उदयपुर। भारत के सबसे भरोसेमंद हैल्थ फूड ड्रिंक ब्रांड्स में से एक, बूस्ट ने नया अभियान प्रस्तुत किया, जिसका उद्देश्य लड़कियों एवं क्रिकेट के प्रति स्थापित रूढिय़ों को तोडऩा है। नए बूस्ट अभियान का उद्देश्य उन मानसिकताओं पर रोशनी डालना है, जो खेल, खासकर क्रिकेट खेलने के मामले में लड़कियों का दृष्टिकोण बनाती हैं। यह उन्हें अपनी पसंद का खेल खेलने के लिए प्रोत्साहित करता है।
इस अभियान में एम.एस. धोनी के साथ युवा एथलीट एक खिलाड़ी में प्रतिभा एवं स्टेमिना के प्रभाव पर रोशनी डालेंगे। धोनी टेनिस कोर्ट में क्रिकेट खेलते हुए मुख्य किरदार को देखते हैं, जिसे देखकर वो आश्चर्यचकित रह जाते हैं। धोनी के साथ आए लडक़े मजाक बनाते हुए कहते हैं कि क्रिकेट लड़कियों का खेल नहीं। इसके बाद वह युवा लडक़ी एक्शन में आ जाती है और बॉल हाथ में लेकर धोनी का विकेट गिरा देती है। इससे साबित होता है कि खेल लिंग से नहीं, बल्कि दृढ़ता, धैर्य एवं स्टेमिना से तय होता है। एडवरटाईज़मेंट के अंत में धोनी और युवा लडक़ी बूस्ट पीते हुए दिखते हैं और ब्रांड की प्रतिष्ठित टैगलाईन ‘बूस्ट इज़ द सीक्रेट ऑफ अवर एनर्जी’ आती है।
एमएस धोनी ने कहा कि मैं बूस्ट परिवार का हिस्सा बनकर बहुत उत्साहित हूँ। मैं इस ब्रांड से कई सालों से जुड़ा हुआ हूँ। युवा लड़कियां भी क्रिकेट खेलने का सपना देखती हैं इसलिए उन्हें यह खेल खेलने से मना नहीं किया जाना चाहिए। बूस्ट लड़कियों को अपने सपनों के पीछे जाने और अपनी पसंद का यह खेल खेलने के लिए प्रेरित कर रहा है। कृष्णन सुंदरम, वाईस प्रेसिडेंट, न्यूट्रिशन श्रेणी, एचयूएल ने कहा कि बूस्ट ने बच्चों को अपनी स्टेमिना द्वारा कड़ी मेहनत करने, धैर्य रखने और बड़ी चुनौतियों पर विजय हासिल करने की प्रेरणा देने की अपनी विरासत को संजोकर रखा है। बूस्ट लड़कियों को अपनी प्रतिभा एवं स्टेमिना द्वारा पक्षपात को पीछे छोड़ अपनी पसंद का खेल खेलने के लिए प्रोत्साहित करना चाहता है। यह अभियान बूस्ट के लिए क्रिकेट के खेल में लड़कियों का सहयोग करने के सफर की शुरुआत होगा। जॉय चौहान, मैनेजिंग पार्टनर एवं सीनियर वीपी, वंडरमैन थॉम्पसन, दिल्ली ने कहा कि यह अभियान न केवल युवाओं को प्रेरित करता है, बल्कि इसमें हममें से प्रत्येक को यह समझने की प्रेरणा देने की सामथ्र्य है कि प्रदर्शन पर लिंग का कोई प्रभाव नहीं पड़ता।