हिन्दुस्तान जिंक ने बाघदर्रा मगरमच्छ संरक्षण रिजर्व में शुरू किया पौधरोपण अभियान

हरियालो राजस्थान अभियान में एक पेड़ माँ के नाम के तहत हरितिमा में योगदान
रिजर्व सरंक्षण हेतु कंपनी ने हाल ही में वन विभाग, उदयपुर के साथ 5 करोड़ का एमओयू किया
उदयपुर :
विश्व की सबसे बड़ी एकीकृत जिंक उत्पादक कंपनी हिन्दुस्तान जिंक ने, वन विभाग, उदयपुर के सहयोग से, सरकार के हरियालो राजस्थान अभियान के तहत बाघदर्रा मगरमच्छ संरक्षण रिजर्व में प्रमुख पहल एक पेड़ माँ के नाम के तहत बड़े पैमाने पर पौधरोपण अभियान का आयोजन किया। इस अभियान में हिन्दुस्तान जिंक के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अरुण मिश्रा, मुख्य वन संरक्षक, उदयपुर एसआर यादव, उप वन संरक्षक, उदयपुर यादवेंद्र सिंह चुंडावत, सेवानिवृत्त मुख्य वन संरक्षक, उदयपुर राहुल भटनागर सहित गणमान्य व्यक्तियों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। इस अवसर पर मुख्य परिचालन अधिकारी हिन्दुस्तान जिंक किशोर कुमार एस, हेड सीएसआर वेदांता अनुपम निधि, हेड एचएसई एवं पर्यावरण प्रदीप सिंह, सहित 100 से अधिक वालंटियर, हिन्दुस्तान जिंक के कर्मचारी, वन विभाग के अधिकारी और जिंक कौशल, उदयपुर के छात्र शामिल थे।

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कार्यक्रम के दौरान, 5,000 पौधे लगाने और उनकी देखभाल करने का लक्ष्य रखा गया, जिससे हरियाली और जैव विविधता संरक्षण के प्रति प्रतिबद्धता को बल मिलेगा। इस पहल का उद्देश्य प्रत्येक व्यक्ति को अपनी माँ या किसी अन्य प्रियजन के नाम पर एक पेड़ लगाने के लिए प्रोत्साहित करना है, जिससे प्रकृति के साथ एक भावनात्मक बंधन बने और साथ ही स्वस्थ पर्यावरण में योगदान हो।
कार्यक्रम में हिन्दुस्तान जिंक के मुख्य कार्यकारी अधिकारी, अरुण मिश्रा ने कहा कि, मैं बाघदर्रा में वन्यजीवों के संरक्षण के लिए वन विभाग के समर्पित प्रयासों की सराहना करता हूँ। हिन्दुस्तान जिंक में, हमें इस हेतु विकास में योगदान देने पर गर्व है और हम चाहते हैं कि उदयपुर न केवल अपनी झीलों और महलों के लिए, बल्कि बाघदर्रा जैसे अपने प्राचीन प्राकृतिक आवासों के लिए भी प्रसिद्ध हो। हमारी प्रतिबद्धता आज के वृक्षारोपण अभियान से कहीं आगे जाती है। हम बाघदर्रा की प्रजातियों की रक्षा और उसकी समृद्ध जैव विविधता के संरक्षण में सहयोग देने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
मुख्य वन संरक्षक एसआर यादव ने कहा कि, हरियालो राजस्थान अभियान के तहत, हमने हिन्दुस्तान जिंक और वन विभाग, उदयपुर के सहयोग से विकास योजना के तहत बाघदर्रा में 5,000 से अधिक पौधे लगाने के लक्ष्य के साथ वृक्षारोपण अभियान की शुरूआत की है। यह प्रयास केवल वृक्षारोपण तक ही सीमित नहीं है, इसमें पैदल मार्ग, जंगल भ्रमण और प्रकृति पथ विकसित करने जैसी इको-टूरिज्म पहल के साथ-साथ आक्रामक प्रजातियों को हटाने और भूमि को पुनर्स्थापित करने जैसे आवास प्रबंधन भी शामिल हैं। ये सभी कदम बाघदर्रा के समग्र विकास और इसकी अनूठी जैव विविधता के संरक्षण में योगदान देंगे।
इस वर्ष की शुरुआत में, हिन्दुस्तान जिंक ने बाघदर्रा मगरमच्छ संरक्षण रिजर्व के पुनरुद्धार के लिए 5 करोड़ के निवेश हेतु वन विभाग, उदयपुर के साथ एमओयू पर हस्ताक्षर किए थे। यह परियोजना बड़े पैमाने पर वनरोपण और आवास पुनर्स्थापन, पर्यावरण-अनुकूलन, आगंतुक सुविधाओं और पैदल मार्गों के विकास, तालाबों और चेकडैम जैसी जल संरक्षण संरचनाओं के निर्माण और मगरमच्छों व अन्य वन्यजीवों की सुरक्षा व पोषण हेतु वैज्ञानिक सलाह के साथ केंद्रित है।

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