सत्य और अहिंसा से ही मानव कल्याण संभवः मुख्यमंत्री

उदयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सोमवार को उदयपुर के मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय के ग्लोबल इंस्टीट्यूट ऑफ जैनोलॉजी एंड प्राकृत भवन का शिलान्यास किया। उन्होंने पंच कल्याणक महोत्सव में आचार्य वर्द्धमान सागर महाराज का आशीर्वाद भी लिया।
श्री गहलोत ने महोत्सव में कहा कि देश को भगवान महावीर के बताए संदेश को अपनाकर सत्य और अहिंसा के रास्ते पर चलने की आवश्यकता है। इसी से ही मानव कल्याण होगा। राष्ट्रपिता महात्मा गांधीजी ने भी महावीर जी के सिद्धान्तों को जीवन में उतारा और दुनिया को अहिंसा का संदेश दिया। उन्होंने कहा कि मैं स्वयं भी सत्य-अहिंसा को अपनाते हुए राजनीति में प्रवेश कर आगे बढ़ा हूं।  
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश के चहुमुंखी विकास के लिए हरसंभव कार्य कर रही है। विशेषज्ञों से गहन अध्ययन के बाद ही बजट में जनकल्याणकारी योजनाएं बनाई गई। देश में बढ़ती महंगाई से प्रदेशवासियों को राहत दिलाने के लिए महंगाई राहत कैंपों का आयोजन किया जा रहा है। इनमें 10 जनहितैषी योजनाओं के 5 करोड़ से अधिक मुख्यमंत्री गारंटी कार्ड आमजन सौंपे जा चुके हैं। लाभ मिलना भी शुरू हो गया है।
श्री गहलोत ने कहा कि निरोगी राजस्थान की संकल्पना को साकार करने के लिए देश में राजस्थान सरकार ने सबसे पहले स्वास्थ्य का अधिकार कानून पारित किया। इसमें हर व्यक्ति को बिना किसी व्यवधान चिकित्सा सुविधा उपलब्ध होगी। मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत 25 लाख रुपए तक का निःशुल्क इलाज भी मुहैया कराया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जैन अध्यात्म-दर्शन के उद्भव और विकास का अध्ययन, शोध और ज्ञान की दृष्टि से यह भवन महत्वपूर्ण सिद्ध होगा। उन्होंने कहा कि आज देश में जो माहौल बना हुआ है, उसमें भगवान महावीर और महात्मा गांधी के सर्व धर्म समभाव, सत्य और अहिंसा के सिद्धान्त सबसे अधिक प्रासंगिक हैं। देश-प्रदेश में शांति, सद्भाव और भाईचारा बनाए रखना हम सभी की जिम्मेदारी है। युवा पीढ़ी मानवता के कल्याण के लिए काम करे।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पूर्व शिक्षा राज्य मंत्री व विधायक गोविंदसिंह डोटासरा ने कहा कि वर्ष 2030 तक राज्य को देशभर में अग्रणी बनाने के मिशन को लेकर चलने वाले मुख्यमंत्री ने जाति, धर्म, वर्ग आदि से ऊपर उठकर प्रदेश के विकास व मानव कल्याण के लिए कार्य किया है।  
समाजसेवी खोडनिया ने कहा कि ’जीओ और जीने दो’ का आदर्श सही मायने में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की सरकार में सार्थक साबित हो रहा है। उन्होंने कहा कि कोरोना काल में राज्य सरकार ने दिगंबर जैन संतों को एक स्थान से दूसरे स्थान तक प्रवास दौरान संरक्षण प्रदान किया। उन्होंने यह भी बताया कि राज्य सरकार ने प्रदेश के कई जैन तीर्थों के विकास के लिए धनराशि स्वीकृत की है। इस अवसर पर खोडनिया ने जैन संतों के पैदल यात्रा दौरान रात्रि विश्राम की दृष्टि से प्रत्येक 20 किलोमीटर की दूरी पर संत भवन बनवाने की मांग की और कार्यक्रम में मुख्यमंत्री का सानिध्य मिलने पर उनका आभार जताया।
इससे पूर्व आचार्यश्री वर्धमान सागर ने कहा कि जिस प्रकार भगवान महावीर ने जनकल्याण के लिए कई महत्वपूर्ण कार्य किए इसी प्रकार प्रदेश के मुख्यमंत्री भी मानव कल्याण के लिए प्रयासरत हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री को शुभाशीष देते हुए मानव कल्याण के लिए सदैव प्रतिबद्ध रहने की बात कही। आचार्य वर्धमान सागर ने मौजूद जनों को तीर्थंकरों के बताए गए मार्ग पर चलने का आह्वान किया और कहा कि राज्य सरकार ने जैन तीर्थ स्थलों सहित समस्त तीर्थों के विकास और सुरक्षा की दृष्टि से बहुमूल्य कार्य किया है। उन्होंने मुख्यमंत्री से जैन कल्याण कोष के गठन का भी आह्वान किया।
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत एवं अन्य गणमान्य अतिथियों ने मंच से मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय के प्राकृत भवन का शिलान्यास किया व ‘सुखी जीवन का आधार : शाकाहार’ शीर्षक से पुस्तिका का विमोचन किया। अंत में श्री खोडनिया ने सभी का आभार जताया।
समारोह में जनजाति क्षेत्रीय विकास मंत्री अर्जुनसिंह बामनिया, विधायक फूलसिंह मीणा, श्रीमती प्रीति शक्तावत, दिनेश खोड़निया, पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव के मुख्य अतिथि वर्द्धमान सागर महाराज तथा जैन महासभा के पदाधिकारी सहित जैन समाज के लोग उपस्थित रहे।

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