दरीबा स्मेल्टिंग कॉम्प्लेक्स और जिंक स्मेल्टर देबारी को ग्रीनको गोल्ड और सिल्वर रेटिंग

उदयपुर। देश के एकमात्र और विश्व के दूसरे सबसे बड़े एकीकृत जस्ता-सीसा-चांदी उत्पादक, हिंदुस्तान जिंक ने ग्रीनको गोल्ड और ग्रीनको सिल्वर रेटिंग हासिल की है। दरीबा स्मेल्टर कॉम्प्लेक्स को गोल्ड रेटिंग एवं जिंक स्मेल्टर देबारी को सिल्वर ग्रीनको अवार्ड से सम्मानित किया गया।
यह पुरस्कार जयपुर में सीआईआई सम्मेलन के 5वें संस्करण में राजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अध्यक्ष सुधांशु पंत द्वारा प्रदान किया गया। इस अवसर पर हिन्दुस्तान जिंक के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अरुण मिश्रा को वक्ता के रूप में आमंत्रित किया गया। उन्होंने पर्यावरण जागरूकता पर अपना गहन दृष्टिकोण विचार रखे। मिश्रा ने कहा कि कोविड -19 महामारी के दौरान तात्कालिकता ने व्यवसायों को निरंतर विकास में उनकी जिम्मेदारी के बारे में जागरूक किया है। हिंदुस्तान जिंक में, उत्पादन से पहले पर्यावरणीय अनुपालन और स्थिरता सूचकांक महत्वपूण थे। राजस्थान में अग्रणी कंपनी के रूप में, हिंदुस्तान जिंक ने 200 मेगावाट अक्षय ऊर्जा की पहल की हैं और लक्ष्य 2050 तक ऊर्जा उत्पादन के लिए कोयले की खपत को खत्म करना है। राजस्थान में देश के लिए भविष्य का ऊर्जा घर बनने की क्षमता है। राज्य सरकार को विश्व स्तर पर जस्ता खनन क्षमता को बढ़ाकर, अक्षय ऊर्जा उत्पादन को बढ़ावा देने और जस्ता बैटरी के रूप में ऊर्जा भंडारण समाधान प्रदान करने के इस अवसर का लाभ उठाना चाहिए। उन्होंने बल देते हुए कहा कि सस्टेनेबिलिटी अब विकल्प नहीं है, पर्यावरण जागरूकता हमें अन्य से अलग पहचान दिलाती है।
ग्रीनको रेटिंग समग्र दृष्टिकोण का उपयोग कर व्यवसायों की उनकी गतिविधियों की पर्यावरण हेतु किये गये कार्या एवं महत्वपूर्ण पहलुओं पर मूल्यांकन करता है। ग्रीनको रेटिंग प्रणाली का कार्यान्वयन कंपनियों को नेतृत्व और दिशा देता है कि वे किस प्रकार अपने उत्पादों, सेवाओं और प्रक्रियाओं को पारिस्थितिक रूप से अधिक सस्टेनेबल बनाए।
कार्यक्रम का उद्देश्य सरकार और उद्योग को चर्चा करने के लिए एक मंच प्रदान करना है, कैसे 7आर उपकरणों को लागू करके और अत्याधुनिक तकनीकों को लागू करके भविष्य के लिए तैयार हरित पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण करना है। साथ ही साथ शून्य उत्सर्जन प्राप्त करने के लिए ग्रीनको रेटिंग और अन्य सर्वोत्तम प्रथाओं को बढ़ावा देना है। ग्रीनको रेटिंग प्रणाली का उद्देश्य ऊर्जा दक्षता, जल संरक्षण, अपशिष्ट प्रबंधन, हरित आपूर्ति श्रृंखला जैसे मापदंडों पर उद्योग के प्रदर्शन का आकलन करना है, ताकि आगे सुधार के अवसरों के साथ हाउ द ग्रीन कंपनी इज़ का आंकलन किया जा सके। राजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने राजस्थान में उद्योगों के लिए एक प्रोत्साहन कार्यक्रम शुरू किया है, जिसमें सहमति शुल्क में 5 से 50 प्रतिशत की कमी, आरएसपीसीबी वेबसाइटों पर कंपनी का उल्लेख, सर्वश्रेष्ठ तीन इकाइयों के लिए वार्षिक मान्यता और एक वर्ष की सहमति लाभ का विस्तार शामिल है।

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