उदयपुर। ‘आत्मविश्वास का धनी हर परिस्थिति में अडिग और अविचल रहकर सफलताओं के शिखर चढ़ता है ।’ उसके लिए कुछ भी असंभव नहीं। यह बात नारायण सेवा संस्थान के अध्यक्ष प्रशांत अग्रवाल ने संस्थान द्वारा आयोजित चार दिवसीय ‘अपनों से अपनी बात’ कार्यक्रम में कही। देश के विभिन्न प्रांतों से नि:शुल्क सर्जरी एवं कृत्रिम अंग (हाथ- पैर) प्राप्त करने आए दिव्यांगजन व उनके परिजनों के कार्यक्रम के उद्घाटन में उन्होंने कहा कि सफलता के लिए एक-एक सीढ़ी चढ़ना होता है, छलांग की कोशिश नीचे गिरा देती है। आत्मविश्वास ही सफलताओं को सुनिश्चित करता है। इसके लिए निराशा, हताशा और नकारात्मक विचारों का त्याग जरूरी है । भगवान श्रीकृष्ण द्वारा कुरुक्षेत्र में अर्जुन को प्रदत्त ज्ञान जीवन की सार्थकता की कसौटी है। जिस पर चलकर मनुष्य अपना जीवन प्रबंधन सुव्यवस्थित कर सकता है। उन्होंने कहा कि परमात्मा में हमेशा विश्वास करें। विघ्न और दुख हमें निराश नहीं सचेत करने आते हैं, उनसे घबराएं नहीं। जीवन में किसी चीज की यदि कमी है तो प्रभु ने दूसरी ढेर सारी दूसरी खूबियां भी दी हैं । जिन्हें पहचानें और विकास करें । उन्होंने शाकाहार पर जोर देते हुए कहा कि जीव हत्या करना सबसे बड़ा पाप है । सात्विक खानपान से व्यवहार व विचार शुद्ध रहेगा। क्रोध को नियंत्रित करें , इससे नुकसान ही होगा। जैसा दूसरों को देंगे वैसा ही हम पाएंगे। कार्यक्रम में दिव्यांगजन ने अपनी आपबीती और समस्याओं को साझा किया । कार्यक्रम का ‘ आस्था’ चैनल से देशभर में प्रसारण किया गया।
सात्विक खानपान से व्यवहार व विचार में शुद्धता : प्रशांत
