हिन्दुस्तान जिंक साइंस बेस्ड टार्गेट्स इनिशिएटिव के साथ 2050 तक ‘नेट-जीरो’ उत्सर्जन तक पंहुचने के दीर्घकालिक लक्ष्य के लिए प्रतिबद्ध

उदयपुर : हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड, जिंक, लेड और सिल्वर की दुनिया की सबसे बड़े और भारत के एकमात्र एकीकृत उत्पादकों में से एक है, जो सस्टेनेबल खनन में अग्रणी रहा है जबकि दुनिया अब जलवायु परिवर्तन के प्रकोप से जूझ रही है, हिंदुस्तान जिंक ने साइंस बेस्ड टार्गेट्स इनिशिएटिव के नेतृत्व में ब्रांड “1.5 डिग्री सेल्सियस के लिए व्यावसायिक महत्वाकांक्षा“ के अनुरूप 2050 तक नेट-जीरो उत्सर्जन तक पहुंचने के लिए दीर्घकालीन लक्ष्य निर्धारित करने के लिए प्रतिबद्ध किया है। साइंस बेस्ड टार्गेट्स इनिशिएटिव सीडीपी, संयुक्त राष्ट्र ग्लोबल कॉम्पैक्ट, वर्ल्ड रिसोर्सेज इंस्टीटयूट (WRI) और वर्ल्ड वाइड फंड फॉर नेचर (WWF) के बीच एक सहयोग है।
1.5 डिग्री सेल्सियस अभियान के बिजनेस एम्बिशन के लिए प्रतिबद्ध होने पर अरुण मिश्रा सीईओ, हिंदुस्तान जिंक ने कहा कि सस्टेनेबिलिटी हमेशा जिंक की प्राथमिकता रही है। जलवायु परिवर्तन के कारण विश्वस्तर पर होने वाले परिणाम दर्शाते हैं कि हमारी पृथ्वी ग्लोबल वार्मिंग के प्रति बहुत संवेदनशील है। यह समय है कि हमें वैश्विक तापमान वृद्धि को नियंत्रित करने और सीमित करने के लिए अपनी भूमिका निभानी चाहिए। 1.5° C# अवरओनलीफ्यूचर है और एक जिम्मेदार कॉर्पोरेट होने के नाते, हमने आर्थिक रूप से ‘नेट-जीरो‘ उत्सर्जन देने का लक्ष्य निर्धारित किया है। हमने 1.5 डिग्री सेल्सियस के लिए व्यावसायिक महत्वाकांक्षा अभियान के लिए प्रतिबद्ध किया है, जिसका नेतृत्व साइंस बेस्ड टार्गेट्स इनिशिएटिव द्वारा किया जाता है जो हमें अपना लक्ष्य निर्धारित करने में मदद करेगा। हम अभी भी एक बेहतर, सुरक्षित और हरित भविष्य का निर्माण कर सकते हैं और यह प्रतिबद्धता हमें इसे हासिल करने में सहायक होगी।
इस साल की शुरुआत में जिंक को वर्ल्ड फाइनेंस द्वारा उनके सस्टेनेबिलिटी अवार्ड्स 2021 में खनन उद्योग में मोस्ट सस्टेनेबल कंपनी से सम्मानित किया गया था। सीओपी26 बिजनेस लीडर के रूप में, कंपनी हमेशा जलवायु परिवर्तन के नतीजों से निपटने की दिशा में सक्रिय रूप से पहल करती रही है। कंपनी विश्व स्तर पर केवल दो खनन कंपनियों में से एक है और प्रतिष्ठित सीडीपी (कार्बन डिस्क्लोजर प्रोजेक्ट) ए लिस्ट 2020 का हिस्सा बनने वाली केवल चार भारतीय कंपनियों में से है। जिंक ने अपने लिए सस्टेनेबिलिटी डवलेपमेंट गोल्स 2025 निर्धारित किए हैं, जहां उनका लक्ष्य है उनके जलवायु जोखिम शमन प्रयासों को वर्ष 2017 के आधार  पर अपने संचालन में 0.5 मिलियन (tCO2e) (GHG) उत्सर्ज की बचत करना ।
हिंदुस्तान जिंक ने हाल ही में भूमिगत खनन में बैटरी इलेक्ट्रिक वाहन (बीईवी) लाने के लिए एपिरॉक और नॉर्मेट के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं। यह भारत में खनन क्षेत्र में अपनी तरह की पहली पहल है। इससे उन्हें कार्बन उत्सर्जन कम करनेे एवं खदान के संचालन को पर्यावरण के अनुकूल बनाने में मदद मिलेगी। स्मार्ट, सुरक्षित और सस्टेनेबल संचालन की ओर इशारा करते हुए, कंपनी ने अपनी पहली टीसीएफडी (जलवायु से संबंधित वित्तीय प्रकटीकरण पर कार्य बल) रिपोर्ट लॉन्च की है जो जलवायु परिवर्तन जोखिम और अवसर प्रबंधन के लिए टीसीएफडी ढांचे को अपनाने को निर्धारित करती है।
श्व्यावसायिक महत्वाकांक्षा 1.5 डिग्री सेल्सियस अभियान को संयुक्त राष्ट्र के नेताओं, व्यापारिक संगठनों और गैर सरकारी संगठनों के वैश्विक गठबंधन का समर्थन प्राप्त है। साइंस बेस्ड टार्गेट्स इनिशिएटिव, जो अभियान का नेतृत्व करती है, कंपनियों को विज्ञान आधारित उत्सर्जन में कमी के लक्ष्य को निर्धारित करने में सक्षम बनाकर निजी क्षेत्र में महत्वाकांक्षी जलवायु कार्रवाई करती है। साइंस बेस्ड टार्गेट्स इनिशिएटिव का उद्देश्य अग्रणी कंपनियों के बढ़ते समूह में शामिल होना है जो जलवायु पर उच्चतम स्तर की महत्वाकांक्षा का प्रदर्शन कर रहे हैं और ‘नेट-जीरो‘ भविष्य का मार्ग प्रशस्त कर रहे हैं।
इस पहल द्वारा हिन्दुस्तान जिंक और साइंस बेस्ड टार्गेट्स इनिशिएटिव मिलकर ग्लोबल वार्मिंग को 1.5 डिग्री सेल्सियस तक सीमित करने में मदद करेंगे।

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