अजमेर, भीलवाड़ा और उदयपुर में 200 से अधिक मूक-बधिर बालिकाओं को किया जागरूक
उदयपुर। हिंदुस्तान जिंक द्वारा जीवन तरंग जिंक के संग कार्यक्रम के तहत् मासिक धर्म स्वास्थ्य और स्वच्छता को बढ़ाने के लिए मूक और बधिर किशोर बालिकाओं को जागरूक किया। मासिक धर्म स्वास्थ्य और स्वच्छता महिलाओं और किशोरियों के स्वास्थ्य और सशक्तिकरण के लिए महत्वपूर्ण हैं। मासिक धर्म की स्वच्छता के प्रबंधन में उचित मासिक धर्म प्रथाओं के बारे में बालिकाओं और महिलाओं को संवेदनशील बनाना आवश्यक है।
इस हेतु दो दिवसीय सत्र बधिर विद्यालय अजमेर, मूक बधिर उच्च माध्यमिक विद्यालय एवं निलयम अंध विद्यालय-भीलवाड़ा और अभिलाषा विशेष विद्यालय, उदयपुर में आयोजित किया गया। भारतीय सांकेतिक भाषा में नोएडा डेफ सोसाइटी ट्रेनर्स के कुशल प्रशिक्षकों द्वारा आयोजित जागरूकता सत्र किये गये, जो बधिर और मूक व्यक्तियों की विशिष्ट आवश्यकताओं को पूरा करने में कुशल हैं। सत्रों का उद्धेश्य तीसरी से बारहवीं कक्षा में अध्ययनरत बधिर बालिकाओं में जागरूकता बढ़ाना था। इस दौरान मासिक धर्म के बारे में जागरूकता के साथ इसे शरीर की सामान्य प्रक्रिया के रूप में सकारात्मक समझ को बढ़ावा देना। मासिक धर्म स्वच्छता प्रबंधन के बारे में आम मिथकों और गलत धारणाओं को दूर करना। बालिकाओं को उनके मासिक धर्म चक्र के दौरान उचित स्वच्छता बनाए रखने के महत्व के बारे में शिक्षित करना। उनके स्वास्थ्य और सुरक्षा को सुनिश्चित करते हुए डॉक्टर द्वारा निर्धारित किए बिना मासिक धर्म के दौरान कोई भी दवा लेने से बचने के लिए प्रोत्साहित करने के साथ ही मासिक धर्म के प्रबंधन में आत्मविश्वास बढ़ाना है जिससे वें बिना किसी अनावश्यक चिंता के अपनी शिक्षा और दैनिक गतिविधियों पर ध्यान केंद्रित कर सकें।
हिन्दुस्तान जिं़क द्वारा जीवन तरंग कार्यक्रम का संचालन वर्ष 2017 में विशेषयोग्यजन व्यक्तियों को बेहतर शैक्षिक अवसर प्रदान करके उन्हें सशक्त बनाने और अंततः उन्हें अपने परिवार के योगदानकर्ता सदस्य में बदलने के उद्देश्य से किया जा रहा है। इस कार्यक्रम से लगभग 700 से अधिक दृष्टिहीन और मूक बधिर बच्चों को बेहतर शिक्षा से जोडा गया है। जीवन तरंग जिंक के संग कार्यक्रम इन विशेषयोग्यजन बच्चों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए हर तरह की सहायता देने हेतु प्रयासरत है ताकि ये बच्चे अपने परिवार के योगदानकर्ता सदस्य बन सकें और सम्मानजनक जीवन जी सकें। हिन्दुस्तान जिंक ने मूक बधिर लोगों के लिए साइन लैंग्वेज टेªनिंग का शुभारंभ करने तथा नेत्रहीनों को टेक्नाॅलोजी पर आधारित शिक्षा एवं इनकी शिक्षा को सुदृढ़ बनाने के लिए सराहनीय कदम उठाएं हैं।