हिन्दुस्तान जिंक अपने लॉजिस्टिक्स को पूरी तरह से ग्रीन बनाने के लिए 100 इलेक्ट्रिक और 100 एलएनजी ट्रकों को शामिल करेगी
उदयपुर। दुनिया की सबसे बड़ी और भारत की एकमात्र एकीकृत जिंक उत्पादक कंपनी, हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड ने देश की अग्रणी ग्रीन लॉजिस्टिक्स ऑपरेटर, ग्रीनलाइन मोबिलिटी सॉल्यूशंस लिमिटेड, एस्सार वैंचर के साथ पार्टनरशीप में भारत के सबसे बड़े ग्रीन लॉजिस्टिक्स बदलावों में से एक की शुरुआत की है। यह सहयोग उन्नत इलेक्ट्रिक और एलएनजी ट्रकों की तैनाती के माध्यम से अपनी आपूर्ति श्रृंखला के 100 प्रतिशत डीकार्बोनाइजेशन को प्राप्त करने की दिशा में हिन्दुस्तान जिंक द्वारा किये जा रहे तेज प्रयासों में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह विस्तार हिन्दुस्तान जिंक़ के नेट जीरो उत्सर्जन के लक्ष्य की दिशा में बड़ा कदम है, जो इसकी आपूर्ति श्रृंखला में ईवी और एलएनजी ट्रकों के व्यापक एकीकरण से संभव हुआ है।

इस रणनीतिक सहयोग के तहत, ग्रीनलाइन 400 करोड़ रूपयों का निवेश कर 100 इलेक्ट्रिक ट्रक तैनात करेगी, जो कंपनी की माइंस और स्मेल्टर्स के बीच इंटर यूनिट कंसन्ट्रेट को लाने ले जाने के लिए डीजल वाहनों की जगह लेंगे। इसके अलावा, 24 घण्टें संचालन के लिए 3 हाई-कैपेसिटी बैटरी स्वैपिंग स्टेशन के साथ भारत का पहला बैटरी स्वैपिंग सिस्टम स्थापित किया जाएगा। 100 नए एलएनजी ट्रकों को जोड़कर हिन्दुस्तान जिंक के एलएनजी वाहनों का विस्तार भी किया जाएगा, जिससे लंबी दूरी के तैयार माल परिवहन के लिए यह दोगुना होकर 200 हो जाएगा।
हिन्दुस्तान जिंक लिमिटेड के सीईओ अरुण मिश्रा ने कहा कि हम सस्टेनेबल प्रेक्टिस को आगे बढ़ाने के प्रति अपनी प्रतिबद्धता में निरंतर अग्रसर हैं और मेन्यूफैक्चरिंग का भविष्य पर्यावरण के अनुकूल है। ईवी और एलएनजी ट्रकों का यह बडे पैमाने पर संचालन नेट-जीरो की हमारी यात्रा में महत्वपूर्ण कदम है, जिससे एक स्वच्छ, अधिक सस्टेनेबल आपूर्ति श्रृंखला का निर्माण होता है।
यह विस्तार सस्ती आवाजाही की दरों के माध्यम से लागत दक्षता प्रदान करेगा और अनुमान है कि इससे प्रति माह लगभग 236 मीट्रिक टन कार्बन उत्सर्जन कम होगा, जो लगभग 12,000 पेड़ लगाने के बराबर है। संयुक्त रूप से, इस पहल से सालाना लगभग 1,50,000 टन स्कोप 3 उत्सर्जन कम होने की उम्मीद है, जिससे हिन्दुस्तान जिं़क की 2050 तक या उससे पहले नेट-जीरो बनने की प्रतिबद्धता और भारत की हरित विकास महत्वाकांक्षाओं को समर्थन मिलेगा।
ग्रीनलाइन के सीईओ आनंद मिमानी ने कहा कि, स्वच्छ परिवहन भविष्य का विकल्प नहीं, बल्कि आज की जिम्मेदारी है। हिन्दुस्तान जिंक के साथ यह साझेदारी बड़े पैमाने पर लॉजिस्टिक्स को डीकार्बोनाइज करने की हमारी साझा जरूरत को दर्शाती है, और सभी क्षेत्रों में औद्योगिक डीकार्बोनाइजेशन के लिए स्केलेबल मॉडल स्थापित करती है। ब्लू एनर्जी मोटर्स द्वारा निर्मित हमारे एलएनजी और ईवी वाहनों के साथ, हम नवाचार, सस्टेनेबिलिटी और वास्तविक दुनिया के प्रभाव को एक ऐसे तरीके से एक साथ ला रहे हैं जो उद्योग के लिए व्यावहारिक और प्रभावशाली है।
एस एंड पी ग्लोबल कॉर्पोरेट सस्टेनेबिलिटी असेसमेंट 2024 द्वारा मेटल और माइनिंग क्षेत्र में दुनिया की सबसे सस्टेनेबल कंपनी के रूप में मान्यता प्राप्त, हिन्दुस्तान जिंक जिंक ने हाल ही में अपने महत्वाकांक्षी 2030 एसडीजी लक्ष्यों की घोषणा की। ये लक्ष्य जलवायु परिवर्तन, जल प्रबंधन, जैव विविधता संरक्षण, जिम्मेदार सोर्सिंग, सर्कुलर इकोनॉमी, कार्यबल विविधता और सामाजिक प्रभाव जैसे विभिन्न विषयगत क्षेत्रों में फैले महत्वाकांक्षी लक्ष्यों को कवर करते हैं। कंपनी ने 2020 बेसलाइन से स्कोप 1 और 2 उत्सर्जन में 50 प्रतिशत और स्कोप 3 उत्सर्जन में 25 प्रतिशत की कमी हासिल करने की प्रतिबद्धता जताई है।
ग्रीनलाइन वर्तमान में 650 से अधिक एलएनजी ट्रकों का संचालन करती है, जो एफएमसीजी, ई-कॉमर्स, धातु एवं खनन, सीमेंट, तेल एवं गैस, और रसायन क्षेत्र के ग्राहकों को सेवाएँ प्रदान करते हैं। इसके बेड़े ने 5 करोड़ किलोमीटर से ज्यादा की दूरी तय की है, जिससे 14,000 टन से अधिक सीओ2 उत्सर्जन में कमी आई है। कंपनी की योजना 10,000 से अधिक स्वच्छ ट्रकों तक विस्तार करने की है, जिन्हें 100 एलएनजी ईंधन भरने वाले स्टेशनों, ईवी चार्जिंग केंद्रों और बैटरी स्वैपिंग सुविधाओं के एक राष्ट्रव्यापी नेटवर्क द्वारा सहायता प्रदान की जाएगी – एक एकीकृत हरित गतिशीलता पारिस्थितिकी तंत्र जिसका लक्ष्य कार्बन उत्सर्जन में सालाना 10 लाख टन तक की कटौती करना है।