उदयपुर। मैनकाइंड फार्मा, 5,600 करोड़ रुपये की फार्मास्यु्टिकल कंपनी, ने गर्भावस्था से जुड़ी जटिलताओं के इलाज के लिए डाइड्रोजेस्टेकरॉन से युक्त एक दवा लॉन्च की है। मैनकाइंड फार्मा यह दवा विकसित करने और इसे सस्ती कीमत पर उपलब्ध कराने वाली पहली भारतीय और दूसरी वैश्विक कंपनी बन गई है।
मैनकाइंड समूह के चेयरमैन और संस्थापक आर.सी. जुनेजा ने कहा कि प्रोजेस्टेरॉन मासिक धर्म चक्र, इम्प्लांटेशन और गर्भावस्था के सफल रखरखाव में शामिल एक प्राकृतिक हार्मोन है। प्रजनन प्रक्रिया के विभिन्न चरणों के दौरान प्रोजेस्टेरॉन की कोई भी कमी से बांझपन, मासिक धर्म संबंधी विकार और गर्भपात हो सकता है। डाइड्रोजेस्टेरॉन में प्राकृतिक प्रोजेस्टेरॉन के समान आणविक संरचना होती है, लेकिन इसके जैव उपलब्धता को बढ़ाया गया है तथा इसके बहुत कम साइड इफेक्टक हैं। इस दवा को विकसित करने के लिए मैनकाइंड रिसर्च सेंटर के 400 वैज्ञानिकों की एक टीम को नौ साल लग गए, जो व्यावसायिक रूप से उपलब्ध एकमात्र रेट्रोप्रोजेस्टेरॉन है। डाइड्रोजेस्टेरॉन की निर्माण प्रक्रिया बहुत जटिल है क्योंकि इसमें प्राकृतिक प्रोजेस्टेरॉन का रूपांतरण शामिल है।
आर.सी. जुनेजा ने कहा कि इस दवा को लॉन्च करना मैनकाइंड फार्मा के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। हम इस दवा का विकास करने वाली भारत की पहली और दुनिया की दूसरी कंपनी हैं। हम दवा को एक आदर्श विकल्प के रूप में विकसित करने में सफल रहे हैं। यह हमारे वैज्ञानिकों के अंतहीन प्रयासों का नतीजा था कि हम इस असंभव लक्ष्य को हासिल कर सके। हमारा ध्यान उच्च गुणवत्ता सुनिश्चित करते हुए इसे सस्ती कीमत पर बेचकर अपने ग्राहकों का भरोसा जीतना है। मैनकाइंड की अपने संबंधित वर्गों में नंबर 1 स्थान रखने वाले 50 से अधिक ब्रांडों के साथ, फार्मास्यूटिकल, वेटनरी, ओटीसी और एफएमसीजी सेगमेंट में मजबूत उपस्थिति है। घरेलू बाजार में मजबूत उपस्थिति के अलावा, मैनकाइंड उत्तरी अमेरिका, एशिया, अफ्रीका और सीआईएस देशों में मौजूद है।