नेस्ले इंडिया के प्रोजेक्ट जागृति ने देश भर में स्वस्थ जीवनशैली का बढ़ावा देते हुए पूरे किए सात साल

उदयपुर। नेस्ले इंडिया ने ममता हेल्थ इंस्टीट्यूट फॉर मदर एण्ड चाइल्ड के सहयोग से प्रोजेक्ट जागृति के सात साल पूरे कर लिए हैं, नेस्ले की यह पहल अब तक 8 राज्यों/ केन्द्र शासित प्रदेशों में 8.4 मिलियन लोगों के जीवन को प्रभावित कर चुकी है। प्रोग्राम की शुरूआत साल 2015 में हुई थी और यह संवेदनशील समुदायों को स्वास्थ्य, पोषण एवं हाइजीन के बारे में जागरुक बना रही है।
सात सालों तक समुदाय की सेवा एवं सशक्तीकरण की उपलब्धियों पर रोशनी डालने के लिए एक विशेष कार्यक्रम ‘जागृति 7 का साथ’ का आयोजन किया गया, जिसमें विभिन्न हितधारकों ने हिस्सा लिया। कार्यक्रम के दौरान परियोजना के लाभार्थियों ने अपनी कहानियां सुनाईं जो उनके जीवन में सकारात्मक बदलाव लेकर आई हैं। इस अवसर पर लाभार्थियों और उपस्थितगणों ने ‘जागृति पुस्तक’ का अनावरण भी किया, जिसमें अब तक परियोजना द्वारा उत्पन्न किए गए प्रभावों के बारे में बताया गया है।
सात साल पूरे होने के अवसर पर संजय खजुरिया, डायरेक्टर- कॉर्पोरेट अफ़ेयर्स, नेस्ले इंडिया ने कहा, ‘‘पिछले सालों के दौरान प्रोजेक्ट जागृति ने समुदाय के विभिन्न हितधारकों एवं सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रणाली के सहयोग से स्वास्थ्य के उत्कृष्ट परिणामों के लिए सशक्त वातावरण के निर्माण पर ध्यान केन्द्रित किया है। यह प्रोग्राम लोगों के व्यवहार में जो बदलाव लाया है, वह अपने आप में उत्साहजनक है। आने वाले समय में भी हम लोगों के जीवन को स्वस्थ बनाने के लिए काम करते रहेंगे और सामुदायिक बदलाव की अपनी यात्रा को जारी रखेंगे।
डाॅ सुनील मेहरा, एक्ज़क्टिव डायरेक्टर- ममता हेल्थ इंस्टीट्यूट फॉर मदर एण्ड चाइल्ड ने कहा, ‘‘सात साल पूरे होने के अवसर पर मैं प्रोजेक्ट जागृति की टीम को बधाई देता हूं। नेस्ले इंडिया के साथ हमारी साझेदारी बेहद महत्वपूर्ण है जो लोगों को स्वास्थ्य एवं कल्याण के बारे में जागरुक बनाकर समुदाय में सुधार ला रही है। नेस्ले इंडिया के इन प्रयासों से स्वस्थ एवं बेहतर भविष्य के निर्माण को बढ़ावा मिलेगा। मैं टीम के आगामी प्रयासों के लिए उन्हें शुभकामनाएं देना चाहता हूं, जो देश में सेवाओं की उपलब्धता में सुधार लाकर एवं सशक्तीकरण के माध्यम से समुदाय के विकास के लिए प्रयासरत है।
राजस्थान के चुरू और श्रीगंगानगर ज़िलों में प्रोजेक्ट जागृति दो मिलियन से अधिक लाभार्थियों तक पहुंच चुका है। इस प्रोजेक्ट के तहत कई स्थानीय गतिविधियों को अंजाम दिया गया है जैसे किशोरों में मोबाइल ऐप्लीकेशन का उपयोग, मां के पोषण एवं स्तनपान पर वॉल पेंटिंग और स्कूली अध्यापकों के लिए आयरन फोलिक एसिड सप्लीमेंटेशन पर साप्ताहिक प्रशिक्षण आदि। इन सभी गतिविधियों ने समाज पर सकारात्मक प्रभाव उत्पन्न किया है। अब इस पहल को धौलपुर और हनुमानगढ़ ज़िलों में विस्तारित किया जा रहा है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *