बैंगलुरु : गत 16 अगस्त को एक ऑनलाइन मीटिंग में प्रथम डॉ. रणजीत मानववादी कविता पुरस्कार की घोषणा की गई। यह पुरस्कार मानववादी विचारधारा के अनुकूल कविता लेखन के प्रोत्साहन के उद्देश्य से युवा कवियों को दिया जाता है। चयन समिति ने वर्ष 2025 का ‘डॉ. रणजीत मानववादी कविता पुरस्कार’ बच्चा लाल ‘उन्मेष’ को उनके कविता संग्रह “कौन जात हो भाई” के प्रदान किया। बच्चा लाल ‘उन्मेष’ भदोही (उत्तरप्रदेश) में सहायक अध्यापक कार्यरत हैं और मुख्यतः दलित-सरोकार के विषय पर कविताएँ लिखते हैं। ‘उन्मेष’ की कविताओं में दलित-शोषित वर्ग का दर्द और जातिवादी मानसिकता पर तीखा व्यंग्य देखने को मिलता है। पुरस्कार के तहत 30,000 रुपये की धनराशि, प्रशस्ति-पत्र और स्मृति-चिह्न शामिल है।
(- मनोज मलिक )