नेशनल शारीरिक दिव्यांग टी- 20 क्रिकेट चैंपियनशिप में मुंबई और जम्मू फाइनल में

उदयपुर। कोई एक पैर से, कोई एक हाथ से, किसी के पांव तो, किसी के हाथ का पंजा ही नहीं है। कोई बैसाखी से तो कोई नकली पैर पहनकर मैदान में ऐसे दौड़ रहे है जैसे वे सामान्य खिलाड़ी हैं। बात अगर उनके व्यक्तिगत प्रदर्शन की आती है तो एक हाथ से लंबा छक्का और चौका जडऩे के साथ कुशलतापूर्वक गेंदबाजी भी कर लेते हैं। इन सब खिलाडिय़ों में एक बात एक जैसी दिखी वह थी- दिव्यांगता को हराकर जीतने की जिद और जज्बा। मौका था नारायण सेवा संस्थान (Narayan Sewa Sansthan) एवं डीसीसीआई (DCCI) द्वारा उदयपुर में तीसरी नेशनल फिजिकल डिसेबिलिटी टी- 20 क्रिकेट चैंपियनशिप के सेमीफाइनल (3rd National Physical Disability T-20 Cricket Championship) मुकबलों का।


नारायण सेवा संस्थान के अध्यक्ष प्रशांत अग्रवाल ने बताया कि पहला सेमीफाइनल जम्मू और महाराष्ट्र के मध्य हुआ। टॉस जीतकर जम्मू ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 19.2 ओवर में 166 रन बनाए। लक्ष्य का पीछा करने उतरी महाराष्ट्र की खराब शुरुआत हुई। 10.1 ओवर में आधी टीम 47 रन पर ही पेवेलियन लौट गई। महाराष्ट्र के पुछल्ले बल्लेबाज जम्मू की सजी-धजी गेंदबाजी के सामने 18 ओवर में मात्र 75 रन पर ऑल आउट हो गई। यह मुकाबला 91 रन की जीत के साथ जम्मू फाइनल में पहुंचा । मैन ऑफ द मैच जफर भट को सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के उपनिदेशक गौरीकांत शर्मा, ट्रस्टी देवेंद्र चौबीसा, विजय गायकवाड़, आफताब आलम ने ट्रॉफी और 11000 रूपये का पुरस्कार दिया। मैन ऑफ द मैच विजेता को यह नकद पुरस्कार स्वयं चेरिटेबल ट्रस्ट के सौजन्य से दिया गया।
दूसरा सेमीफाइनल विदर्भ और मुंबई के बीच खेला गया जिसमें विदर्भ ने टॉस जीतकर पहले क्षेत्ररक्षण का फैसला लिया। जिसे मुम्बई ने गलत साबित करते हुए अर्धशतकीय ओपनिंग की। 64 से 81 रन बनाने में 11.3 ओवर में 4 विकेट खो दिए। बावजूद संभलते हुए 7 विकेट पर 149 रन का सम्मानजनक टारगेट बनाया। लक्ष्य का पीछा करती हुई विदर्भ की धीमी शुरुआत हुई। 101 रन बनाने में 7 बल्लेबाज़ 15 ओवर में आउट हो गए। आठ नंबर पर बैटिंग करने आए इमरान खान ने 19 बॉल पर 35 रन बनाकर भी टीम को जीता नहीं सकें। यह मुक़ाबला मुम्बई ने 2 रन से जीत लिया। मुम्बई के विक्रांत केनी के ऑलराउंडर प्रदर्शन 43 रन और 2 विकेट के लिए मैन ऑफ द मैच चुना गया। रविवार को फाइनल मुम्बई और जम्मू के बीच खेला जाएगा। देखना दिलचस्प होगा कि जम्मू दूसरी बार ट्रॉफी कब्जा करेगा या नहीं।

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