उदयपुर। नारायण सेवा संस्थान के हिरण मगरी सेक्टर 4 स्थित मानव मंदिर परिसर में त्रिदिवसीय ‘अपनों से अपनी बात’ कार्यक्रम में संस्थान अध्यक्ष प्रशांत अग्रवाल ने कहा कि पीड़ित और दुखी व्यक्ति को सुखी, संतुष्ट और संतृप्त बनाना ही परम धर्म है। इस कार्यक्रम में देश के विभिन्न प्रांतों से दिव्यांगता सुधार की नि:शुल्क सर्जरी एवं हादसों में अपने हाथ-पांव गंवा देने वाले कृत्रिम अंग प्राप्त करने आए भाई-बहनों ने भाग लिया और अपनी आप बीती व अनुभव साझा किए।
अग्रवाल ने कहा की सेवा कार्य में अहंकार का कोई स्थान नहीं है। देने वाला प्रभु है अन्यथा व्यक्ति में क्या सामर्थ्य है कि वह किसी को कुछ दे सके। हमारा जीवन तो परीक्षा कक्षा में तीन घड़ी का पेपर देने वाले परीक्षार्थी जैसा है। बचपन, जवानी और बुढ़ापा। इसके बाद सब खत्म। जो रह जाएंगें वे पुण्य कर्म होंगे, जिन्हे समाज सदैव याद करेगा।
उन्होंने कहा कि नारायण सेवा संस्थान ने अपनी स्थापना से यह संकल्प लिया हुआ है कि जब तक समाज में दिव्यांगता रहेगी तब तक संस्थान की सेवा यात्रा भी अनवरत रहेगी। संस्थान दिव्यांगों को “वर्ल्ड क्लास” कृत्रिम अंग उपलब्ध कराने की योजना पर काम कर रहा है। इस कार्यक्रम का संस्कार चैनल से देश भर में सीधा प्रसारण किया गया।
‘वर्ल्ड क्लास’ कृत्रिम अंग योजना पर काम : प्रशांत
