ग्रीनलाइन के साथ 180 एलएनजी वाहनों के लिए अनुबंध पर हस्ताक्षर
आयन एक्सचेंज (इंडिया) लिमिटेड के सहयोग से 4 हजार केएलडी जीरो लिक्विड डिस्चार्ज प्लांट के पहले चरण का उद्घाटन
उदयपुर। वेदांता समूह की कंपनी और भारत में जिंक, सीसा और चांदी के सबसे बड़े और एकमात्र एकीकृत उत्पादक हिंदुस्तान जिंक ने दो अभिनव और नवाचार पहलों की शुरूआत की है जो अत्याधुनिक तकनीक के माध्यम से पर्यावरण प्रबंधन के प्रति कंपनी की प्रतिबद्धता को रेखांकित करती हैं। हरित परिवहन की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए कंपनी ने 180 एलएनजी वाहनों के लिए एस्सार समूह की सहायक कंपनी ग्रीनलाइन से अनुबंध पर हस्ताक्षर किये है। अनुबंध पर हिन्दुस्तान जिं़क के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अरुण मिश्रा एवं ग्रीनलाइन के सीईओ आनंद मिमानी ने हस्ताक्षर किए। इसके अतिरिक्त, कंपनी ने जावर माइंस में आयन एक्सचेंज (इंडिया) लिमिटेड के सहयोग से जीरो लिक्विड डिस्चार्ज (जेडएलडी) प्लांट के पहले चरण का उद्घाटन किया है। जेडएलडी प्लांट की क्षमता 4,000 केएलडी है जो उन्नत तकनीक का उपयोग कर जल संरक्षण में मदद करेगा।
180 एलएनजी वाहनों के साथ, हिंदुस्तान जिंक पारंपरिक डीजल वाहनों की तुलना में इंटर यूनिट परिवहन और तैयार माल परिवहन में अपने कार्बन फुटप्रिन्ट को 30 प्रतिशत तक कम कर देगा। ये वाहन स्कोप 3 उत्सर्जन में कमी लाने और ध्वनि को कम करने में योगदान देंगे, जो एक सतत जागरूक संचालन के दर्शन के साथ संरेखित होगा। इसके साथ ही, जेेडएलडी प्लांट के प्रथम चरण का उद्घाटन हिन्दुस्तान जिं़क मुख्यकार्यकारी अधिकारी अरुण मिश्रा और आयन एक्सचेंज (इंडिया) लिमिटेड के अध्यक्ष, अजय पोपट द्वारा किया गया। यह संयंत्र जल पुनर्प्राप्ति की सुविधा प्रदान करेगा जो कंपनी के शून्य अपशिष्ट और शून्य निर्वहन के दृष्टिकोण की प्रतिबद्धता की ओर महत्वपूर्ण कदम है। जावर माइंस में जेडएलडी प्लांट के परिणामस्वरूप शुद्ध जल पर निर्भरता में कमी आई है, जो 2025 तक 5 गुना वाटर पॉजिटिव बनने के दृष्टिकोण के अनुरूप है।
अरुण मिश्रा ने कहा कि सस्टेनेबिलिटी की ओर ये पहल हमारी प्रतिबद्धता की ओर अग्रसर करने में महत्वपूर्ण हैं। हमारी आपूर्ति श्रृंखला में एलएनजी वाहन की शुरूआत और जावर में जेडएलडी प्लांट का उद्घाटन नवाचार को अपनाने और हमारे संचालन के हर हिस्से में पर्यावरणीय जिम्मेदारी को शामिल करने के प्रति हमारे समर्पण को दर्शाता है। हिंदुस्तान जिंक में, हम स्थायी प्रथाओं और परिवर्तनकारी परिवर्तन की विरासत को आगे बढ़ाने में विश्वास करते हैं। ये प्रयास 2025 तक स्थिरता विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने के हमारे दृष्टिकोण का प्रतीक हैं और आधार वर्ष 2020 से पूर्ण स्कोप 1 और 2 जीएचजी उत्सर्जन को 50 प्रतिशत कम करने और 2030 के पूर्ण स्कोप 3 जीएचजी उत्सर्जन 25 प्रतिशत और कम करने के लिए हमारे अनुमोदित एसबीटीआई लक्ष्यों के साथ संरेखित हैं।
हिंदुस्तान जिंक सस्टेनेबल खनन कार्यों का नेतृत्व करने के अपने मिशन में दृढ़ है। कंपनी को धातु और खनन क्षेत्र के तहत एसएंडपी ग्लोबल कॉरपोरेट सस्टेनेबिलिटी असेसमेंट 2022 में वैश्विक स्तर पर तीसरा और एशिया प्रशांत क्षेत्र में पहला स्थान दिया गया है। पर्यावरण, सामाजिक और शासन के प्रति कंपनी की प्रतिबद्धता को एसएंडपी ग्लोबल सस्टेनेबिलिटी ईयरबुक, सीएपी 2.0, सीडीपी, एसएंडपी ग्लोबल प्लैट्स अवार्ड्स, ग्रीनको सर्टिफिकेशन, सीआईआई नेशनल 5एस एक्सीलेंस अवार्ड, भामाशाह अवार्ड और कई अन्य द्वारा मान्यता दी गई है।
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