उदयपुर। झारखंड स्थित जैन समाज के सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण तीर्थराज सम्मेद शिखरजी को झारखंड सरकार द्वारा पर्यटक स्थल बनाने का फैसला वापस लेने से सकल जैन समाज में हर्ष की लहर दौड़ गई है।
महावीर युवा मंच के मुख्य संरक्षक प्रमोद सामर ने बताया कि 2 अगस्त 2019 को तत्कालीन झारखंड सरकार ने सम्मेद शिखरजी को पर्यटन स्थन बनाने की अनुशंषा की थी जिस पर केन्द्रीय वन मंत्रालय ने सम्मेद शिखरजी को वन्यजीव अभयारण्य घोषित कर पर्यटन और अन्य गैर धार्मिक गतिविधियों की अधिसूचना जारी की थी तक से ही सकल जैन समाज में विरोध व्याप्त हो गया। कई स्थानों पर रैली, मौन जूलूस निकाले गये। अब झारखंड सरकार द्वारा फैसला वापस लेने से सकल जैन समाज की एकता को बल मिला है। श्री सामर ने सरकार से सम्मेद शिखरजी की प्रतिष्ठा बनाये रखने का आग्रह किया है। इस अवसर पर मंच के अध्यक्ष डॉ. तुक्तक भानावत, महामंत्री हर्षमित्र सरूपरिया, आलोक पगारिया, कुलदीप नाहर, भगवती सुराणा, अर्जुन खोखावत, मनोज मुणेत, सतीश पोरवाल ने फैसला वापस लेने पर हर्ष जताया है।