हिन्दुस्तान जिंक की सखी परियोजना के तहत् महिला सशक्तिकरण की पहल

35 प्रशिक्षित सखी महिलाएं बनी कम्युनिटी फील्ड कोऑर्डिनेटर्स
उदयपुर :
समुदाय आधारित विकास को बढ़ावा देने के लिए महत्वपूर्ण पहल के तहत, दुनिया की सबसे बड़ी एकीकृत जिंक उत्पादक कंपनी हिन्दुस्तान जिंक लिमिटेड ने अपनी प्रमुख सीएसआर परियोजना सखी के माध्यम से राजस्थान और उत्तराखंड के छह जिलों में 35 प्रशिक्षित महिलाओं को कम्युनिटी फील्ड कोऑर्डिनेटर्स बनाया हैै। ये महिलाएं एक महत्वपूर्ण कड़ी और उत्प्रेरक के रूप में काम करेंगी, जो स्वयं सहायता समूहों को और अधिक प्रभावी बेहतर ढंग से काम करने में मदद करेंगी। वे ग्रामीण महिलाओं को आजीविका के अवसर उपलब्ध कराने, गांव स्तर की समस्याओं को सुलझाने और सामुदायिक स्वामित्व की भावना को बनाए रखने में सहयोग करेंगी। इन महिलाओं को योजना बनाने, समय प्रबंधन, नेतृत्व और संगठित करने जैसे आवश्यक कौशल में प्रशिक्षित किया गया है, ताकि वे स्थानीय विकास कार्यों में निरंतरता और व्यावसायिकता ला सकें।


यह हिन्दुस्तान जिंक के सीएसआर कार्यकम की प्रमुख परियोजना सखी के तहत् की गयी पहल है, जिसने राजस्थान और उत्तराखंड में 27,000 से अधिक महिलाओं के साथ लगभग 2,100 स्वयं सहायता समूहों का मजबूत नेटवर्क बनाया है। हिन्दुस्तान जिंक लिमिटेड की पहल सखी के तहत् अपने 9वें वर्ष में, महिला नेतृत्वकर्ताओं को आगे लाने की एक सराहनीय पहल की है। यह पहल सामुदायिक संस्थाओं को सशक्त बनाने और समुदाय से नेतृत्वकर्ता तैयार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इसकी सामाजिक पहल उठोरी,, लिंग असमानता, घरेलू हिंसा, बाल विवाह और मासिक धर्म स्वास्थ्य जैसे मुद्दों पर काम करती है, जिसने 20,000 से अधिक स्कूली छात्रों सहित 3 लाख से अधिक लोगों तक अपनी पहुँच बनाई है।
इन फील्ड कोआॅर्डिनेटर्स के पास जमीनी स्तर का वर्षों का अनुभव है, जो सखी आंदोलन से गहराई से जुड़ी हैं एवं ग्रामीण और आदिवासी महिलाओं को सामुदायिक नेतृत्व में कदम रखने के लिए प्रेरित करती है। सुनारिया खेड़ा की पूजा चैहान, सामान्य गृहिणी से बढ़कर अब दरीबा में सखी समृद्धि समिति की अध्यक्ष के रूप में नेतृत्व कर रही हैं और अन्य महिलाओं को वित्तीय स्वतंत्रता की ओर मार्गदर्शन करती हैं। इसी तरह, देबारी की ममता कुंवर स्टिचिंग यूनिट और लेखा सखी के रूप में अपना कार्य शुरू कर, सखी प्रेरणा समितिश् की फेडरेशन मैनेजर बन हैं। वह अब 10 से अधिक स्वयं सहायता समूह का सहयोग करती हैं और अपने गाँव में विश्वसनीय मार्गदर्शक के रूप में कार्यरत हैं।


ये 35 कम्युनिटी फील्ड कोऑर्डिनेटर्स अब गाँव स्तर के संस्थानों के लिए मार्गदर्शक की भूमिका निभाएंगी। वे दैनिक कार्यों में सहयोग, अधिकारों तक आसान पहुँच को सक्षम बनाएंगी, समूह स्तर की चुनौतियों को हल करेंगी और महिलाओं को आगे बढ़ाने में सहयोग करेंगी। उनकी उपस्थिति यह सुनिश्चित करती है कि हर गाँव में समुदाय के विकास की यात्रा में सहयोग करने के लिए एक प्रशिक्षित और विश्वसनीय हाथ हो।
यह पहल हिन्दुस्तान जिंक की समग्र सामुदायिक विकास दृष्टि का हिस्सा है, जो समावेशी और सशक्त समुदायों का निर्माण करती है। शिक्षा, स्वास्थ्य, जल और स्वच्छता, महिला सशक्तिकरण, पर्यावरण और आजीविका पर केंद्रित कार्यक्रमों के माध्यम से, कंपनी 2,300 से अधिक गांवों में 2.3 मिलियन से अधिक लोगों तक पहुँचती है। महिलाओं को उपकरण, मंच और उद्देश्य प्रदान कर, हिन्दुस्तान जिं़क केवल बदलाव को सक्षम ही नहीं कर रहा है, बल्कि समुदायों को स्वयं इसका नेतृत्व करने के लिए सशक्त बना रहा है।

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