कावड़िये करेगे 1200 वर्ष पुराने पालड़ी महादेव शिवलिंग का अभिषेक
महाराणा प्रताप का विश्राम स्थल भी रहा है यह वामेश्वर महादेव मंदिर
जन्माष्टमी पर पड़ता है मेला, बडी संख्या में श्रद्धालु उमड़ते हैं
उदयपुर : शहर के समीप स्थित अति प्राचीन स्वयंभू मंदिर वामेश्वर महादेव ईसवाल रोड पर बड़गांव के आगे पालड़ी गांव में अवस्थित है। बड़गांव, चिकलवास, पालड़ी, लोयरा, कटारा, कविता सहित आसपास के अन्य गाँवों के आराध्य के रूप में वामेश्वर महादेव अत्यंत श्रद्धा के पात्र है जो की मेवाड क्षेत्र के अति प्राचीन मंदिरों में से एक है ।
अरावली की पहाड़ियां कई संत महात्माओं के तपस्या की स्थली रही है साथ ही इन पहाड़ियों में कई अति प्राचीन महादेव मंदिर अवस्थित होकर यहां की जनता पर कृपा कर रहे हैं । इसी में से एक मंदिर है पालड़ी एवं चिकलवास के मध्य स्थित वामेश्वर महादेव जिसे पालड़ी महादेव के नाम से भी जाना जाता है।
सावन माह के अवसर पर महादेव को जल समर्पित कर प्रसन्न करने की परंपरा रही है। इसी कड़ी में वामेश्वर महादेव मित्र संघ द्वारा द्वितीय कावड़ यात्रा 3 अगस्त प्रातः फतहसागर स्थित फतहबालाजी से निकाली जाएगी। कावड़ यात्रा के लिए वृहत स्तर पर तैयारी शुरू की गई है इसके तहत वामेश्वर महादेव सहित यात्रा मार्ग में स्थित 11 अन्य शिवालय मंदिरों पर भी कावड़िये अपना जल अर्पित कर सुख शांति की कामना करेंगे।
कावड़ यात्रा के निमित एक बैठक मंदिर स्थल पर आज सकल समाज स्तर पर आहूत की गई जिसमें आसपास के क्षेत्र से कई लोग सम्मिलित हुए । यात्रा मार्ग सहित अन्य सभी विषयों पर विस्तार से चर्चा करने के उपरांत वामेश्वर महादेव मित्र संघ द्वारा संयोजक एवं सहसंयोजक घोषित किए गए साथ ही यात्रा को आने वाले वर्षों में भी विशाल रूप से अनवरत जारी रखने का संकल्प लिया गया।
बैठक में प्रफुल्ल श्रीमाली, राजेंद्र सिंह राणा विजय सिंह, खेम सिंह, सोहन लोहार, गोपाल सुथार, हेमंत नागदा, शक्ति सिंह राणा, हितेश पालीवाल, देवेंद्र जोशी, प्रकाश, पंडित पवन आमेटा, महंत प्रेमनाथ, गोवर्धन सिंह , राजकुमार सेन, संजय नागदा, नरेश शर्मा, पुष्कर जोशी आदि कई कार्यकर्ता मौजूद थे।
3 अगस्त को फतहसागर देवाली स्थित फतहबालाजी से निकलेगी द्वितीय विशाल कावड़ यात्रा
