कोरोना से निपटने के लिए करने होंगेे साझा सकारात्मक प्रयास : संदीप पुरोहित
उदयपुर, 29 मई। कोविड-19 वैश्विक महामारी के इस दौर में जहां पूरी दुनिया पूरी तेजी के साथ बदल रहा है, ऐसे में पत्रकारिता का पेशा, उसका स्वरूप और खुद पत्रकारों का जीवन भी बदल रहा है। अनिश्चितता के दौर में कई चुनौतियों का सामना करते हुए हमें कॉमन डायस्पोरा पर आइडिया शेयरिंग करते हुए जनता की परेशानियों के समाधान की दिशा में साझा सकारात्मक प्रयास करने होंगे। यह विचार राज्य के पहले मीडिया वेबिनार में राजस्थान पत्रिका उदयपुर के संपादक संदीप पुरोहित ने व्यक्त किए।
जर्नलिस्ट्स एसोसिएशन ऑफ राजस्थान (जार) उदयपुर के अध्यक्ष एवं पीटीआई संवाददाता डॉ. तुक्तक भानावत ने बताया कि इस वेबिनार में विभिन्न मीडिया संस्थानों से जुड़े तथा स्वतंत्र पत्रकारिता करने वाले मीडियाकर्मियों ने ‘रोल ऑफ मीडिया इन दिस पेंडेमिक एरा ऑफ कोविड-19’ विषय पर विचार साझा किए। संयोजक अल्पेश लोढ़ा ने बताया कि जर्नलिस्ट्स एसोसिएशन ऑफ राजस्थान के सपोर्ट से आयोजित पत्रकारिता पर यह देश का पहला वेबिनार था, इस प्रकार के आयोजनों से पत्रकारिता को नई दिशा व ऊर्जा मिलती है।
राजस्थान पत्रिका के स्थानीय संपादकीय प्रभारी संदीप पुरोहित ने कहा कि पत्रकारों में आपस में अपने अच्छे काम का कॉमन प्लेटफार्म पर आदान-प्रदान होगा तो अच्छे आइडियाज जनरेट होंगे व उससे सशक्त-सकारात्मक पत्रकारिता सामने आएगी। हमारा फोकस उदयपुर की जनता होनी चाहिए। जनता की परेशानियां कैसे व किन खबरों के माध्यम से दूर हों व उसमें हम प्रशासनिक मशीनरी को किस तरह से मिलकर दिशा दिखा सकें इस पर काम करना होगा। स्किल एडवांसमेंट पर सतत प्रयास करने होंगे। सब मिलकर शहर के मुद्दों पर एक साथ फोकस करें तो परिणाम और अधिक बेहतर आ सकते हैं। उन्होंने सवाल पूछा कि हम कई-कई वर्षों से नेताओं की खबरें छापते-दिखाते आए हैं लेकिन बताइये कि क्या किसी भी नेता ने फोन करके पूछा है कि आप कैसे हैं? ऐसे में हमें मिलकर पत्रकारिता के मूल्यों को बचाते हुए कार्य करना होगा। पत्रकारिता पर संकट कई दौर में आए हैं व हर दौर में उसकी जीत ही हुई है। इस बार भी ऐसा ही होगा।
जय राजस्थान के प्रधान संपादक शैलेश व्यास ने कहा कि हम सबको मिलकर इस पेंडेमिक का मुकाबला करना है व अपनी धारदार पत्रकारिता के माध्यम से सबकी मदद भी करनी है।
अपराह्न टाइम्स के संपादक प्रदीप मोगरा ने कहा कि किसी भी संकटकाल में मीडिया की भूमिका प्रमुख होती है। कोरोना यौद्धाओं के लिए पैकेज घोषित किया गया है मगर पत्रकारों के लिए नहीं, उन्हें भी प्रोत्साहन पैकेज मिलना चाहिए। मीडिया में जो लोग आर्थिक रूप से परेशान हैं, उनकी मदद के लिए भी आगे आएं। छोटे अखबारों में जहां नौकरियां प्रभावित हुईं हैं, उनके लिए मिलकर प्रयास करें।
लाइव राजस्थान के चीफ एडिटर प्रकाश शर्मा ने कहा कि प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में पत्रकारों की नौकरी पर संकट आ गया है। इस बारे में भी सोचना चाहिए। इसके अलावा खबरों के प्रस्तुतीकरण में तथ्यों की विश्वसनीयता कायम रखने पर जोर देना चाहिए।
फस्र्ट इंडिया न्यूज के ब्यूरो चीफ डॉ. रवि शर्मा ने कहा कि महामारी का यह दौर अभी चल रहा है व हम अभी किसी निष्कर्ष तक नहीं पहुंच सकते हैं कि आगे क्या होगा? हमारी अपनी सीमाएं हैं व उसमें रहते हुए हम कार्य कर सकते हैं। नई विषय वस्तुओं को नए संदर्भों में समझ कर हम एक-दूसरे को सपोर्ट करते हुए समस्याओं के समाधान करने की कोशिश करें।
राजस्थान पत्रिका के रिपोर्टर जितेन्द्र पालीवाल ने बताया कि इस महामारी से उबरने के बाद जब नई दुनिया में जाएंगे तो कई चीजें बदल जाएंगी। जनता में बहुत बड़ा तबका अब भी ऐसा है जो गलतफहमियों का शिकार है। नई दुनिया मेंं जीने के नए तौर तरीके, रोजगार का नया ढांचा, विशेषज्ञता के नए आयाम आदि में हमें खुद को ढलना होगा। इस वक्त हम विशेषज्ञों की मदद लेकर कोरोना महामारी के विविध पक्षों को जनता के समक्ष रखें, सरकारों की गलत नीतियों के खिलाफ दबाव बनाने की कोशिश करें, खुलकर बोलें।
न्यूज-18 राजस्थान के सीनियर रिपोर्टर कपिल श्रीमाली ने कहा कि अभी कोरोना का मिड टर्म चल रहा है। हायर सिचुएशन जल्द ही देखने को मिल सकती है। हमको इस बीमारी के साथ ही जीने की आदत डालनी पड़ेगी। खुद प्रिकोशन रखें, अवेयर रहें, नई तकनीक से जुड़ें।
जी राजस्थान न्यूज के रिपोर्टर अविनाश जगनावत ने कहा कि अब हमें हमारे जीवन में बदलाव लाने हैं। जो लोग पॉजिटिव से निगेटिव हो रहे हैं, सोसायटी के लोगों का उनके प्रति व्यवहार बदल रहा है। हमें अपनी खबरों के माध्यम से इस तरह की जानकारी लोगों तक पहुंचानी हैं कि कोरोना से लडक़र जीते लोगों के प्रति सोसायटी का रवैया सकारात्मक व उत्सावर्धक हो।
एटीएन न्यूज के सीनियर रिपोर्टर प्रमोद गौड़ ने कहा कि हम पत्रकारों को कोविड के साथ कैसे जीना है, यह महत्वपूर्ण बात है। पत्रकार को खुद कार्यक्षेत्र में सावधानी बरतनी होगी। लोगों को अवेयर करें व खुद भी सतर्क रहें। मेरा भी मानना है कि लोगों में ज्यादा से ज्यादा जागरूकता लाने के प्रयास हों ताकि वे बीमारी के साथ ही सामान्य जीवन जीना सीख सकें।
ईटीवी भारत के उदयपुर ब्यूरो प्रमुख स्मित पालीवाल ने कहा कि देश में बहुत से पत्रकार पॉजिटिव आ रहे हैं हमें समझना होगा कि हमें फील्ड में कैसे खुद को सुरक्षित रखते हुए काम करना है। छंटनी का दौर सब तरफ चल रहा है, इसका सबसे बड़ा असर मीडिया पर होगा। सबको मिलकर ऐसा प्लान करना चाहिए कि आने वाले बुरे वक्त में सभी मीडियाकर्मी एक दूसरे के सुख-दुख व आर्थिक सुरक्षा के साथी बनें।
एनडीटीवी के स्ट्रींगर संजय व्यास ने कहा कि हमें वैकल्पिक चिकित्सा पद्धतियों को भी प्रोत्साहित करना चाहिए तथा खुद भी अपने स्तर पर जितने भी हो सके, सामाजिक सेवा के कार्य यथाशक्ति करने चाहिए।
क्लॉड डिसूजा, स्वतंत्र पत्रकार ने कहा कि पैनिक व अवेयरनेस के बीच में विभेद करना जरूरी है। कई बार हम न्यूज रिपोर्टिंग में पैनिक का कंटेंट ज्यादा डाल देते हैं, इससे बचना चाहिए। कोविड की अवेयरनेस तो अपनी तरह से चलती रहेगी मगर हमें यह तय करना है कि लोगों का मानसिक स्वास्थ्य अपनी खबरों के माध्यम से कैसे ठीक कर सकते हैं। दुनियाभर में कोविड-19 से हो रही मौतों के आंकड़ों को इस तरीके से भी समझाया जा सकता है कि इससे ज्यादा मौतें तो डायरिया व एक्सीडेंट से हो जाती है। ऐसे में चिंता की कोई बात नहीं है। दरअसल ये हमारा जिम्मा है कि हम पॉजिटिविटी की लहर समाज में पैदा करेंं। साथ ही आने वाले कठिन वक्त में सेवा कार्यों पर ज्यादा फोकस करें।
वरिष्ठ पत्रकार डॉ. विकास बोकडिय़ा ने कहा कि मास कम्युनिकेशन का दौर मास्क कम्युनिकेशन में आ पहुंचा है। हायर और फायर के जमाने में पत्रकारिता को बचाना है तो डेटा कलेक्शन, इंटप्रिटेशन व डेटा शेयरिंग पर ज्यादा जोर देना होगा। कोरोना को लेकर दुनियाभर में कई रिसर्च चल रही हैं, कई नई गाइडलाइंस बन रही हैं। पत्रकारिता का यह कर्तव्य है कि उसका सरलतम रूप जनता के बताएं ताकि वो बीमारी के साथ जीना सीख सकें।
धन्यवाद दैनिक पुकार के अजय आचार्य ने दिया। इस अवसर पर सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के उप निदेशक डॉ. कमलेश शर्मा, राष्ट्रदूत के न्यूज एडिटर रफीक एम. पठान, जय राजस्थान के न्यूज एडिटर भूपेन्द्र चौबीसा, उदयपुर एक्सप्रेस के सब एडिटर पवन खाब्या, वरिष्ठ पत्रकार मुकेश मूंदड़ा आदि मौजूद थे।