्यारह हजार एक रु., प्रशस्तिपत्र एवं पदक से सम्मानित किया जाएगा। वर्ष 2023-2024 के लिए 17 विद्यार्थियों को सम्मानित किया जाएगा, जिनकी सूची इस प्रकार है: आमील अली मुक्केबाजी, कर्णिका चंपावत कीक-बॉक्सिंग, सुनिल कुमार मीणा तीरंगदाज़ी, सुनीता मीणा लेक्रोज, मीरा कुमारी दौजा लेक्रोज, जुला कुमारी गुर्जर लेक्रोज, हेमलता डाँगी लेक्रोज, विशाखा मेघवाल लेक्रोज, नन्दिनी छीपा अमेरिकन फुटबॉल, किरण सोनी जूड़ो, प्रिती सारंगदेवोत हेंडबॉल, उन्नति चौहान हेंडबॉल, कीर्तिवर्धन सिंह राठौड़ बास्केटबॉल, निखिल जांगिड़ तैराकी, चंचल नागदा एन.सी.सी. निशानेबाजी, आर्य श्रेष्ठ नाथ चौहान एन.सी.सी.-एयर बेस्ट पायलेट तथा ईशा उदावत एन.सी.सी.-नवल बेस्ट कैडेट।
महाराणा फतह सिंह सम्मान
(वर्ष 1980-81 में स्थापित )
महाराणा फतहसिंह तेजस्वी, कुलाभिमानी, पराक्रमी, सहनशील, सदाचारी, कर्त्तव्यपरायण, परोपकारशील, धर्मनिष्ठ, शरणागत-वत्सल और आदर्श शासक थे। आपत्ति के मारे बाहरी राज्यों से आये हुए कई प्रतिष्ठित व्यक्तियों को अपने यहां आश्रय देकर उन्होंने अपनी कुल परम्परागत प्रथा का पालन किया। अंग्रेजों द्वारा आयोजित दिल्ली के दरबार में भारतीय नरेशों एवं नवाबों की उपस्थिति अनिवार्य समझी जाने पर भी उन्होंने दो-दो बार इस गुलामी की परम्परा की अवज्ञा कर मेवाड़ के स्वाभिमान और स्वतंत्रता प्रेम की रक्षा की।
उन्होंने बताया कि फाउण्डेशन द्वारा शैक्षणिक, सहशैक्षणिक एवं खेलकूद के क्षेत्र में प्रतिभाशाली विद्यार्थियों को दिये जाने वाले महाराणा फतह सिंह सम्मान के तहत इस वर्ष 2023-2024 के 38 विद्यार्थियों को श्रेष्ठ उपलब्धियों के लिये सम्मानित किया जाएगा। प्रत्येक छात्र को ग्यारह हजार एक रुपये, प्रशस्तिपत्र एवं पदक प्रदान किये जायेंगे। जिनकी सूची इस प्रकार हैः-
केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की 12वीं की परीक्षा के लिये: विज्ञान संकाय में शौनिक जैन 98.20, अज़ीम अहमद 97.20, उर्षिता सोलंकी 96.60, वाणिज्य संकाय में निलय डांगी 99.40, प्रियांशी माथुर 97.60, कला संकाय में कृति व्यास 99, धानी जैन 98.40, प्रिया तेली 97.80, माध्यमिक परीक्षा में सुश्रुता बासकरण 98.60, अहोना सेन 98.20, मानवेन्द्र सिंह 98
माध्यमिक शिक्षा बोर्ड, राजस्थान 12वीं की परीक्षा के लिये: विज्ञान संकाय में हिनल जैन 98.40, कृति सेवक 97.80, हिमांशी आमेटा 97.60, वाणिज्य संकाय में रितिका तेली 95.20, खुशी गारू 95, नैंसी 92.60 कला संकाय में जया खारोल 95.20, रिया वैष्णव 95.20, सौम्या सेठ 95, माध्यमिक परीक्षा में हिरल गोस्वामी 98.83, भव्या डांगी 97.50, माही द्विवेदी 96.83
खेलकूद तथा सहशैक्षिक एवं शैक्षणेत्तर गतिविधियों के लिये:
संजरी सिंघवी मुक्केबाजी, अभिषेक पटवा मुक्केबाजी, दिशिता आर्य कराटे, भव्य श्रीमाली कीक-बॉक्सिंग, भावेश चौधरी कीक-बॉक्सिंग, हर्षी जैन कराटे/कीक-बॉक्सिंग, आयुषी कावड़िया बेडमिंटन, दक्षिता कुमावत शतरंज, डोली सिंह चौहान जूड़ो, पूर्वा श्रीमाली कीक-बॉक्सिंग, कृति चावरिया मुक्केबाजी, गीत जैन शतरंज, करण मेनारिया कीक-बॉक्सिंग, दिविज सोलंकी कीक-बॉक्सिंग, कुलसीरत कौर बग्गा तैराकी।
महाराणा फतह सिंह विशिष्ट सम्मान – 2025
उच्च माध्यमिक परीक्षा विज्ञान में वासनी कला मावली की भूमिका राणावत 99, कला में माल की टूस की अंजलि नागदा 98.00 माध्यमिक परीक्षा के लिये नाथद्वारा की हर्षिका मेहरा 99.67, कानोड़ के प्रखर चौबीसा 97.67, झाडोल फलासिया के विशाल पटेल 96.83 राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय, गोरेला, सिसारमा की दिव्या पंवार को जूड़ो तथा कायाकिंग खिलाड़ी सक्षम कुमावत को फतहसागर झील में दो किशार को डूबने से बचाकर अदम्य साहस का परिचय देने के लिए चुना गया। 7 विद्यार्थियों को विशिष्ट सम्मान से सम्मानित किया जाएगा।
महाराणा मेवाड़ फाउण्डेशन का 41वाँ वार्षिक विद्यार्थी सम्मान समारोह
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