प्रदेश के 5 जिलों में 30,000 से अधिक किसान परिवार हो रहे लाभान्वित
उदयपुर : जावर के सिंघटवाडा के किसान लालसिंह वर्षाे से परंपरागत तरीके से कृषि कर रहे थे, उन्हीं की तरह उनके परिवार या गावं में किसी ने भी खेती के तरिके में कोई नवाचार नहीं किया था। हिन्दुस्तान जिंक की समाधान परियोजना की जानकारी मिलने पर लालसिंह ने अजमेंर में बांदनवाड़ा में आयोजित प्रशिक्षण शिविर में भाग लिया। इस प्रशिक्षण के दौरान उन्हें कृषि में नवीन तकनीक की जानकारी मिलनें के बाद ड्रिप सिंचाई की उन्नत विधि को अपनाते हुए जैव-उर्वरक और जैव-कीटनाशकों के साथ फसल उगाने के जैविक तरीकों की शुरूआत की, जिससे उन्हें कम से कम पानी के साथ फसल उगाने में मदद मिली। इस कदम से उन्हें अधिक पैदावार मिली साथ ही आय भी बढ़ी।
इन्हीं की तरह चित्तौडगढ जिलें के कश्मोर ग्राम पंचायत के दिनेश चंद्र शर्मा मेहनत और लगन का उदाहरण है। इन्होंने समाधान परियोजन के अंतर्गत 5 दिवसीय मशरूम प्रशिक्षण कार्यक्रम में भाग लेने के बाद] खेती में नवाचार कर महारत हांसिल की और मॉल] होटलों और सीधे ग्राहकों को मशरूम बेचना शुरू कर दिया] जिससे उन्हें पहले की तुलना में अधिक आय होने लगी।
इन्हीं की तरह हिन्दुस्तान जिंक की समाधान परियोजना से प्रदेश के 5 जिलों में 30000 से अधिक किसान परिवार लाभान्वित हो रहे है। इनमें से 4300 महिला किसान विभिन्न कृषि नवाचारों को अपनाने के लिये प्रशिक्षण प्राप्त कर रही हैं, जबकि अन्य 5000 ने बेहतर कृषि और पशुपालन की नवीन तकनीक पर प्रशिक्षण प्राप्त किया है। इसके अलावा 10000 किसानों को बेहतर कृषि पद्धतियों पर प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण हेतु जोडा गया है। 13838 किसानों को हाई-टेक सब्जी की खेती, लो टनल फार्मिंग] ट्रेलिस फार्मिंग, मशरूम फार्मिंग, बागवानी आदि के उपयोग के लिए सहायता दी गयी है।
वर्तमान में समाधान परियोजना से 224 किसान हित समूह में 38 लाख से अधिक निवेश और बचत पूंजी बनाने में मदद की है जो जमीनी स्तर पर किसानों के साथ नियमित संचार सुनिश्चित करता है। उल्लेखनीय है कि मई 2022 में कृषि संबंधी उत्पादों की बिक्री शुरू करने वाले कृषक उत्पादान संगठन द्वारा पहली बार ही राजस्व के रूप में 79000 प्राप्त किये। इसके अतिरिक्त, एक एफपीओ के तहत डेयरी प्रसंस्करण सूक्ष्म उद्यम स्थापित करने में भी सहायता की है। यह नई इकाई प्रतिदिन अपने 33 किसान सदस्यों से एकत्रित 250 लीटर दूध का प्रसंस्करण करती है। यह इकाई पहली बार में 25000 लीटर दूध, 30000 लीटर से अधिक छाछ] और 450 लीटर बिलोना घी का उत्पादन कर चुकी है।
हिन्दुस्तान जिंक की दीर्घकालिक सीएसआर पहल और कोविड के दौरान किये गये सराहनीय सहयोग के माध्यम से 14 लाख से अधिक लोग लाभान्वित हुए। हिंदुस्तान जिंक की सीएसआर पहल न केवल सतत् भविष्य के लिए उद्योगजगत को प्रेरित कर रही है] बल्कि इस क्षेत्र में आधुनिक कार्यप्रणाली के साथ किसान समुदाय को स्वयं को विकसित करने में भी हरसंभव प्रयास कर रही है। परिवर्तन की यह प्रक्रिया प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से भारत की अर्थव्यवस्था में योगदान दे रही है।
हिन्दुस्तान जिंक की समाधान परियोजना में उन्नत तकनीक से स्मार्ट बन रहे किसान
केंदीय मंत्री प्रो. बघेल और डॉ. मेवाड़ के बीच विभिन्न समसामयिक मुद्दों पर चर्चा
जाग्रत हनुमानजी को धराया जाएगा छप्पन भोग
आर्सेनल फुटबॉल क्लब के सहयोग से अखिल भारतीय इंटर स्कूल एक्स्ट्रामाक्र्स यूथ फुटबॉल चैंपियनशिप आयोजित
Hindustan Zinc’s four mines achieved 5- star rating awardunder ‘A’ list category of Mines
जयपुर में सीएम का आवास फतवा हाउस है जहां से सनातन धर्म के खिलाफ फतवे जारी होते: बालकनाथ
नैम्सकॉन 2022 में गीतांजली से डॉ. सुमन, डॉ. करुणा और डॉ. मेधा को एनएएमएस सदस्यता
पेसिफिक हॉस्पिटल उमरड़ा व स्कूल शिक्षा परिवार उदयपुर के मध्य करार
संभाग स्तरीय कस्तूरबा गांधी महिला सशक्तिकरण कार्यक्रम का हुआ आयोजन
पीआईएमएस में दस माह के शिशु के दिल के छेद का सफल ऑपरेशन
हिन्दुस्तान जिंक द्वारा आरएनटी मेडिकल काॅलेज को ऑन्कोलॉजी वाहन भेंट
नारायण सेवा में दिव्यांगों और साधकों ने किया गुरु पूजन
HDFC Bank partners with Startup India for Parivartan SmartUp Grants