उदयपुर। एक अद्भुत और बेहद चुनौतीपूर्ण स्थिति में, एक प्रीमैच्योर 700 ग्राम की नवजात के ह्रदय की शल्य चिकित्सा सिम्स हॉस्पिटल, अहमदाबाद में सफलतापूर्वक संपन्न हुई। 24 दिन की इस नवजात बच्ची के ह्रदय में विकार था जिसके लिए यह सर्जरी की गई। नवजात बच्ची का जन्म मेहसाणा के खेरालु में हुआ। उसे जन्म से ही ‘पेटेंट डक्ट्स आर्टिरियोसिस’ नामक ह्रदय विकार था। इस स्थिति में डक्ट्स आर्टिरियोसिस, जो कि सामान्यत: जन्म के समय बन्द हो जाता है, वह खुला रह जाता है। परिणामस्वरूप ऑक्सीजन युक्त खून शरीर में सक्र्युलेट होने की बजाय, वापस फेफड़ों की तरफ जाने लगता है।
नवजात, एप्निया (सांस में रुकावट) वाली स्थिति में आ गई थी और अचानक उसने सांस लेना बंद कर दिया था। सिम्स के पीडियाट्रिक कार्डियोलोजिस्ट डॉ. दिव्येश सादड़ीवाला ने परीक्षण कर सर्जरी के लिए रेफर किया। सिम्स में पीडियाट्रिक कार्डियक सर्जन डॉ. शौनक शाह ने बताया कि इस ह्रदय विकार को सुधारने के लिये, पीडीए लाईगेशन (ब्लड वेसल को बांधकर बन्द कर देना) सर्जरी की जरूरत होती है लेकिन इस केस में यह कई सारे कारणों से बहुत रिस्की थी। बेबी का जन्म समय से पहले हो गया था और उसका वजन बहुत कम था। उसका क्रिएटिनिन लेवल बहुत अधिक था जो कि किडनी के ठीक तरह से काम न करने की ओर इशारा कर रहा था। बेबी में कुछ संक्रमणों के लक्षण भी दिखाई दे रहे थे। सबसे महत्वपूर्ण बात यह थी कि जन्म से ही वजन कम होने से बेबी की स्थिति बहुत नाजुक हो गई थी। इसके बावजूद हमने सफलतापूर्वक पीडीए लाईगेशन सर्जरी की।
सिम्स की एनेस्थेसिया टीम का नेतृत्व डॉ. नीरेन भावसार, डॉ. हीरेन ढोलकिया, डॉ. चिंतन शेठ ने किया। सिम्स के नियोनेटल एवं पीडियाट्रिक इंटेंसिविस्ट, डॉ.अमित चितलिया भी नवजात का जीवन बचाने में सफल रही इस सर्जरी करने वाली टीम का हिस्सा रहे। बच्ची अभी रिकवर कर रही है।
डॉ. अमित ने कहा सिम्स में अब तक की गई सर्जरीज़ में यह नवजात सबसे कम वजन की और संभावित रूप से सबसे छोटी बच्ची थी जिसका ऑपरेशन किया गया। बल्कि शायद पूरे गुजरात मे यह सबसे छोटी नवजात हो जिसकी कार्डियक सर्जरी की गई है।