उदयपुर (Dr. Tuktak Bhanawat ) : मेवाड़ के पूर्व राजपरिवार के राजनीति में जुड़ाव की सुगबुगाहट पिछले कुछ समय से निरन्तर सुनने को मिल रही थी किन्तु भाजपा के कद्दावर नेता गुलाबचन्द कटारिया (Gulabchand Kataria) के असम के राज्यपाल बनते ही प्रदेश स्तरीय राजनैतिक हलचल और तेज होती लग रही है।
ऐसे में उदयपुर विधानसभा के लिए जहां कई दावेदार मुंहबायें खड़े हैं वहीं मेवाड़ के पूर्व राजपरिवार के लक्ष्यराजसिंह मेवाड़ (Lakshyaraj Singh Mewar) का नाम अधिक चर्चित हुआ किसी खास हलचल की दस्तक देता प्रतीत हो रहा है।
एक मंजे हुए कद्दावर नेता के रूप में कटारियाजी लम्बे समय से विधायक के रूप में उदयपुर शहर का पूरजोर प्रतिनिधत्व कर रहे थे। प्रतिपक्ष के नेता के रूप में भी उनकी भूमिका सराही जा रही थी। कुछ महीनों से एक-के-बाद-एक करके बीजेपी के नेताओं का उदयपुर आना और राजमहल में लक्ष्यराजसिंह से भेंट करने की खबरें भी लगातार कुछ नया संकेत दे रही थीं।
बीजेपी के बड़े नेताओं में प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया के अलावा केन्द्रीय मंत्रियों में अर्जुनराम मेघवाल, डॉ. संजीव बालियान, गजेन्द्रसिंह शेखावत तथा राज्यमंत्री एस. पी. बघेल की समय-समय पर लक्ष्यराजसिंह से हुई मुलाकातें भी बड़ा मायना रखती हैं। मुख्यमंत्री के रूप में अपनी विशिष्ट पहचान बनाने वाले योगी आदित्यनाथ से राजधानी लखनऊ में मुलाकात कर लक्ष्यराजसिंह ने तो उन्हें मेवाड़ आने का निमंत्रण भी दिया।
इन सबके बावजूद लक्ष्यराजसिंह की मेवाड़ की आम जनता के बीच आवाजाही भी लगातार बढ़त लिए सक्रिय रही। इससे उनका राजनीति में आने के प्रभावी संकेत ही हैं।
यह अलग बात है कि लक्ष्यराजसिंह भी इन मुलाकातों को शिष्टाचार मुलाकातें बता रहे हैं और राजनेता भी कोई संकेत नहीं दे रहे हैं। नकारात्मक तथा सकारात्मक दोनों परिस्थितियों में समभावी बने रहना भी सफल राजनीति का श्रेष्ठत्व कहा गया है।