3 हजार से अधिक शेयरधारकों के शेयरधारक आधार के साथ, कुल 3 करोड़ से अधिक का टर्नओवर
उदयपुर : हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड द्वारा बायफ संस्थान के सहयोग से संचालित समाधान परियोजना के तहत् किसान उत्पादक संगठनों, एफपीओ की वार्षिक आमसभा आयोजित की गयी। जावरमाता एग्रो फार्मर प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड की आम सभा डॉ. पी.सी. भटनागर, वरिष्ठ वैज्ञानिक, केवीके उदयपुर, सुधीर वर्मा, संयुक्त निदेशक कृषि, डॉ. सुरेश जैन, संयुक्त निदेशक, पशुपालन विभाग, डॉ. कैलाश शर्मा, जिला निदेशक, उद्यानिकी, किशन मीणा, सरपंच, नयातलाई, गौतम मीणा, सरपंच, सिंघटवाड़ा,धलूचड मीणा, सरपंच प्रतिनिधि, भलाडिया, सोरन सिंह जाटव, सहायक कृषि अधिकारी, हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड से अंशुल खंडेलवाल, आईबीयू सीईओ, जावर माइंस, हितेन्द्र भूपतावत, पर्यावरण प्रमुख, जावर माइंस, विवेक कुमार सिंह, सीएसआर प्रमुख, जावर माइंसए बायफ से डॉ. अनुज दीक्षित, वरिष्ठ कार्यक्रम प्रबंधक, राजस्थान, सीएसआर एवं बायफ टीम की उपस्थिती में आयोजित की गयी, बैठक में 250 किसानों ने भाग लिया।

जावर माइंस की जावरमाता एग्रो फार्मर प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड एफपीओ के 1755 शेयरधारकों के शेयरधारक आधार के साथ, कुल 21.75 लाख से अधिक का टर्नओवर हुआ। कार्यक्रम की शुरुआत एफपीओ के अध्यक्ष ने सत्र में एफपीओ के दृष्टिकोण और मिशन का एक संक्षिप्त परिचय दिया, जिसमें वित्त वर्ष 2024-25 के लिए व्यावसायिक उपलब्धि पर प्रकाश डाला। साथ ही आगामी वित्त वर्ष 2025-26 के लिए एफपीओ बिजनेस प्लान, निदेशक चुनाव एवं बोनस शेयर वितरण पर भी चर्चा की गई। अंशधारकों को शेयर सर्टिफिकेट दिये गये एवं कृषि सेवा केंद्र से सर्वाधिक व्यापार करने वाले किसानों को पुरस्कृत किया गया।
समाधान परियोजना द्वारा कंपनी अधिनियम 2013 के तहत एफपीओ की स्थापना कर किसानों को सशक्त बनने की ओर अग्रसर है। ये संगठन कृषि आदानों की खरीद, उत्पादन, कटाई, ग्रेडिंग, एकत्रीकरण और कृषि उपज के विपणन में किसानों का सहयोग करते हैं। कार्यक्रम सामुदायिक संगठनों के पोषण और एफपीओ के नेतृत्व वाले विकास के माध्यम से बाजार आधारित पूर्व और बाद की सेवाएं प्रदान करने पर केंद्रित है। समाधान पहल के तहत, हिंदुस्तान जिंक ने 6 जिलों में 5 एफपीओ स्थापित किए हैं, जिससे 9 हजार से अधिक शेयरधारक लाभान्वित हुए हैं। वित्त वर्ष 2024-2025 में परिचालन शुरू करते हुए,एफपीओ ने शेयरधारक आधार और रुपये के कारोबार के साथ कुल 1.99 करोड़ के टर्नओवर की उल्लेखनीय उपलब्धी हासिल की जो की मील का पत्थर है।
इसी प्रकार घाटावली माताजी फार्मर प्रोड्यूसर कंपनी ने उदयपुर जिले के देबारी में कृषि सेवा केंद्र और गौयम डेयरी उद्यम की स्थापना की है। यह उद्यम देशी गायों का दूध एकत्र करता है और बिलोना घी, मक्खन दूध, दही, पनीर और खोया का उत्पादन करता है, जिसका विपणन गौयम ब्राण्ड से किया जाता है। डेयरी माइक्रो-एंटरप्राइज ने वित्त वर्ष 2024-2025 के दौरान 167.40 लाख रुपये का व्यवसाय किया। घाटा वाली माताजी किसान उत्पादक कंपनी के 1,229 शेयरधारक हैं, इसकी शेयर पूंजी 14.40 लाख रुपये है और इसका वार्षिक कारोबार 307.23 लाख रुपये है। वार्षिक आम बैठक में परियोजना क्षेत्र के 16 गाँवों के किसानों की सक्रिय भागीदारी से सफलतापूर्वक किया गया। इस कार्यक्रम में कंपनी के सभी निदेशक मंडल (बीओडी) सदस्य, सीएसआर टीम और समाधान परियोजना टीम शामिल हुई। इस अवसर पर नीरज यादव, डीडीएम, नाबार्ड, जिं़क स्मेल्टर देबारी से हेड मुकेश कुमार, रुचिका चावला, सीएसआर हेड, बीएआईएफ से सुरेंद्र वर्दिया, सीपीई, बीआईएसएलडी राजस्थान उपस्थित थे।
समाधान, आजीविका सृजन के लिए एक एकीकृत सस्टेनेबल आजीविका परियोजना संयोजन बहु-क्षेत्रीय दृष्टिकोण है जिसका लक्ष्य सितंबर 2016 से दक्षिण राजस्थान के 6 जिलों को सम्मिलित करते हुए कृषि, पशुधन हस्तक्षेप और किसान उत्पादक संगठन के माध्यम से कृषक समुदायों के हित में सुधार करना है।
एफपीओ के माध्यम से, किसानों को न केवल अपनी खेती की लागत के प्रबंधन में आशा की एक नई किरण मिली, बल्कि उन्हें बाजार की कीमतों के बारे में भी नियमित जानकारी मिलती रही और वे सामूहिक रूप से बाजार पहुंच और उत्पाद से संबंधित चुनौतियों पर काबू पाते हुए अपनी उपज बेचने के लिए बेहतर मूल्य निर्धारण निर्णय लेने में सक्षम हुए। ये उपलब्धियाँ राजस्थान में सस्टेनेबल कृषि पद्धतियों को बढ़ावा देने और किसानों की आजीविका बढ़ाने में हिंदुस्तान जिंक और उसके भागीदारों के समर्पण को दर्शाती हैं। समाधान कार्यक्रम समुदायों को सशक्त बनाने और क्षेत्र में कृषि के लिए एक उज्जवल भविष्य के निर्माण में प्रगति की ओर बढ़ रहा है।