उदयपुर। पूज्य विनय साधक ज्ञानयोगी ज्ञान दिवाकर मुनि 108 श्री आर्षकीर्तिजी महाराज का नारायण सेवा संस्थान के सेक्टर-4 परिसर में आगमन हुआ। मुनिश्री ने दिव्यांगों से भेंट की व आॅपरेशन के उपरान्त लाभ ले रहें विभिन्न राज्यों के दिव्यांगों और उनके परिजनों से वार्ता की। उनके मंगल स्वास्थ्य का आशीर्वाद दिया और संस्थान के सेवा कार्यों की प्रशंसा करते हुए कहा कि दीन दुःखी की सेवा ही सबसे बड़ी सेवा है। मुनिश्री ने संस्थान अध्यक्ष प्रशान्त अग्रवाल और संस्थापक कैलाश मानव को मंगलकामनाएं दी। कौशल विकास मोबाइल, कम्प्युटर और सिलाई प्रशिक्षण ले रहे छात्र-छात्राओं ने भी अपने विचार रखें। प्रारम्भ में संस्थान निदेशक वंदना अग्रवाल ने मुनिश्री का पाद-प्रक्षालन कर स्वागत और अभिनन्दन किया उन्हें संस्थान के आगामी 5 वर्षों के विजन से अवगत कराया। समारोह का संयोजन महिम जैन ने किया। इस दौरान सी.पी. भोपावत, शीतल कुमार डुंगरिया, सुन्दर लाल लुणदिया, हितेश लिखमावत, राजेन्द्र भंवरा, संतोष देवड़ा मौजूद रहे।