उदयपुर। श्रीहनुमान परिवार, उज्जैन के संत एवं अन्तर्राष्ट्रीय कथा वाचक पं. विजय शंकर मेहता ने सोमवार को नारायण सेवा संस्थान का अवलोकन कर कार्यकत्र्ताओं को जीवन प्रबंधन के टिप्स दिए। उन्होंने कहा कि जो लोग वैकुंठ की कामना करते हैं, उन्हें दुखियों, पीड़ितों और गरीबों की सेवा पूरे मन से करनी चाहिए। नर में ही नारायण का निवास है। उन्होंने कहा कि सफल जीवन जीने के लिए प्रत्येक व्यक्ति को हनुमान चालीसा का पाठ कर उसकी हर चैपाई पर मंथन करना चाहिए। व्यक्ति अपने शरीर की सेवा में जितना व्यस्त रहता है, उससे थोड़ा सा समय भी वह मन की सेवा अर्थात उसे समझने में लगाए तो वह अशांति से पार पा सकता है। उन्होंने कहा कि व्यक्ति के जीवन में आनन्द रस महत्वपूर्ण है, इसके बिना सब व्यर्थ है। आज मनुष्य के होठों से मुस्कान ही गायब, इसका मूल कारण उसकी अपेक्षाओं का बढ़ते जाना है और परिवारों में कलह-क्लेश भी इसी कारण होते हैं। क्रोध और अवसाद पर नियंत्रण के लिए खुश रहना जरूरी है।
प्रारम्भ में संस्थान संस्थापक कैलाश ‘मानव’, अध्यक्ष प्रशान्त अग्रवाल, निदेशक वन्दना अग्रवाल व देवेन्द्र चैबीसा ने उनका अभिनन्दन किया। उन्होंने संस्थान के लियों का गुड़ा तथा सेक्टर-4 स्थित परिसरों में कृत्रिम अंग एवं कैलिपर्स निर्माण कार्यशाला, दिव्यांगजन के आॅपरेशन, मूक-बधिर हस्तशिल्प केन्द्र, दिव्यांगजन के लिए रोजगारोन्मुखी प्रशिक्षण केन्द्रों, फिजियोथेरेपी सेन्टर का अवलोकन करने के साथ ही विभिन्न प्रान्तों से निःशुल्क सर्जरी एवं कृत्रिम अंग हाथ-पैर लगवाने के लिए आए दिव्यांगजन से भेंटकर उनके कुशल क्षेम की प्रार्थना की। कार्यक्रम का संयोजन जितेन्द्र वर्मा ने किया।
पीड़ितों की सेवा ही वैकुंठ दर्शनः मेहता
