हिंदुस्तान जिंक की सीएसआर योजना से प्रतिवर्ष 2 लाख से अधिक ग्रामीण और आदिवासी बच्चें लाभान्वित
कंपनी द्वारा वंचितों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के लिए लगभग 92 करोड़ से अधिक का योगदान
उदयपुर : भारत की सबसे बड़ी और दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी एकीकृत जिंक उत्पादक कंपनी हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड को 28वें भामाशाह पुरस्कारों में 6 इकाईयों को सम्मानित किया गया। भामाशाह पुरस्कार हिंदुस्तान जिंक के चंदेरिया लेड जिंक स्मेल्टर, जिंक स्मेल्टर देबारी, राजपुरा दरीबा कॉम्प्लेक्स, जावर माइन्स, रामपुरा आगुचा माइन एवं कायड माइन को शिक्षा क्षेत्र में सकारात्मक योगदान के लिए प्रदान किया गया।
हिन्दुस्तान जिंक ने शिक्षा के क्षेत्र में विगत 3 वर्षो में शिक्षा संबल एवं अन्य शैक्षिक परियोजनाओं में 92 करोड़ का योगदान किया है जिसमें से गत वर्ष 19 करोड़ के सहयोग हेतु यह पुरस्कार मिलें।
यह पुरस्कार उदयपुर के मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय के विवेकानंद सभागार में राज्य सरकार के शिक्षा मंत्री मदन दिलावर, आदिवासी विकास मंत्री बाबूलाल खराड़ी ने यह पुरस्कार सासंद डॉ. पन्ना लाल रावत, विधायक चुन्नी लाल गरासिया, फूल सिंह मीणा, प्रताप लाल गामेती,, ताराचंद जैन उदयलाल डांगी, डॉ. गोविंदसिंह डांग श्रीमती ममता कुँवर जिला प्रमुख कृष्ण कुणाल शासन सचिव आशीष मोदी, सीताराम जाट, रवीन्द्र श्रीमाली, चंद्रगुप्त सिन्हा, नाना लाल, भंवर लाल पंवार, पुष्कर तेली एवं बंसीलाल खटीक की उपस्थिति में प्रदान किये।
हिंदुस्तान जिंक ने हमेशा बालिका शिक्षा को बढ़ावा देते हुए उन्हें सफलता हेतु हर संभव सहायता प्रदान की है। ये पुरस्कार शिक्षा क्षेत्र के प्रति हिंदुस्तान जिंक की प्रतिबद्धता को दर्शाती है और ग्रामीण समुदायों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा तक पहुंच को सक्षम कर साक्षरता के लिए की गई सीएसआर पहल की विश्वसनीयता को और मजबूत करती है। इन कार्यो में शिक्षा स्ंबल परियोजना के तहत् राजकीय माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक विद्यालयों में गणित, अंगे्रजी, व विज्ञान विषयाध्यापकों की अतिरिक्त व्यवस्था, विद्यालयों का जीर्णोद्धार, नंदघरों का निर्माण, उंची उडान कार्यक्रम में आईआईटी हेतु कोचिंग, छात्राओं को रिंगस महाविद्यालय में उच्च शिक्षा हेतु सहयोग, पुस्तकालय व प्रयोगशाला हेतु फर्नीचर एवं सुरक्षा उपकरण, अध्यापको के अध्ययन हेतु पुस्तकें एवं अध्ययन सामग्री, राजकीय अध्यापको हेतु कार्यशाला, ग्रीष्मकालीन प्रशिक्षण शिविर, शिक्षा संबंल के अन्तर्गत नियुक्त किये गये अध्यापकों का आमुखीकरण प्रशिक्षण, बाल कल्याण केन्द्र के छात्र छात्राओं को शुद्ध पेयजल, गणवेश वितरण, ब्लाॅक स्तरीय खेलकुद प्रतियोगिताओं में सहयोग, ब्लाॅक स्तरीय विज्ञान मेले में आर्थिक सहयोग, अलग-अलग राजकीय विद्यालयों में कक्षा-कक्षो का निर्माण, बालिकाओं एवं बालकों के लिए शौचालय का निर्माण, ट्युबवेल लगवाने का कार्य, ग्रिन बोर्ड उपलब्ध कराना, विद्यालयों की छतों पर वाटर प्रुफींग का कार्य, भुमीगत टेंक का निर्माण, 300 से अधिक नंदघर पर शालापुर्व शिक्षा, स्वास्थ्य परिक्षण किया जा कर शैक्षिक उन्नयन हेतु खुशी कार्यक्रम द्वारा सहयोग किया गया है। हिन्दुस्तान जिंक द्वारा शिक्षा हेतु संचालित परियोजनाओं के माध्यम से प्रतिवर्ष 2 लाख से अधिक बच्चों को लाभान्वित किया जा रहा है।