‘दहेज को कहें ना!’ अभियान को निरंतर गति देने का प्रयास
उदयपुर। दिव्यांग लोगों के जीवन को बेहतर बनाने में जुटे नारायण सेवा संस्थान की ओर से 27 दिसंबर को 35वां सामूहिक विवाह समारोह आयोजित किया जा रहा है। उदयपुर में होने वाले इस समारोह में सादगीपूर्ण और गरिमामय तरीके से दिव्यांग और वंचित वर्ग के लोगों का विवाह संपन्न कराया जाएगा। कोविड -19 से संबंधित प्रोटोकॉल के कारण इस बार समारोह में केवल रिश्तेदारों और जोड़ों के शुभचिंतकों को ही प्रवेश दिया जाएगा।
संस्थान के अध्यक्ष प्रशांत अग्रवाल ने कहा कि संस्थान की ओर से चलाए जा रहे ‘दहेज को कहें ना’ अभियान को निरंतर गति देने की कोशिशों के तहत सामूहिक विवाह समारोह आयोजित किए जाते हैं। संस्थान ने समाज के वंचित वर्ग के लोगों और दिव्यांगों के लिए निशुल्क सामूहिक विवाह समारोहों के आयोजन के माध्यम से समाज में दहेज के खिलाफ माहौल बनाने का प्रयास किया है। नवविवाहित जोड़ों के लिए एक नई शुरुआत के रूप में संस्थान सभी विवाहित जोड़ों को कन्यादान के रूप में घरेलू उपकरण और उपहार भेंट करेगा।
प्रशांत अग्रवाल ने कहा कि किसी भी परंपरा या संस्कृति में विवाह बहुत खास अवसर होता है। इसी सिलसिले में हम पिछले 18 वर्षों से सामूहिक विवाह समारोहों का सफलतापूर्वक आयोजन कर रहे हैं। सामूहिक विवाह समारोह के माध्यम से समाज के वंचित वर्ग और दिव्यांग लोगों को अपना जीवन साथी तलाशने में और एक नई जिंदगी की शुरुआत करने में सहायता मिलती है। संस्थान में हम मानते हैं कि प्रत्येक व्यक्ति को सम्मान और समानता के साथ जीवन जीने का अधिकार है। सामूहिक विवाह समारोह का आयोजन वंचितों के जीवन में रोशनी लाने और उनके जीवन में थोड़ी-सी खुशियां लाने का एक अनूठा तरीका है। श्री अग्रवाल ने कहा कि नवविवाहित दंपती के लिए सामाजिक और आर्थिक पुनर्वास की पेशकश करते हुए संस्थान द्वारा सामूहिक विवाह समारोहों के साथ निशुल्क सुधारात्मक सर्जरी, कौशल विकास की कक्षाएं, प्रतिभा निखारने वाली गतिविधियों का भी आयोजन करता है। सामूहिक विवाह समारोह में शामिल होने के लिए राजस्थान, महाराष्ट्र, बिहार, गुजरात और कई अन्य राज्यों के जोड़े नारायण सेवा संस्थान से सहयोग की अपेक्षा करते हैं। गौरतलब है कि कोविड-19 के दौरान नारायण सेवा संस्थान ने जरूरतमंद लोगों की मदद करने के लिए राशन सामग्री का वितरण किया। साथ ही, पीपीई किट और कृत्रिम अंगों का वितरण भी किया और सीएम केयर फंड में भी धनराशि का योगदान किया।