उदयपुर। उदयपुर के अति प्राचीन व धार्मिक दृष्टि से अत्यंत महत्त्वपूर्ण वामेश्वर महादेव मंदिर पर जलाभिषेक हेतु निकलने वाली द्वितीय भव्य कावड़ यात्रा की तैयारियां जोरों पर हैं। इस वर्ष कावड़ यात्रा 1 से 3 अगस्त तक तीन दिवसीय धार्मिक आयोजनों के साथ सम्पन्न होगी। वामेश्वर महादेव कावड़ यात्रा संघ ने कार्यक्रम की रूपरेखा जारी करते हुए श्रद्धालुओं से बड़ी संख्या में भागीदारी की अपील की है। कावड़ यात्रा को इस बार एक अनूठी बनाने के लिए फतेह बालाजी से वामेश्वर महादेव तक पहुंचने के बीच में 11 शिवालयों के अभिषेक भी कांवड़िए कर सकेंगे।
बोहरा गणेश मंदिर से प्रचार रथ रवाना, पोस्टर विमोचन भी हुआ :
कावड़ यात्रा की आयोजन समिति के प्रचार रथ प्रभारी प्रकाश नागदा ने बताया कि सोमवार को बोहरा गणेशजी मंदिर परिसर में विधिवत पूजा-अर्चना के साथ प्रचार प्रसार रथ को रवाना किया गया। यह प्रचार रथ आगामी 7 दिनों में उदयपुर शहर के विभिन्न क्षेत्रों में घूमकर आमजन को यात्रा में भाग लेने का आमंत्रण देगा। इस अवसर पर कावड़ यात्रा के तीन दिवसीय कार्यक्रम का विस्तृत पोस्टर भी विमोचित किया गया, जिसमें सभी आयोजनों की जानकारी दी गई है।
तीन दिवसीय धार्मिक कार्यक्रमों की विस्तृत रूपरेखा :
- 1 अगस्त : धार्मिक आयोजनों की शुरुआत फतेहसागर झील के किनारे भव्य गंगा आरती से होगी। इस आयोजन में शहर व आसपास के क्षेत्र से बड़ी संख्या में श्रद्धालु भाग लेंगे। यह गंगा आरती शुक्रवार शाम को 6 बजे होगी।
- 2 अगस्त : दूसरे दिन सुंदरकांड पाठ का आयोजन किया जाएगा, जिसमें सामूहिक रूप से भक्त श्रीराम के जीवन प्रसंगों का श्रवण करेंगे।
- 3 अगस्त : समापन दिवस पर प्रातः फतेह बालाजी मंदिर से विशाल कावड़ यात्रा रवाना होगी। यह यात्रा बड़गांव, रामगिरी मार्ग से होते हुए वामेश्वर महादेव मंदिर पहुंचेगी, जहां भगवान शिव का जलाभिषेक किया जाएगा।
भक्ति और उत्साह का संगम होगा कावड़ यात्रा :
कावड़ यात्रा के संयोजक प्रफुल्ल श्रीमाली बताया कि इस यात्रा में हजारों की संख्या में कावड़िए भाग लेंगे, जिनमें युवाओं, महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों का उत्साह देखते ही बनेगा। यात्रा मार्ग में विभिन्न सामाजिक संस्थाएं जलपान व विश्राम की व्यवस्था करेंगी। सुरक्षा व्यवस्था के लिए प्रशासन व पुलिस का सहयोग भी लिया जा रहा है। कावड़ यात्रा को लेकर दो बैठकें आयोजित हुई उसी में ही 150 से ज्यादा कावड़ियों का रजिस्ट्रेशन किया गया। समिति ने आमजन से अनुरोध किया है कि वे इस पुण्य यात्रा में पूरे उत्साह, श्रद्धा व नियमों के साथ शामिल हों और शिवभक्ति में लीन होकर सामाजिक समरसता का संदेश दें।