उदयपुर। नारायण सेवा संस्थान के लियों का गुड़ा स्थित परिसर में त्रिदिवसीय ‘अपनों से अपनी बात’ कार्यक्रम में दिव्यांगजन से मुखातिब संस्थान अध्यक्ष प्रशांत अग्रवाल ने कहा कि अपनी असफलताओं का दोष किसी ओर पर डालने की बजाय आत्म निरीक्षण करें। उसीसे सफलता की राह निकलेगी। कार्यक्रम में निःशुक सर्जरी, कृत्रिम हाथ-पैर व कैलीपर लगवाने के लिए देश के विभिन्न भागों से आए दिव्यांगजन व उनके परिजनों ने अपनी समस्याओं व जिज्ञासाओं को रखा। अग्रवाल ने कहा कि परिवार में सुख – शांति व समृद्धि के लिए बुजुर्गो की देखभाल व उनका सम्मान जरुरी है, यह हमारी परम्परा भी है। बुजुर्ग हमारे घर के देवता हैं। लेकिन आज भौतिकता और आधुनिकता की अंधी दौड़ में परिवार टूट रहे हैं, जिससे ने केवल वृद्धजनों को तकलीफ हो रही है बल्कि बच्चों की परवरिश पर भी उसका प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। जीवन में नवाचार और परमार्थ पर ध्यान दें क्योंकि ये जीवन निर्माण के आधार स्तम्भ है।
मनुष्य की जैसी दृष्टि होगी वैसी ही सृष्टि वह देख पाएगा। उन्होंने कहा कि विकास के लिए टेक्नोलोजी आवश्यक है, लेकिन जिस तरह हम सेलफोन में सारा दिन खपा कर आगे बढ़ने के अपने ही रास्ते रोक रहे हैं, वह ठीक नहीं है। सोशल मीडिया का अपना महत्व है किन्तु उसके दुरुपयोग से बचना भी जरुरी है। परिवारों में रिलेशनशिप, प्री-वेडिंग जैसी बुराइयों को रोकने की कोशिश करेंगे तो सामाजिक और पारिवारिक परिवेश शुद्ध-बुद्ध रहेगा। हमें अपने महापुरुषों और समृद्ध परम्पराओं से सीखने की आवश्यकता है। कार्यक्रम का ‘संस्कार’ चैनल पर देशभर में प्रसारण हुआ। संयोजन महिम जैन ने किया।
देवता मान करें बुजुर्गों का सम्मान : अग्रवाल
