आईसीएमएम के साथ पार्टनरशिप से हिंदुस्तान जिंक का सस्टेनेबल, फ्यूचर.रेडी ऑपरेशन्स के लिए कमिटमेंट और होगा मजबूत

सस्टेनेबल मिनरल लीडरशिप के लिए भारत के चैंपियन के रूप में हिन्दुस्तान जिं़क की ग्लोबल प्रोफाइल को और बेहतर बनाएगा।
उदयपुर। भारत की एकमात्र और दुनिया की सबसे बड़ी इंटीग्रेटेड जिंक प्रोड्यूसर, हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड ने इंटरनेशनल काउंसिल ऑन माइनिंग एंड मेटल्स में अपनी मेंबरशिप की स्ट्रेटेजिक अहमियत को पुनः सुनिश्चित किया। आईसीएमएम के 26 ग्लोबल माइनिंग और मेटल्स लीडर्स के चुने हुए ग्रुप में इकलौती भारतीय कंपनी होने के नाते, हिंदुस्तान जिंक भारत को सीधे जिम्मेदार मिनरल डेवलपमेंट पर इंटरनेशनल बातचीत के सबसे ऊँचे लेवल पर लाता है।
यह डेवलपमेंट ऐसे अहम समय पर हुआ है जब रिन्यूएबल एनर्जी सिस्टमए ग्रीन इंफ्रास्ट्रक्चरए इलेक्ट्रिक मोबिलिटी और एडवांस्ड डिजिटल टेक्नोलॉजी के विस्तार से जिंक और सिल्वर जैसे जरूरी मिनरल्स की ग्लोबल डिमांड बढ़ रही है।
हिन्दुस्तान जिंक की चेयरपर्सन प्रिया अग्रवाल ने कहा कि, भारत जरूरी मिनरल्स के लिए एक अहम दशक की ओर अग्रसर है, हिन्दुस्तान जिंक को ग्लोबल लेवल पर देश के नजरिए को सपोर्ट करने पर गर्व है, जो जिम्मेदार माइनिंग के लिए बेंचमार्क सेट करता है। आईसीएमएम के साथ हमारी पार्टनरशिप इस जरूरी मिनरल्स के दौर में भारत की प्रगति को बढ़ाएगी। साथ ही सस्टेनेबल ऑपरेशन्स और देश के क्लीन.एनर्जी ट्रांजिशन के लिए हमारे कमिटमेंट को और मजबूत करेगी।
हिन्दुस्तान जिंक की मेंबरशिप सिर्फ ग्लोबल जरूरतों को पूरा करने के लिए ही नहीं है। यह दिखाता है कि दुनिया कैसे जरूरी मिनरल्स को सोर्स करती है, प्रोसेस करती है और उन्हें कंट्रोल करती है, जो क्लीन-एनर्जी और भविष्य के लिए तैयार इंडस्ट्रीज के लिए जरूरी हैं। कंपनी का डीकार्बोनाइजेशन, रिन्यूएबल एनर्जी इंटीग्रेशन, सर्कुलरिटी-ड्रिवन ऑपरेशन्स और कम्युनिटी डेवलपमेंट पर लंबे समय से फोकस रहा है, यही इस ग्लोबल पहचान को पाने का मुख्य कारण रहा है। कंपनी ईआईटीआई को एक्टिवली सपोर्ट करती है और एथिकल प्रैक्टिस और ट्रांसपेरेंट पब्लिक डिस्क्लोजर के लिए कमिटेड है। हिंदुस्तान जिंक ने वॉलंटरी प्रिंसिपल्स ऑन सिक्योरिटी एंड ह्यूमन राइट्स के साथ अलाइन होने के लिए भी कदम उठाए हैं।
आईसीएमएम के माइनिंग प्रिंसिपल्स और इसकी सस्टेनेबिलिटी की उम्मीदों के अनुरूप अलाइन होकर, हिन्दुस्तान जिंक एक मजबूत और ग्लोबली कॉम्पिटिटिव माइनिंग इकोसिस्टम बनाने के अपने विजन को मजबूत करता है जो नेचुरल और सोशल कैपिटल की रक्षा करते हुए भारत के इकोनॉमिक लक्ष्यों को आगे बढ़ाता है। जैसे-जैसे दुनिया भर की इंडस्ट्रीज जरूरी मिनरल्स के लिए जिम्मेदार और ट्रांसपेरेंट सप्लाई चेन चाहती हैं, कंपनी की मेंबरशिप का मकसद ग्लोबल क्रिटिकल-मिनरल्स लैंडस्केप में भारत की लीडरशिप भूमिका को और मजबूत करना है।

Related posts:

“HAR CHUNAUTI HOGI PAAR, BASS CHAHIYE JEETNE KI AAG AUR THANDA DIMAAG”

अमेजऩ इंडिया 15 से 18 अप्रैल तक ‘संभव’ समिट के दूसरे संस्करण का आयोजन करेगा

LEGACY, Bacardi’s first-ever made-in-India whisky, wins global acclaim including Gold at the prestig...

आइसीआर रैंकिंग में एमपीयूएटी को पुनः राज्य में पहला स्थान

सांई तिरुपति विश्वविद्यालय उमरड़ा उदयपुर को यू.जी.सी. की मान्यता

शिक्षा को समर्पित परियोजनाओं से लाभान्वित हो रहे 2 लाख से अधिक होनहार

फाइनेंस लीग सीजन—2 के लिये खिलाडियों का हुआ ऑक्शन, 18 अप्रेल से होंगे महामुकाबले

Indira IVF organises first ever national ‘REPRO Quiz’

भारत को विश्व गुरु बनाने के लिए युवाओं को धर्म-संस्कृति की पताका को फहराते रहना होगा : लक्ष्यराजसिंह...

आयुर्वेद पंचकर्म शिविर में चिकित्सकों व कार्मिकों का सम्मान

एनएसएस में झण्डारोहण

प्रसिद्ध कवि किशन दाधीच की पत्नी श्रीमती प्रभावती का देहावसान