उदयपुर। ऑल इंडिया मोबाइल रिटेलर एसोसिएशन (ऐमरा) द्वारा एक खुली चिट्ठी भारत के नंबर एक मोबाइल ब्रांड श्योमी के सेल्स डायरेक्टर सुनील बेबी को दी गई। इस चिट्ठी के माध्यम से ऐमरा ने संपूर्ण भारतवर्ष में मौजूद लगभग 20000 श्योमी के प्रेफर्ड पार्टनर के साथ कंपनी की दोहरी नीति और समझौते के अनुसार हुए धोखे (व्यापारिक छल) के बारे में विस्तार से बताया है। चिट्ठी में इसका भी वर्णन है की कंपनी ने ऐमरा के साथ बातचीत के सारे माध्यमों को लगभग बंद कर रखा है। जबकि वह जानती है कि ऐमरा सारे मोबाइल ब्रांड्स के साथ मिलकर सिर्फ और सिर्फ इस मोबाइल रिटेल व्यापार की प्रगति एवं उन्नति के लिए काम करती है।
आधिकारिक पत्र के माध्यम से ऐमरा ने उनको आमंत्रण भी दिया है की किसी तीसरी एजेंसी से उनके और ऐमरा के कथित दावों की सत्यता की जांच करा लिया जाए, ताकि ये पता चल सके की किसके दावे में कितनी सच्चाई है। साथ ही ये भी बताया कि भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग की जांच और तहकीकात रिपोर्ट से भी श्योमी के दावों की सच्चाई की पड़ताल हो सकती है जो कि कटु सत्य है।
पत्र के द्वारा ये भी बताया गया है की कैसे सारे रिटेलरों को अलग अलग कैटेगरी में बांटा गया है और उसके नाम पर स्टॉक देने के मामले में कोई पारदर्शिता नहीं रखी गई है तथा ऑनलाइन को भरपूर स्टॉक और ऑफलाइन पार्टनर्स को स्टॉक के नाम पर खाली टोकरी, सिर्फ झूठे वादे श्योमी की टीम और उनके मुखिया द्वारा किए गए। जबकि शुरुआत में उन रिटेलरों ने कंपनी हेड मनु कुमार जैन के मौखिक आश्वासन पर भरोसा करके अपनी प्रतिस्पर्धा कंपनियों के बोर्ड हटाकर, लगभग उनसे दुश्मनी कर श्योमी के बोर्ड अपने अपने दुकानों पर लगवाए थे। शुरुआत में तो कंपनी ने भरपूर स्टॉक दिया और दुकानदारों का भरोसा भी जीत लिया। लेकिन जब ब्रांड नंबर एक की पायदान पर पहुंच गया और वह अपने नापाक मंसूबे में कामयाब होता देख अपनी असलियत को सबके सामने लाकर रख दिया।
अपने ऑफलाइन पार्टनर्स को स्टॉक प्रदान नहीं करने और उसके कुत्सित प्रभाव के बारे में बताते हुए कंपनी को यह बताने का प्रयास किया है की यह व्यापार एकतरफा नही बल्कि आपसी विश्वास, समन्वय और सहयोग से ही चलेगा।