उदयपुर । खाने में नशीली दवा मिलाकर सुखेर में एक व्यवसायी के घर में 22 लाख की लूट करने वाली नेपाल की अंतरराष्ट्रीय गैंग के मास्टरमाइंड समेत 3 आरोपियों को उदयपुर पुलिस ने गिरफ्तार किया है।
9 जुलाई के दिन उदयपुर के सुखेर थाना के न्यू मॉर्डन काम्पलेक्स निवासी संजय गांधी (47), पत्नी शिल्पा गांधी (40) बेटा शौर्य (10) और बेटी नियोनिका (18) को खाने में नशीला पदार्थ देकर घर में 1 महीने पहले काम करने आई नेपाल की कामवाली ने अपने 4 साथियों को बुलाकर 22 लाख की लूट कर ली थी। इस पूरी वारदात में कुल 10 लोग शामिल थे। 11 दिन बाद पुलिस ने दिल्ली, यूपी और नेपाल में आरोपियों का पीछा कर 3 को गिरफ्तार किया है। इसमें मास्टरमाइंड समेत 2 अन्य को पकड़ा है। इसी मामले को लेकर आज पुलिस ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर मामले का खुलासा किया है।
उदयपुर के पुलिस अधीक्षक योगेश गोयल ने बताया कि घटना को लेकर मास्टरमाइंड वीर बहादुर उर्फ बल बहादुर धामी (38) पिता नर बहादुर धामी निवासी केसीग-4, थाना होयल, जिला डोटी नेपाल, हीरा सिंह (31) पिता लाल बहादुर कामी निवासी कोसिंग-3, थाना होयल जिला डोटी नेपाल और ड्राइवर अफजल (29) पिता अयूब खान पठान उम्र 29 साल निवासी वरुण कॉम्प्लेक्स कोडली, थाना अशोक नगर, ईस्ट दिल्ली को गिरफ्तार किया है।
उन्होंने बताया कि एडिशनल एसपी उमेश ओझा, सीओ कैलाश चंद्र खटीक के सुपरविजन में सुखेर SHO हिमांशु सिंह राजावत के निर्देशन में टीमें गठित की गई। इसमें पुलिस ने छानबीन कर आसपास नेपाली चौकीदारों और घरेलू काम काज करने वाले लोगों के बारे में पता किया गया। इस दौरान मोबाइल प्लेसमेंट एजेंसी तक पहुंचे तो करिश्मा के बारे में जानकारी मिली। साइबर टीम की और मदद से आरोपी करिश्मा के मोबाइल की जानकारी जुटाई तो मालूम चला कि यह फोन मुंबई से लिया गया है। इसके बाद SI धनपत सिंह के नेतृत्व में टीम मुंबई गई तो मालूम चला कि यह फोन मुंबई से चोरी हुआ था।
पुलिस के अनुसार, इसी दौरान उदयपुर के आसपास के इलाकों के CCTV चेक किए। घटनास्थल से गोमती चौराहा, घटनास्थल से पिंडवाड़ा (सिरोही) तथा घटनास्थल से मंगलवाड़ तक होटलों-टोल नाकों के 200 से अधिक सीसीटीवी कैमरा चेक किए। 200 से ज्यादा CCTV खंगालने के बाद एक अर्टिगा कार चिन्हित की गई। जांच में सामने आया कि ये लोग वारदात कर पैदल ही निकले थे। इसके बाद सेलिब्रेशन मॉल के आगे से वे इस कार में सवार हुए।
जांच की तो सामने आया कि अर्टिगा प्रयागराज (यूपी) के रहने वाले पंकज मिश्रा के नाम पर है। टीम को प्रयागराज भेजा गया। इसी दौरान सामने आया कि करिश्मा दिल्ली में हो सकती है। इसपर SI कर्मवीर सिंह के नेतृत्व में दिल्ली रवाना की गई। इसी दौरान ये मालूम चला कि इस गैंग को ऑपरेट करने वाला वीर बहादुर दिल्ली में ही है। पुलिस ने गुरुग्राम सेक्टर 31 पर इफको चौक पर घेराबंदी कर उसे पकड़ा। इसी मास्टरमाइंड की निशानदेही पर दूसरा आरोपी हीरा सिंह दुर्गा टॉकीज के पास, नोएडा से पकड़ा। पूछताछ में दोनों ने वारदात का प्लान बनाकर डकैती डालना कबूल किया।
पूछताछ में दोनों ने बताया- नेपाल से जिस महिला को बुलाया गया था उसका असली नाम करिश्मा की नहीं लक्ष्मी था। दोनों ने ही प्लान बना कर उदयपुर की प्लेसमेन्ट एजेन्सी संचालक संजोक नाम के व्यक्ति से मिलकर लक्ष्मी उर्फ करिश्मा को संजय गांधी के यहां पर काम पर लगाया। उसके बाद नेपाल से अपने साथी दिनेश, मिथुन, कांचा उर्फ सुरेन्द्र, सन्नी, शिवा, राहुल को बुलाया और घटना करने के लिए भेजा। इसके बाद अपने ही पूर्व परिचित अफजल को कार अर्टिगा लेकर बुलाया तथा डकैती की वारदात करवा कर सभी 6 आरोपी को चम्पावत बनबास बॉर्डर (छत्तीसगढ़) छोड़ दिया जहां से वे नेपाल चले गए।
इसके बाद बाकी के 7 बदमाशों को पकड़ने के लिए पुलिस का दल नेपाल बॉर्डर भेजा गया। यहां आरोपियों के नेपाल में होने की जानकारी मिली। यहां नेपाल में पता किया किया तो सभी फरार हो चुके थे।
पुलिस की जांच में सामने आया कि डकैती की वारदात में शामिल आरोपी ड्राइवर दिल्ली में है। ऐसे में दिल्ली आकर अफजल को भी गिरफ्तार कर उदयपुर लाया गया। पूछताछ में सामने आया कि उसे लूट की रकम देने का लालच दिया गया था।
इसके साथ ही वीर बहादुर और हीरा सिंह से हुई पूछताछ में पुलिस को अन्य राज्यों में करोड़ों रुपए की डकैती के मामले उजागर होने की जानकारी सामने आई है। इससे पहले पूरी वारदात का मास्टरमाइंड वीर बहादुर पहले मेरठ (उत्तर प्रदेश) में की गई 7 करोड़ रुपए की डकैती के मामले में फरार चल रहा था। इसपर 5 लाख का इनाम घोषित है। उत्तर प्रदेश पुलिस ने इसे गिरफ्तार करने के लिए नेपाल भी गई थी। लेकिन, नेपाल पुलिस ने आरोपी को लाने की संधि नहीं होने से नियमों के कारण इसे भारत नहीं लाया जा सका था। वीर बहादुर के कब्जे से बेहोशी के लिए दी जाने वाली दवा भी जब्त की गई है। इसी नेपाली गैंग द्वारा निजामुद्दीन में एक डॉक्टर के घर डकैती करते समय हत्या की थी।दिल्ली, हरियाणा तथा उत्तर प्रदेश पुलिस को आरोपियों के आगामी प्लान के बारे में जानकारी दी जाकर होने वाली घटनाओं को रोका गया ।