उदयपुर (डॉ. तुक्तक भानावत)। राज्यपाल हरिभाऊ बागडे़ ने आदिवासी बालक-बालिकाओं का आह्वान करते हुए कहा कि चाहे कितनी भी मुश्किल परिस्थितियां क्यों नहीं हो, लेकिन विद्यालय जाना बंद मत करना, क्योंकि शिक्षा से ही परिवार और समाज के उत्थान का राह प्रशस्त होगी। राज्यपाल अपने कार्यकाल का एक वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में उदयपुर जिले के जनजाति बहुल कोटड़ा ब्लॉक के दो दिवसीय प्रवास के दूसरे दिन गुरूवार को एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय परिसर में आयोजित संवाद कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि कार्यकाल का 1 वर्ष पूरा होने पर किसी गांव देहात में जाउं। लोगों से संवाद करूं और पता करूं कि सरकार की योजनाएं उन तक पहुंची हैं या नहीं। विकास की योजनाओं का लाभ उन्हें कितना मिला है। इसी वजह से कोटडा जैसे इस दूर दराज का क्षेत्र का चयन किया। उन्होंने कहा कि आपके बीच आकर काफी अच्छा लग रहा है। लोगों से संवाद किया इससे पता चला कि केंद्र एवं राज्य सरकार की नई योजनाओं का लाभ आप तक पहुंच रहा है। उन्होंने कहा कि जो लोग योजनाओं के लाभ से अभी तक वंचित है उन लोगों को भी इन योजनाओं से जोड़कर उन्हें लाभ प्रदान करना हम सब की जिम्मेदारी है।

बागड़े ने कहा कि राजस्थान में 9 जिले ऐसे हैं जहां जनजाति समाज की संख्या 60 प्रतिशत से अधिक है। इस क्षेत्र के लोगों के उत्थान के लिए केंद्र एवं राज्य सरकारों में बहुत सी योजनाएं चला रखी हैं। शिक्षा, चिकित्सा रोजगार आदि आवश्यकता के क्षेत्र में कई योजनाएं चल रही हैं। गरीबी मिटाने के लिए शिक्षा को बढ़ावा देना जरूरी है। जनजाति क्षेत्र में बहुत छोटी जोत होने और जनसंख्या बढ़ने पर उसके भी छोटे-छोटे टुकड़े हो जाने से कृषि के क्षेत्र में ज्यादा संभावना नहीं है। इसलिए शिक्षा के माध्यम से रोजगार प्राप्त करना जरूरी हो गया है।

उन्होंने कहा कि जन धन खातों के माध्यम से सरकार ने करोड़ों लोगों को बैंकों से जोड़ा है। आयुष्मान आरोग्य योजना के तहत निःशुल्क इलाज होने से बहुत फायदा हुआ है। पहले बीमार होने पर इलाज के लिए पैसे की व्यवस्था करने में काफी कठिनाई आती थी। यहां तक की लोगों को अपने पशु जेवर आदि बेचने पड़ जाते थे लेकिन अब इस निशुल्क इलाज योजना से काफी सुविधा हुई है। राज्यपाल ने खाद्य सुरक्षा योजना, सोलर सब्सिडी शिक्षा के क्षेत्र में चलने वाली योजनाओं का जिक्र किया और कहा कि अपने मन से हीन भावनाओं को निकाल कर जीवन स्तर ऊंचा उठाने की दिशा में आगे बढ़ें। संविधान में सभी को एक वोट का अधिकार दिया है। अमीर हो चाहे गरीब हो दोनों संविधान की नजर में समान है। जनजाति समुदाय का भील समाज काफी प्रतिष्ठित समाज रहा है। भील समाज के कई लोग अपने समय में राजा रहे हैं और कई रियासतों की स्थापना की थी।
झालावाड़ स्कूल दुखांतिका पर संवेदना व्यक्त करते हुए राज्यपाल ने कहा कि भवन निर्माण के दौरान छत को वॉटरप्रूफ करने और पानी जमा नहीं होने देने की व्यवस्था कर इस तरह की घटनाओं से बचा जा सकता है। ग्राम पंचायत ग्रामीण जनों और शिक्षकों की सामूहिक जिम्मेदारी है कि वह स्कूल भवनों के बारे में जानकारी रखें और इस तरह की घटनाओं को रोकने में मदद करें।
राज्यपाल ने जनजाति अंचल में कुपोषण की समस्या पर भी चिन्ता जताई। उन्होंने ग्रामीणों से बच्चों में तीन साल का अंतर रखने की अपील की, ताकि मां और बच्चे दोनों को पोषण का समय मिले। कुपोषण से बचने के लिए आंगनबाड़ी से पोषण सामग्री प्राप्त करने का भी आह्वान किया। उन्होंने ग्रामीण क्षेत्र में नशे की प्रवृत्ति को रोकने की आवश्यकता जताते हुए कहा कि हम यह प्रयास करें कि युवा पीढ़ी नशे के चंगुल में फंसने ही नहीं पाए।
जनजाति क्षेत्रीय विकास मंत्री बाबूलाल खराड़ी ने राज्यपाल का कोटड़ा में प्रवास करने पर आभार व्यक्त करते हुए जनजाति समाज की समृद्ध सांस्कृतिक और सामाजिक संस्कृति से अवगत कराया। उन्होंने कहा कि विरासत को जानना और उसका संरक्षण करना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि क्षेत्र विकास की दृष्टि से पहले काफी पिछड़ा हुआ था। गुजरात के सीमावर्ती क्षेत्रों में बल्ब जलते थे और कोटड़ा में अंधेरा रहता था, लेकिन अब स्थितियां ऐसी नहीं हैं। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने गांवों को सड़कों से जोड़कर विकास की यात्रा का मार्ग प्रशस्त किया। बिजली कनेक्शन मिलने से नई उम्मीद जागी। सौभाग्य योजना के तहत क्षेत्र में बिजली कनेक्शन मिले। जनजाति समाज के लिहाज से तुलनात्मक रूप से अब भी विकास की कई संभावनाएं हैं, जिन पर केंद्र और राज्य सरकार निरंतर कार्यरत है। उन्होंने वन क्षेत्र से घिरे इलाकों में सड़कों के निर्माण के लिए उपाय खोजने की आवश्यकता बताई। उन्होंने कहा कि सामान्य वन क्षेत्र में वनाधिकार एवं सामुदायिक पट्टों में विकास की संभावना है लेकिन रिजर्व फॉरेस्ट में परेशानी है। उन्होंने कहा कि सभी सामूहिक प्रयास कर रहे हैं। मेरी कोशिश है कि आदिवासी क्षेत्र में मूलभूत सुविधाएं मिलें। अंत में आभार एसीएस टीएडी कुंजीलाल मीणा ने व्यक्त किया।
कार्यक्रम स्थल पर राजीविका की महिला स्वयं सहायता समूहों की ओर से निर्मित विभिन्न सामग्री की स्टॉल्स लगाई गई। राज्यपाल ने इन स्टाल्स का अवलोकन कर आदिवासी महिलाओं के हूनर की प्रशंसा करते हुए अन्य महिलाओं को भी प्रेरित होकर इनसे जुड़ने का आह्वान किया। उन्होंने महिलाओं से संवाद कर उनके द्वारा निर्मित सामग्री और उनके विपणन आदि की जानकारी ली। राज्यपाल ने जिला प्रशासन एवं चिकित्सा विभाग की ओर से आयोजित शिविर का भी अवलोकन किया। इस दौरान टीएडी मंत्री बाबूलाल खराड़ी, एसीएस टीएडी कुंजीलाल मीना, जिला कलेक्टर नमित मेहता सहित कई प्रशासनिक अधिकारी, स्थानीय जनप्रतिनिधि एवं बड़ी संख्या में आमजन मौजूद रहे।
कार्यक्रम के दौरान राज्यपाल ने प्रधानमंत्री आवास योजना, पेंशन एवं पालनहार योजना, मुख्यमंत्री मंगला पशु बीमा योजना, प्रधानमंत्री मातृत्व वंदन योजना, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग की विभिन्न योजनाओं के लाभार्थियों को लाभ वितरित किये। साथ ही मुख्यमंत्री मातृव वंदन योजना लाभार्थी ममता देवी, पशुपालन पशु बीमा श्रीमती शर्मिला देवी, पीएम कुसुम योजना लाभार्थी नानिया भील आदि से संवाद भी किया। निःशुल्क कंप्यूटर कोर्स लाभार्थी आरती पटेल से संवाद करते हुए उन्होंने कहा कि घर वालों से कहना कि शादी कराने में जल्दी नहीं करें। प्रशासनिक परीक्षा उत्तीर्ण करने तक शादी ना करवाएं।
राज्यपाल ने एकलव्य मॉडल रेजिडेंशल स्कूल प्रांगण में हरयालो राजस्थान के तहत पौधारोपण भी किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि राज्य सरकार हरयालो राजस्थान अभियान के तहत राज्य को हरा भरा बनाने की मुहिम चला रही है। इसमें सभी को जुड़ कर न केवल पौधे लगाने बल्कि उनकी देखभाल की जिम्मेदारी भी लेनी चाहिए।
विवेकानंद मॉडल स्कूल में बालिकाओं से संवाद :
राज्यपाल हरिभाऊ बागडे़ ने विवेकानंद मॉडल स्कूल के नेताजी सुभाष चंद्र बोस बालिका छात्रावास का अवलोकन किया। इस दौरान उन्होंने बालिकाओं से संवाद भी किया। राज्यपाल का विवेकानंद मॉडल स्कूल छात्रावास की बालिकाओं ने मंगल गीत गाकर स्वागत किया। साथ ही जंगल के रखवाले आदिवासी…., इस आशय का संदेश देते हुए सुंदर नृत्य प्रस्तुत किया। राज्यपाल ने बालिकाओं से संवाद किया। इस दौरान 10वीं कक्षा की छात्रा रवीना खैर ने पूछा कि जीवन में सफलता पाने के लिए क्या करें। राज्यपाल ने जवाब दिया कि जीवन को सुंदर और खुशहाल बनाने के लिए शिक्षा पूरी करो। जन्म के समय सबकी बौद्धिक क्षमता समान होती है, लेकिन परिस्थितियों के अनुसार बौद्धिक स्तर में अंतर आ जाता है। इसलिए घर में लिखने पढ़ने का माहौल हो तो बच्चे को शुरू से वैसे ही संस्कार मिलते हैं। जहां कोई पढ़ने योग्य सामग्री मिले उसे पढ़ें। पाठ्य पुस्तकों के अलावा भी पढ़ाई करें जिससे बुद्धि का विकास हो सके। राज्यपाल ने सभी बच्चियों के लिए उपहार स्वरूप् चॉकलेट प्रदान की।