पंजाब में अपने साहसिक प्रदर्शन से जिंक फुटबॉल अकादमी टीम ने दिल जीता

उदयपुर। जिंक फुटबॉल अकादमी के युवा फुटबॉल खिलाडिय़ों ने पंजाब में 22 फरवरी से आयोजित 59वें अखिल भारतीय प्रधानाचार्य हरभजन सिंह मेमोरियल फुटबॉल टूर्नामेंट में शारीरिक रूप से अपने से कहीं अधिक मजबूत और अनुभव में अपने से आगे टीमों के खिलाफ साहसिक प्रदर्शन से सबका दिल जीत लिया।
वेदांता-हिंदुस्तान जिंक द्वारा राजस्थान के साथ-साथ देश में फुटबाल क्रांति लाने के मकसद से शुरू की गई जिंक फुटबॉल अकादमी को रेंजर्स एफसी दिल्ली और सीआरपीएफ जालंधर के साथ ग्रुप-ए में शामिल किया गया था। टूर्नामेंट में टीमों को चार ग्रुप में विभाजित किया गया था और प्रत्येक ग्रुप के विजेता को इस प्रतिष्ठित टूर्नामेंट के सेमीफाइनल में जगह मिलनी थी। उलटफेर करने का माद्दा रखे वाली जावर की टीम ने अपने ग्रुप के पहले मैच में रेंजर्स एफसी दिल्ली को 3-1 से हराने की दिशा में बेहतरीन प्रदर्शन किया। फॉरवर्ड आशीष मायला ने दूसरे हाफ में दो चौंकाने वाले गोल किए जबकि इससे पहले अमन खान ने पहले हाफ में बेहतरीन फिनिश के साथ बराबरी का गोल किया था। दूसरे मैच में जिंक फुटबॉल टीम ने सीआरपीएफ जालंधर के खिलाफ 2-2 से ड्रॉ खेला और अंक हासिल किए। जावर के युवा लडक़ों की टोली ने जंगमिनथांग हाओकिप और आशीष मायला के गोलों से दो बार लीड हासिल की गई लेकिन अंतत: एक मजबूत टीम के खिलाफ उसे रक्षात्मक होते हुए अंक बांटने पर मजबूर होना पड़ा। दो मैचों में चार अंकों के साथ जिंक फुटबॉल अकादमी की टीम हालांकि बेहतर गोल अंतर की बदौलत ग्रुप-ए में केवल दूसरा स्थान ही हासिल कर सकी।
जिंक फुटबॉल राजस्थान में फुटबॉल क्रांति की शुरुआत करने के लिए वेदांता हिंदुस्तान जिंक ग्रुप की एक पहल है। यह उदयपुर के पास जावर में प्रौद्योगिकी और डेटा विश्लेषण के साथ अपनी तरह का एक अनूठा जमीनी विकास कार्यक्रम (ग्रासरूट प्रोग्राम) है। यह कार्यक्रम बड़ी सफलता से सामाजिक और सामुदायिक विकास के लिए एक उपकरण के रूप में फुटबॉल का उपयोग कर रहा है और यह सुनिश्चित कर रहा है कि युवा लडक़ों और लड़कियों के पास फुटबॉल के माध्यम से खुद को व्यक्त करने का एक सफल मंच हो। फुटबॉल लिंक परियोजना की रणनीति और कार्यान्वयन का भागीदार है।

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