मेवाड़-वागड़ में मतदान पूर्व का आकलन

मेवाड़-वागड़ में चुनावी रूख बदलाव का
-डॉ. तुक्तक भानावत-

उदयपुर, राजसमंद, बांसवाड़ा, डूंगरपुर, प्रतापगढ़ एवं चित्तौड़ जिलों से बने मेवाड़-वागड़ में विधानसभा की कुल 28 सीटें हैं जिनमें से मात्र 11 सीटें सामान्य वर्ग के लिए आरक्षित हैं। मेवाड़ शुरू से ही कांग्रेस का गढ़ रहा है। सरकार निर्माण में इसका अहम योगदान हमेशा ही रहा है। मेवाड़ क्षेत्र की 16 सीटें जनजाति वर्ग एवं एक अनुसूचित जाति वर्ग के लिए आरक्षित हैं। वर्तमान में 28 सीटों में से 14 पर भाजपा, 11 पर कांग्रेस और तीन पर अन्य का कब्जा है। यहां पिछली बार एक परम्परा जरूर टूट गई कि मेवाड़ से जो जीतता सरकार उसकी बनती है। पिछली बार मेवाड़ में जीती तो ज्यादा सीटें भाजपा लेकिन सरकार प्रदेश में कांग्रेस की बनी है। इस बार भाजपा डबल इंजन की सरकार और मोदी के चेहरे पर फिर मेवाड़ जीतने को बेताब है तो कांग्रेस अशोक गहलोत की योजनाओं को लेकर जनता के बीच है और आशीर्वाद मांग रही है। भाजपा एवं कांग्रेस के कार्यकर्ताओं में चुनाव प्रचार के दौरान उत्साह देखने लायक है पर मतदाता खामोश हैं।
मेवाड़ में चुनावी माहौल से पहले और अब तक भाजपा से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह, रक्षामंत्री राजनाथ सिंह, भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ, पूर्व सीएम वसुंधरा राजे, प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी ने रोड शो से लेकर सभाएं की हैं। कांग्रेस से राहुल गांधी, प्रियंका गांधी, राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खडग़े, सीएम अशोक गहलोत सहित कई नेताओं ने सभा और रोड शो किए हैं।  
उदयपुर जिले के 8 विधानसभा क्षेत्रों पर वर्तमान में 6 पर भाजपा एवं 2 पर कांग्रेस का कब्जा है। वल्लभनगर में कांग्रेस की विधायक प्रीति गजेन्द्र सिंह शक्तावत की प्रतिष्ठïा दाव पर है। उनके सामने भाजपा से उदयलाल डांगी मैदान में हैं। डांगी पूर्व में उप चुनाव आरएलपी से लडक़र दूसरे नंबर पर रहे थे। मैदान में वल्लभनगर के पूर्व विधायक रणधीरसिंह भीण्डर की पत्नी दीपेन्द्र कुंवर भी जनता सेना से मैदान में है। मावली में भी भाजपा को कांग्रेस के पुष्करलाल डांगी चुनौती दे रहे हैं। भाजपा से नया चेहरा केजी पालीवाल मैदान में हैं। उदयपुर ग्रामीण में कांग्रेस के विवेक कटारा और भाजपा के दो बार विधायक रहे फूलसिंह मीणा से मुकाबला है। सबकी नजरें उदयपुर शहर सीट पर है। यहां गुलाबचंद कटारिया के असम के राज्यपाल बनने के बाद भाजपा ने पूर्व में जिलाध्यक्ष रहे नगर निगम के निर्माण समिति के अध्यक्ष ताराचंद जैन को टिकट दिया है जिनकी टक्कर कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता गौरव वल्लभ से है। झाड़ोल में कांग्रेस के हीरालाल दरांगी और भाजपा के बाबूलाल खराड़ी, गोगुंदा में भाजपा के प्रताप भील और कांग्रेस के डॉ. मांगीलाल गरासिया के बीच मुकाबला है। सलूंबर में कांग्रेस के रघुवीरसिंह मीणा और भाजपा के अमृतलाल मीणा, खेरवाड़ा में भाजपा के नानालाल अहारी और कांग्रेस के दयाराम परमार के बीच मुकाबला है। खेरवाड़ा, सलूंबर, उदयपुर ग्रामीण  सीट पर नई पार्टी भारत आदिवासी परिषद, बीएपी भी कांग्रेस को नुकसान पहुंचाएगी, ऐसा अंदेशा है।
राजसमंद जिले के नाथद्वारा मेें कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष डॉ. सी.पी. जोशी और भाजपा के महाराणा प्रताप के वंशज विश्वराज सिंह के बीच मुकाबला है। नाथद्वारा सीट पर हर दिन चुनावी रूझान बदल रहा है। कुंभलगढ़ में भाजपा के सुरेन्द्रसिंह राठौड़ और कांग्रेस के नये चेहरे योगेन्द्र सिंह परमार के बीच मुकाबला है। भीम में भाजपा के  हरीसिंह रावत और कांग्रेस के वर्तमान विधायक सुदर्शन सिंह रावत के बीच टक्कर है। राजसमंद सीट पर भाजपा से पूर्व मंत्री स्व. किरण माहेश्वरी की बेटी दीप्ति माहेश्वरी जो सीटिंग एमएलए होकर मैदान में हैं तो कांग्रेस से नारायणसिंह भाटी सामने हैं। यहां भाजपा के बागी दिनेश बड़ाला दीप्ति के लिए मुसीबत बने हैं।
डूंगरपुर जिले के चार विधानसभा क्षेत्रों में से दो पर बीटीपी, एवं एक-एक पर कांग्रेस-भाजपा का कब्जा है। डूंगरपुर सीट पर कांग्रेस के एमएलए गणेश घोघरा व भाजपा के बंशीलाल के बीच मुकाबला है। कांग्रेस का बागी घोघरा के लिए मुसीबत बना हुआ है। चौरासी सीट पर कांग्रेस से पूर्व सांसद ताराचंद मीणा तो भाजपा से पूर्व मंत्री सुशील कटारा मैदान में हैं। यहां विधायक राजकुमार रोत बीएपी से खड़े हैं। सीट पर त्रिकोणीय मुकाबला है। आसपुर सीट पर भाजपा से गोपीचंद मीणा तो कांग्रेस से राकेश रोत सामने हैं। इसी प्रकार सागवाड़ा सीट पर कैलाश भील तो भाजपा से शंकर डेचा आमने-सामने हैं।
बांसवाड़ा जिले में बांसवाड़ा से कांग्रेस के मंत्री अर्जुनसिंह बामनिया और भाजपा से पूर्व मंत्री धनसिंह रावत के बीच टक्कर है। बागीदौरा में कांग्रेस से मंत्री महेन्द्रजीतसिंह मालवीया और भाजपा की कृष्णा कटारा के बीच मुकाबला है। गढ़ी सीट पर कांग्रेस के शंकरलाल चरपोटा और भाजपा के कैलाशचंद मीणा के बीच, कुशलगढ़ में कांग्रेस की रमिला खडिय़ा की भाजपा के भीमाभाई के बीच टक्कर है। रमिला पहले निर्दलीय जीती और इस बार उनको कांग्रेस ने टिकट दिया है। घाटोल में कांग्रेस के नानालाल निनामा की भाजपा के मानशंकर निनामा से टक्कर है।
चित्तौडग़ढ़ जिले की पांच विधानसभा सीटों पर भाजपा व कांग्रेस के बीच कड़ा मुकाबला है। कपासन सीट पर भाजपा के अर्जुन जीनगर और कांग्रेस के शंकर बैरवा के बीच टक्कर है लेकिन यहां कांग्रेस के बागी आनंदीराम आरएलपी से मैदान में हैं।
जिले की सबसे हॉट सीट चित्तौडग़ढ़ है। यहां भाजपा ने पूर्व मंत्री और स्व. भैरोसिंह शेखावत के दामाद नरपतसिंह राजवी को उतारा तो कांग्रेस ने सुरेन्द्रसिंह जाड़ावत को। भाजपा ने यहां विधायक चन्द्रभान आक्या का टिकट काटा तो वे बागी चुनाव लड़ रहे हैं और दोनों उम्मीदवारों के बीच भी भारी हैं। निम्बाहेड़ा सीट पर कांग्रेस के मंत्री उदयलाल आंजना और भाजपा से पूर्व मंत्री श्रीचंद कृपलानी के बीच टक्कर है। बेगूं में कांग्रेस से राजेन्द्रसिंह बिधुड़ी और भाजपा के डॉ. सुरेश धाकड़ के बीच मुकाबला है। बड़ीसादड़ी में भाजपा से पूर्व विधायक गौतम दक और कांग्रेस से डेयरी चेयरमैन बद्रीलाल जाट के बीच टक्कर है।
प्रतापगढ़ जिला नया बनने से यहां दो विधानसभा सीटों धरियावद एवं प्रतापगढ़ पर भाजपा व कांग्रेस ने सीटिंग एमएलए को मैदान में उतारा है। प्रतापगढ़ में भाजपा के पूर्व मंत्री नंदलाल मीणा के बेटे हेमंत मीणा का कांग्रेस के विधायक रामलाल मीणा के बीच मुकाबला है। धरियावद सीट पर भाजपा ने दिवंगत विधायक गौतम मीणा के बेटे कन्हैयालाल मीणा का कांग्रेस के वर्तमान विधायक नगराज मीणा के बीच मुकाबला है।
संभाग में जिन सीटों पर अभी कांग्रेस के जो विधायक चुनाव लड़ रहे हैं उन सीटों पर भी वे बुरे फंसे हुए हंै। भाजपा की बात करें तो जिन सीटों पर मजबूत बागी मैदान में हैं वहां भाजपा कमजोर पड़ती दिखाई दे रही है। जिन सीटों पर कांग्रेस भाजपा में कड़ी टक्कर है वहां पर जो दल जीतेगा उसका आंकड़ा ही संभाग में सर्वाधिक सीटें लाने वाला साबित होगा। वागड़ की बात करें तो वहां की 9 सीटों में से बागीदौरा सीट को छोडक़र अधिकांश पर भाजपा और बीएपी मजबूत दिख रही है। अत: कुल मिलाकर यह कहा जा सकता है कि मेवाड़-वागड़ की पिछले विधानसभा चुनाव की तुलना में इस बार भी भाजपा अधिकतर सीटों पर भारी पड़ रही है।  

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