दिव्यांगों का सशक्तिकरण ईश्वर की आराधना के समान – राज्यपाल हरिभाउ बागड़े
उदयपुर। राज्यपाल हरिभाउ किसनराव बागड़े ने कहा कि दिव्यांगजनों का सशक्तिकरण ईश्वर की आराधना के समान है, क्योंकि दिव्यांगजन ईश्वर के साकार स्वरूप के समान हैं।
राज्यपाल शुक्रवार को उदयपुर में नगर परिसर टाउन परिसर में केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय के दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग एवं नेशनल दिव्यांगजन फाईनेंस एण्ड डवलपमेंट कॉर्पोरेशन एनडीएफडीसी के तत्वावधान में आयोजित 25वे राष्ट्रीय दिव्य कला मेले के उद्घाटन समारोह को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्यमंत्री रामदास अठावले ने की। विशिष्ट अतिथि एनडीएफडीसी के सीएमडी नवीन शाह एवं अनुजा निगम के प्रबंध निदेशक वीरेंद्रसिंह रहे।

राज्यपाल ने कहा कि दिव्य का अर्थ होता है अलौकिक। जो देवत्व के समान होता है उसे दिव्य कहा जाता है। निशक्तजनों में विशेष सामर्थ्य होता है, इसलिए उन्हें दिव्यांग नाम दिया गया है। श्री बागड़े ने कहा कि केंद्र व राज्य सरकारें दिव्यांगजनों को आगे बढ़ाने के लिए निरंतर प्रयासरत हैं, इससे दिव्यांगजनों को प्रोत्साहन मिला है और रोजगार के अवसर भी बढ़े हैं। दिव्य कला मेला उसी का उदाहरण है।
केंद्रीय राज्यमंत्री अठावले ने कहा कि दिव्यांगजनों के उत्थान के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार कटिबद्ध है। इसके लिए मंत्रालय में पृथक से विभाग भी सृजित है। एनडीएफडीसी के माध्यम से भी दिव्यांगजनों को सशक्त बनाने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। अब तक 24 दिव्य कला मेले आयोजित किए गए हैं, जिनमें 2500 से अधिक दिव्यांगजनों को अपने उत्पाद प्रदर्षित करने का अवसर मिला है। इससे दिव्यांगजनों को लगभग 20 करोड़ रूपए की आय भी हुई है।

अठावले ने उदयपुर में आयोजित दिव्य कला मेले को सफल बनाने के लिए जिलेवासियों का आह्वान करते हुए कहा कि आप मॉल में जाते हैं, यह भी दिव्यांगजनों का मॉल है। यहां आकर और उनके द्वारा निर्मित स्वदेशी उत्पाद खरीद कर उन्हें संबल प्रदान करें।एनडीएफडीसी के सीएमडी नवीन शाह ने कहा कि अब तक देश के 24 राज्यों में यह मेला आयोजित किया जा चुका है। उदयपुर में इसकी सिल्वर जुबली है और यह मेला दिव्यांगजनों के लिए गोल्डन साबित होगा।
प्रारंभ में राज्यपाल सहित अतिथियों ने फीता काट कर तथा गुब्बारे उड़ा कर 25वें राष्ट्रीय दिव्य कला मेले का शुभारंभ किया। राज्यपाल ने देश के विभिन्न प्रांतों से आए दिव्यांगजनों की ओर से लगाई गई स्टाल्स का अवलोकन कर उनके उत्पादों की जानकारी ली। साथ ही उनसे संवाद कर प्रोत्साहित किया।
कार्यक्रम के दौरान राज्यपाल व केंद्रीय राज्यमंत्री ने उदयपुर, डूंगरपुर व चित्तौडगढ़ जिलों के लाभार्थियों को विभिन्न योजनाओं के तहत ऋण स्वीकृति प्रमाण पत्र वितरित किए। इसके अलावा लाभार्थियों को बेट्री चालित साइकिलें, ट्राई साइकिल सहित अन्य उपकरण वितरित किए। कार्यक्रम के दौरान एनडीएफडीसी के महाप्रबंधक अनिल कुमार, अनुसूचित जाति, जनजाति वित्त एवं विकास निगम जयपुर के महाप्रबंधक शीषराम चावला, कोर्डिनेटर मनोज साहू, एडीएम सिटी वारसिंह, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के संयुक्त निदेषक गिरीष भटनागर, प्रोजेक्ट मैनेजर मांधातासिंह सहित बड़ी संख्या में दिव्यांगजन, शहर के गणमान्य नागरिक व आमजन उपस्थित रहे।
नगर निगम परिसर में आयोजित दिव्य कला मेला 21 से 30 मार्च तक चलेगा। इसमें 20 से राज्यों व केंद्र शासित प्रदेषों से दिव्यांग उद्यमी और कलाकारों द्वारा तैयार किए गए हस्तशिल्प, हथकरघा, कढ़ाई के काम और पैकेज्ड फूड सहित देश के विभिन्न हिस्सों के जीवंत उत्पादों की स्टाल्स लगी हैं। इसमें गृह सज्जा और जीवन शैली, कपड़े, स्टेशनरी और पर्यावरण के अनुकूल उत्पाद, पैकेज्ड खाद्य और जैविक उत्पाद, खिलौने और उपहार, व्यक्तिगत सहायक सामग्री आभूषण, क्लच बैग सहित सैकड़ो तरह की सामग्री बिक्री के लिए उपलब्ध है। मेले के दौरान प्रतिदिन शाम को सांस्कृतिक कार्यक्रम भी होंगे। 30 मार्च को देश के विभिन्न हिस्सों से दिव्यांग कलाकारों द्वारा दिव्य कला शक्ति नामक एक विशेष सांस्कृतिक कार्यक्रम भी होगा। मेला प्रतिदिन सुबह 11 से रात 9 बजे तक खुला रहेगा है।