जगद्गुरु श्री वसन्त विजयानन्द गिरी जी की निश्रा में भव्य, दिव्य आयोजन
सुबह साधना, दोपहर यज्ञ और शाम श्री एकलिंगनाथ शिव महापुराण कथा
उदयपुर (डॉ. तुक्तक भानावत)। राजस्थान के मेवाड़ में उदयपुर की धरा पर धर्म, संस्कृति का ऐतिहासिक और अनूठा महाकुंभ रविवार से प्रारंभ हो रहा है। कृष्णगिरी तीर्थ पीठाधीश्वर जगद्गुरु पूज्यपाद श्री वसन्त विजयानन्द गिरी जी महाराज के सानिध्य में श्री महालक्ष्मी कोटि कुंकुमार्चन साधना, पूजा, यज्ञ महामहोत्सव का भव्य दिव्य , विश्व का अद्वितीय विराट आयोजन होने जा रहा है। इस महोत्सव के लिए मीरा नगर मैग्नस हॉस्पिटल के समीप समूचे प्रांगण को देवलोक की तरह सजाया गया है।

महोत्सव आयोजन कार्यकारिणी समिति के नानालाल बया, देवेंद्र मेहता ने बताया कि 28 दिसंबर रविवार को प्रातः 11 बजे से जगद्गुरु श्री वसंत विजयानन्द गिरी जी महाराज के मंगलाशीष में ढोल नगाड़ों की गूंज, शंख ध्वनियों के साथ महोत्सव का श्रीगणेश होगा। विधि विधान पूर्वक विभिन्न देवी देवताओं की पूजा आरती पश्चात साधना , तप प्रारंभ होगा।

यज्ञ होगा अद्वितीय, अलौकिक-
दोपहर 2 बजे से 9 दिवसीय श्री महालक्ष्मी महायज्ञ प्रारंभ होगा। गुरुदेव के सान्निध्य में मंत्रोच्चार के साथ काशी के 135 विद्वानों द्वारा विधिपूर्वक 21 कुंडीय हवन कराया जाएगा। यह महायज्ञ अपने आप मे विश्व का अनूठा, अद्वितीय, अविस्मरणीय यज्ञ होगा। इसमें हजारों किलो शुद्ध चंदन, गाय का शुद्ध देसी घी, सभी प्रकार के मेवे, प्राकृतिक जड़ी बूटियों, सुगंधित व पवित्र वस्तुओं की प्रतिदिन आहुतियां दी जाएगी। आमतौर पर बड़े यज्ञ हवन में भी थोड़ी बहुत हवन सामग्री का उपयोग होता है लेकिन यहां महालक्ष्मी कलश सिद्ध करने, हजारों किलो सामग्री का प्रतिदिन आहुतियों में उपयोग होगा। 1 करोड़ कुमकुम अर्चन आहुतियां देकर महालक्ष्मी समृद्धि कलश सिद्ध किये जायेंगे। यज्ञ में पुरुष सफेद कुर्ता पाजामा और महिलाएं लाल साड़ी पहनकर शामिल हो सकेंगे।
रात्रि 8 बजे से पूज्यपाद जगद्गुरु श्री वसंत विजयानन्द गिरी जी महाराज के श्री मुख से मेवाड़ के आराध्य देव, विश्व वंदनीय एकलिंगनाथ जी के दिव्य महात्म्य का विस्तार से वर्णन किया इसके साथ ही शिव महापुराण कथा का आरंभ होगा जो प्रतिदिन रात्रि 8 से 11 बजे तक चलेगी। इन सबके अलावा शाम 5 बजे से रात्रि 9 बजे तक श्रद्धालु भक्तों के लिए भंडारा होगा जो प्रतिदिन चलेगा। इस भव्य समारंभ में उदयपुर के प्रबुद्धजन के अलावा देशभर से आये गुरुदेव के भक्त और उदयपुर वासी साक्षी बनेंगे।
एकलिंगजी के चरणों में जगद्गुरु श्री वसन्त विजयानन्द गिरी जी महाराज ने समर्पित की आमंत्रण पत्रिका-

श्री महालक्ष्मी कोटि कुंकुमार्चन पूजा यज्ञ विराट अनुष्ठान के निमित्त शनिवार देर शाम मेवाड़ के महाराजा एकलिंगनाथ जी के दर्शन कर जगद्गुरु श्री वसन्त विजयानन्द गिरी जी महाराज ने महोत्सव की आमंत्रण पत्रिका चरणों मे समर्पित की और महोत्सव तथा एकलिंगनाथ जी शिव पुराण कथा आरंभ करने की आज्ञा ली। गुरुदेव ने मंत्रोच्चार के साथ गहरे विधि विधान से एकलिंगनाथ जी की पूजा, महाआरती की। इस दौरान मन्दिरपरिसर में जगद्गुरु गुरुदेव के दर्शन करने भारी भीड़ उमड़ पड़ी।
देवलोक के साक्षात दर्शन का आभास कराएगी जीवंत झांकियां-
महोत्सव के मुख्य कथा पांडाल में सभी देवी देवताओं की आकर्षक विशाल प्रतिमाओं के साथ झांकियां सजाई गई हैं। जो एक बार निहारते ही अलौकिक देवलोक के दर्शन का आभास कराएगी। कृष्णगिरी मां पद्मावती शक्तिपीठ तीर्थ धाम तमिलनाडु से यह प्रतिमाएं लाकर यज्ञ अवधि तक के लिए स्थापित की गई है। मोहक झांकियां भक्तों को खूब आकर्षित करेगी। इसके अलावा परिसर में महाराणा प्रताप की विशाल प्रतिमा भी दर्शनीय होगी। परिसर में भक्तों के लिये और भी कई अद्भुत आकर्षण होंगे।
जगद्गुरु श्री वसन्त विजयानन्द गिरी जी महाराज ने दिया सर्वसमाज के प्रतिनिधियों को मार्गदर्शन –

श्री महालक्ष्मी कोटि कुंकुमार्चन यज्ञ पूजा महोत्सव निमित्त सर्व समाज के प्रतिनिधियों की बैठक महोत्सव स्थल पर शुक्रवार रात्रि में आयोजित हुई।
बैठक में श्री कृष्णगिरी पीठाधीश्वर पूज्यपाद जगद्गुरु श्री वसंत विजयानन्द गिरी जी महाराज द्वारा प्रतिनिधियों को मार्गदर्शन दिया गया। गुरुदेव ने सर्व समाजजनों को संबोधित करते हुए कहा कि उदयपुर में धर्म गंगा आई है जिसे जल पीना है पियें। यह आपका आयोजन है इसमें आपकी भागीदारी आवश्यक है। आप प्रचारक हैं, आप ही व्यवस्थाओं का जिम्मा संभालेंगे। जो जिस तरह की सेवा देना चाहते हैं वे निःसंकोच दे सकते हैं। जगद्गुरु श्री वसंत विजयानन्द गिरी जी महाराज ने कहा कि मनुष्य जीवन आभामंडल से निर्धारित होता है। आप जैसा सोचते हैं और बोलते हैं वैसी स्थिति को आप आकर्षित करते हैं। सतत व्यायाम केवल स्वास्थ्य के लिए नहीं होता बल्कि ऊर्जा को पुनर्जीवित करने के लिए यह महत्वपूर्ण है। यदि आनंद आपके मूड पर निर्धारित है तो मूड को ही आनंदित रखें, आनन्द अपने आप आ जायेगा। जीवन में सफलता केवल मेहनत से नहीं बल्कि ओराफिल्ड से निर्धारित होती है। सर्वोत्तम बनना है तो दुनिया को नहीं खुद को देखें। नाम, वास्तु, कोण, लाइफस्टाइल, आदि सब काम करते हैं। अगर माफ करने की भावना आ गई तो सच मे महावीर के वंशज होंगे। ईर्ष्या मत कीजिये क्योंकि आप ईर्ष्या को आकर्षित करेंगे। धन और घोड़ा जब भी भागते हैं, डबल होकर लौटते हैं।
गुरुदेव ने कहा कि मैं जनमानस में ईमानदारी, विश्वास, प्रेम, हिम्मत देने की कोशिश में जुटा हूं। महामहोत्सव के बारे में आपने कहा कि जिसके भाग्य में पूण्य होगा वह लाभ लेगा। आपने सर्व समाज प्रतिनिधियों को श्री महालक्ष्मी कोटि कुंकुमार्चन यज्ञ पूजा महोत्सव एवं एकलिंगजी शिव पुराण कथा, साधना में आमंत्रित किया और बताया कि प्रतिनिधियों की जिम्मेदारी है कि वे सर्व समाजजनों को आमंत्रित करें। बैठक में मेवाड़ क्षेत्र के विभिन्न समाजों के प्रतिनिधि बड़ी संख्या में शामिल हुए।
