उदयपुर : कार्यालय में हिंदी के प्रगामी प्रयोग को बढ़ावा देने तथा सरकारी कार्यों में अधिकारियों/कर्मचारियों की हिंदी के प्रति रुचि जागृत करने के उद्देश्य से, विगत वर्षों की भांति इस वर्ष भी 15 से 29 सितम्बर तक भा.कृ.अनु.प.- राष्ट्रीय मृदा सर्वेक्षण एवं भूमि उपयोग नियोजन ब्यूरो, क्षेत्रीय केन्द्र, उदयपुर में हिन्दी पखवाड़ा बड़े उत्साह के साथ मनाया गया।
समारोह के मुख्य अतिथि डॉ. आर. ए. कौशिक, अधिष्ठाता, मात्स्यकी महाविद्यालय, महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, उदयपुर रहे एवं अध्यक्षता डॉ. बी. एल. मीना, प्रमुख, क्षेत्रीय केन्द्र ने की।

इस अवसर पर केन्द्र के राजभाषा अधिकारी डॉ. अजीत कुमार मीणा ने बताया कि हिन्दी पखवाड़ा 2025 के दौरान कुल आठ प्रतियोगिताओं सुलेख, निबंध, राजभाषा अधिनियम, हिंदी प्रश्नोत्तरी, वाद-विवाद, अनुवाद, अंताक्षरी तथा कविता/गीत का आयोजन किया गया। इन सभी प्रतियोगिताओं में केन्द्र के अधिकारियों एवं कर्मचारियों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। विजेताओं को नकद पुरस्कार, ट्रॉफी एवं प्रमाण-पत्र प्रदान कर सम्मानित किया गया।
डॉ. आर. ए. कौशिक ने कहा कि भाषा के सटीक प्रयोग से व्यक्तित्व में निखार आता है। हमें दूसरी भाषाओं की अपेक्षा हिन्दी बोलने पर गर्व की अनुभूति होती है और अपनी भाषा के प्रति सदैव गौरवान्वित रहना चाहिए। डॉ. बी. एल. मीना ने कहा कि हिन्दी सरल, सहज एवं वैज्ञानिक भाषा है। एक ही शब्द के अनेक अर्थ दूसरी भाषाओं में निकल सकते हैं, जबकि हिन्दी में उसका सटीक एवं स्पष्ट अर्थ होता है। आज हिन्दी 150 से अधिक देशों में बोली जा रही है और दुनिया के 200 से अधिक विश्वविद्यालयों में पढ़ाई जा रही है। उन्होंने सभी से आग्रह किया कि अनुसंधान, प्रपत्रों एवं कार्यालयीन कार्यों में अधिकाधिक हिन्दी का प्रयोग कर इसके प्रचार-प्रसार में योगदान दें।
इस अवसर पर डॉ. अजीत कुमार मीणा ने भी सभी प्रतिभागियों का उत्साहवर्धन किया। समापन पर डॉ. आर. एस. मीणा (वरिष्ठ वैज्ञानिक) ने औपचारिक धन्यवाद ज्ञापित किया। समारोह में डॉ. आर. पी. शर्मा (प्रधान वैज्ञानिक), डॉ. रोशनलाल मीणा, डॉ. महावीर नोगिया, डॉ. अभिषेक जांगीड, डॉ. लालचन्द मालव, डॉ. बृजेश यादव, सहायक प्रशासनिक अधिकारी उन्नीकृष्णनन नायर सहित सभी वैज्ञानिक, प्रशासनिक एवं तकनीकी स्टाफ सदस्य उपस्थित रहे।