गणपति पूजन और हल्दी- मेंहदी की रस्म के साथ शुरू हुआ दिव्यांग विवाह

51 जोड़ों का पाणिग्रहण संस्कार रविवार को

उदयपुर।   नारायण सेवा संस्थान के तत्वावधान में सेवा महातीर्थ, बड़ी में शनिवार को 39 वाँ दो दिवसीय निःशुल्क निर्धन एवं दिव्यांग विवाह समारोह प्रातः 10:15 बजे गणपतिजी की स्थापना के साथ प्रारंभ हुआ। जिसमें देश -विदेश के 1500 से अधिक संस्थान सहयोगियों  व समाजसेवियों की उपस्थिति रही । विशिष्ट अतिथि भरत भाई व मुकेश पटेल यूएसए,  हरिश कुमारी यूके , कुंवर भाई नैरोबी, आनंद कुमार उड़ीसा व मुंबई के महेश अग्रवाल थे।

प्रथम दिन निदेशक वन्दना अग्रवाल व सुश्री पलक के सानिध्य में परिणय सूत्र में बंधने वाली युवतियों के हाथों में मेहंदी मांडने की रस्म पूरी की गई। संस्थान साधिकाओं व विभिन्न राज्यों से आई महिला अतिथियों ने ढोलक की थाप पर मेहंदी के परम्परागत गीत व नृत्य प्रस्तुत किए। इससे पूर्व परिजनों व अतिथियों ने दूल्हा-दुल्हन के मुंह, हाथ और पांव पर वैवाहिक गीतों की धुन के बीच हल्दी लगाने की रस्म का निर्वाह किया।

संस्थान अध्यक्ष प्रशांत अग्रवाल ने बताया कि सुबह नो बजे संस्थान परिसर में सजे -धजे वाहनों में परिणय सूत्र में बंधने वाले युगलों की बाजे-गाजे से बिंदोली निकाली गई। शाम को 7 बजे दिव्यांग टैलेंट शो एवं रंगारंग सांस्कृतिक संध्या सम्पन्न हुई।  कार्यक्रम में संस्थान संस्थापक पद्मश्री कैलाश मानव व संस्थापिका कमलादेवी अग्रवाल ने दूल्हा-दुल्हनों के माता-पिता व कन्यादान के इस महानुष्ठान मे सहयोगी भामाशाहों को सम्मानित किया। संयोजन महिम जैन ने किया।

संस्थान अध्यक्ष प्रशांत अग्रवाल ने अतिथियों का स्वागत करते हुए बताया कि 51 दिव्यांग एवं निर्धन जोड़ों का पाणिग्रहण संस्कार रविवार प्रातः 10 बजे तोरण की रस्म के साथ आरम्भ होगा। प्रत्येक जोड़े की विवाह वेदी अलग होगी। जहां वैदिक मंत्रों के बीच व पवित्र अग्नि के सात फेरे लेंगे।  2:15 बजे सभी जोड़ों को गृहस्थी के सम्पूर्ण सामान व आशीष के साथ उनके घरों के लिए संस्थान के वाहनों से सस्नेह विदा किया जाएगा।

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