उदयपुर (Udaipur)। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की कुर्सी बचाए रखने और कांग्रेस परिवार में हुए घमासान के बाद भाजपा और केंद्रीय मंत्री गजेन्द्रसिंह शेखावत पर खरीद फरोख्त का आरोप लगाते हुए जो सीडी पेश की है उस पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया (Gulabchand Katariya) ने कहा कि जिस प्रकार की क्लिप बनाई उससे निश्चित रूप से जिस व्यक्ति के नाम को बदनाम किया, उसको कष्ट होना स्वाभाविक है। मैं सोचता हूं कि कोई किसी से बात कर रहा है वो यह कहे कि मैं आपकी गजेन्द्रसिंहजी से बात करा देता हूं। अब वो कौनसे गजेन्द्रसिंहजी से बात करा रहा है, कौन गजेन्द्रसिंह है इसके आधार पर किसी व्यक्ति पर यह आरोप लगा देना कि ये गजेन्द्रसिंहजी वो ही हैं जो केंद्रीय मंत्री हैं। इससे बड़ा और कोई अपमान नहीं हो सकता। इसलिए गजेन्द्रसिंहजी ने इस घटना को आउटराइट रिजेक्ट किया और यह कहा था कि तुम जिस एजेंसी से चाहो जांच कराओ मेरा इससे कोई संबंध नहीं था। इसके बाद स्वाभाविक है कि एफआईआर दर्ज होनी चाहिये और विशेष करके जो भी अधिकारी उनको भी इस बारे में थोड़ा सचेत रहना चाहिए। केवल सरकार के आधार पर किसी केस को आगे बढ़ाने का प्रयत्न करोगे तो सफलता नहीं मिलेगी। सच्चाई के आधार पर बढ़ाओगे तो सफलता मिलेगी और पुलिस की प्रतिष्ठा भी बढ़ेगी।
कटारिया ने कहा कि कहीं गलत हुआ है तो निश्चित रूप से उसे दंड मिले इससे किसी को कोई ऐतराज नहीं होगा लेकिन बनाने के लिए बनाना है यह उचित नहीं है। हमारा इसमें कोई काम नहीं है। हम प्रारंभ से एक बात कह रहे हैं कि इनके घर के झगड़े से परेशान है और जिस तरह से एक-दूसरे के खिलाफ बयान दे रहे हैं बहुत दुर्भाग्य पूर्ण है। ये गिरावट की पराकाष्ठा है। जिनके साथ मिलकर पार्टी में काम करते हो जब तक काम करते हो सब अच्छे हैं, जैसे ही कोई टकराव होता है सब बुराइयां हो जाती हैं। इस प्रकार का वर्णन करने से पार्टी भी कमजोर होगी और लोगों की जो श्रद्धा राजनेताओं में है वह उठ जायेगी। जो भी घटनाक्रम चल रहा है उसे देखकर कोई भी प्रसन्न नहीं होगा।
कटारिया ने कहा कि रहा सवाल जहां भंवरलालजी शर्मा का तो निश्चित रूप से जब भैरोसिंहजी विदेश में इलाज के लिए गये तब हमारी सरकार को भी इसी प्रकार उखाडऩे का प्रयास किया था। ये उस समय का जगजाहिर है। अब आज क्या होगा, कैसे होगा, तथ्यों के आधार पर कैसे प्रमाणित करेंगे, ये उनकी पार्टी का आपसी मामला है। हमारा उनसे कोई लेना देना नहीं। इस घटनाक्रम के साथ संजय के साथ जो उन्होंने भारतीय जनता पार्टी को जोडऩे का प्रयास किया यह निंदनीय है। अगर उनके पास फेक्ट है तो थोड़ा धैर्य रखो, दो दिन रूक जाओ और सही पता करने के बाद किसी विषय को बोलोगे तो ज्यादा प्रभावी अच्छा होगा।