जावर के ग्रामीण खेतों में पैदा स्ट्रॉबेरी पहुॅंची मुख्यमंत्री आवास

हिन्दुस्जान जिंक की ‘समाधान परियोजना’ महिला किसानों की जीविका में ला रही है परिवर्ततन

आदिवासी ग्रामीण क्षेत्र में उगाई स्ट्रॉबेरी को देख खुश हुए मुख्यमंत्री गहलोत

वेदांता चैयमेन अनिल अग्रवाल ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को भेंट की ‘समाधान‘ परियोजना में उगाई स्ट्रॉबेरी

उदयपुर। परंपरागत खेती को छोडकर किसान अब नवीनतम और उच्च खेती की ओर बढ़ रहे है। किसानों में नगदी फसल की ओर रूझान बढ़ा है जिसका उदाहरण है उदयपुर जिलें के ग्रामीण और आदिवासी क्षेत्र की महिला किसान नर्मदा मीणा, चंदा मीणा और सोनिया मीणा। हिन्दुस्तान जिंक की समाधान परियोजना से जुडी इन किसानों ने जा़वर क्षेत्र में पहली बार परंपरागत खेती के अलावा स्ट्रॉबेरी की उत्कृष्ट किस्म विंटर डाउन की खेती की है।
इन तीनों महिला किसानों की खुशी का ठिकाना नहीं रहा जब इन्हें जानकारी मिली की उनके द्वारा उगाई गयी फसल की पहली उपज में से स्ट्रॉबेरी को वेदांता के चैयरमेन अनिल अग्रवाल ने राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को अपनी शिष्टाचार भेंट के दौरान भेंट की है।
इस भेंट के दौरान स्ट्रॉबेरी को देखकर मुख्यमंत्री ने हिन्दुस्तान जिंक की समाधान परियोजना को अनुकरणीय बताते हुए कहा कि राज्य के किसानों को परंपरागत खेती में नवीनतम तकनीक के प्रयोग के साथ ही उन्नत और नगदी फसलों से अपनी आजीविका में बढ़ोतरी करनी चाहिए।
वेदांता के चैयरमेन अनिल अग्रवाल ने कहा कि किसानों के चेहरे पर मुस्कान लाने के लिए नवीनतम तकनीक और नवाचारों को जोडने के हमारे सफलतम प्रयासों से मैं उत्साहित और अभिभूत हूं। समाज को पुनः देने की परंपरा वेदांता के मूल दर्शन में हैं। मेरा मानना है कि जीवन में आगे बढ़ने के साथ ही समाज के प्रति जिम्मेदारी भी बढ़ती है। मैं इन ग्रामीण और आदिवासी महिलाओं द्वारा स्ट्रॉबेरी जैसी हाई वेल्यू फसल के प्रति जागरूकता और रूचि और स्वयं के जीवन को उंचा उठाने के प्रति जिम्मेदारी को देखकर गर्व महसूस कर रहा हूं।
जिं़क के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अरूण मिश्रा ने अवगत कराया कि हमारी समाधान परियोजना से जुडे किसानो के साथ आधुनिक तकनीक और परंपरागत कृषि के अलावा हाई-टेक सब्जी और फल की खेती शुरू की, जिससे उत्पादन और आमदनी में बढ़ोतरी हुई है। ब्रोकोली, स्ट्रॉबेरी और लेट्यूस जैसी फसलें पहली बार पायलट प्रोजेक्ट के रूप में सफलतापूर्वक किसानों के लिए लाभकारी साबित हुई है।
समाधान परियोजना से प्रदेश के उदयपुर, राजसमंद, भीलवाड़ा, चित्तौडगढ़ और अजमेर के किसान लाभ ले रहे हैं। परियोजना में मिट्टी का परीक्षण, कृषि बीज, बागवानी पौधों की गुणवत्ता, पशुओं की नस्लो में सुधार पर विशेष ध्यान दिया जाता है जिससे किसानो की आय में वृद्धि हुई है। समाधान, संस्टेनेबल एग्रीकल्चर मेनेजमेन्ट एवं डव्हलपमेन्ट बाय हयूमन नेचर परियोजना, हिन्दुस्तान जिंक लि. के सीएसआर विभाग एवं बायफ इंस्टीट्यूट फॉर संस्टेनेबल लाईवलीहुडस एण्ड डेव्हलपमेन्ट के सयुक्त तत्वाधान में 174 गांवों में संचालित की जा रही हैं। जिसमें कृषि एवं पशुपालन की नवीनतम प्रौधोगिकी का उपयोग किसानों की आय बढाने एवं आजीविकावर्धन हेतु किया जा रहा है। परियोजना के अन्तर्गत क्षेत्र के 30 हजार कृषक परिवारों को लाभान्वित कर रहे है। किसानों की आजीविका में बढ़ोतरी एवं सतत विकास हेतु एफपीओ यानि किसान उत्पादक संगठनों का गठन किया जा रहा है जिससे किसानों को तकनीक एवं बीज के साथ ही उत्पादन की कीमतों में भी फायदा मिलेगा।
सिंघटवाड़ा की सोनिया मीणा ने कहा कि जिस तरह की खेती अभी दिख रही है साल भर पहले ऐसी खेती की कल्पना भी नहीं की। पहली बार हिन्दुस्तान जिं़क द्वारा संचालित समाधान परियोजना की सहायता से हमने खेत में स्ट्राबेरी लगाई, जो हमें नकदी फसलों, स्ट्राबेरी की खेती और उच्च घनत्व वाले वृक्षारोपण की वैज्ञानिक प्रक्रिया के बारे में जानकारी अवगत करवाई। इससे न केवल मेरी आय और फसल उत्पादकता में वृद्धि हुई बल्कि मैं स्वयं भी कुछ नया करने में सक्षम रही, इसके लिए बहुत-बहुत धन्यवाद देती हॅूं। मैं अगले साल और अधिक लाभ हो उसकी योजना बना रही हॅॅू।
टीडी की नर्मदा मीणा ने कहा कि एक साल पहले, मैंने अपने खेत पर स्ट्राबेरी उगाने की संभावना के बारे में सपने में भी नहीं सोचा था। समाधान परियोजना ने मुझे न केवल इसका सपना देखने में मदद की, बल्कि इसे एक वास्तविकता में बदल दिया है। इस परियोजना के माध्यम से, मैंने स्ट्राबेरी जैसे फल उगाने की तकनीकी विशेषज्ञता सीखी और विकसित की, जिसने मेरी आजीविका को बढ़ाया है और मुझे अपने उत्पादन के लिए अच्छा मूल्य दिया है। मेरा पूरा परिवार अगले साल इस उत्पादन के लिए उत्साहित है।
जावर की चन्दा मीणा ने कहा कि मैंने अपने जीवन में पहले कभी स्ट्राबेरी नहीं देखी थी, लेकिन आज मैं गर्व के साथ कह सकती हूॅं कि मैंने न केवल स्ट्राबेरी उगाने की तकनीकी विशेषज्ञता हासिल की है, बल्कि ये मेरे परिवार की आय में महत्वपूर्ण योगदान दे रही हैं। यह सब हिन्दुस्तान जिंक द्वारा संचालित समाधान परियोजना के फलस्वरूप ही संभव हो सका है। मेरी योजना अगले साल अधिक उत्पादन बढ़ाकर इसे और आगे ले जाने की है।

Related posts:

राजस्थान दिवस पर हिंदुस्तान जिंक द्वारा आयोजित सखी फेस्ट में स्वाद और समृद्ध सांस्कृतिक कार्यक्रम का...

Powering Rajasthan: EESL & RISL's e-Mitra Brings Affordable Energy Solutions across the State

विनय इलेक्ट्रिकल सोलुशंस ने उदयपुर में खोला विशिष्ट शोरूम

Zinc Wins the Prestigious 16thCII-ITC Sustainability Award 2021

Navi General Insurance launches ‘2-Minutes Online Health Insurance’ via Navi Health App

गर्भावस्था के शुरुवाती नुकसान के बाद भी मातृत्व सुख

एचडीएफसी बैंक द्वारा सरकारी स्कूलों में स्मार्ट क्लासरूम्स का उद्घाटन

Alakh Nayan Mandir partners with Standard Chartered Bank to launch 3 primary eye care centres (Visio...

बिग बिलियन डेज़ 2021 के जरिए एमएसएमई और किराना के लिए अभूतपूर्व अवसर

Rocky & Mayur embark on a road trip across Rajasthan, experience Sanitised Stays at OYO hotels in Ud...

HDFC Bank Limited FINANCIAL RESULTS (INDIAN GAAP) FOR THE QUARTERAND NINE MONTHSENDED DECEMBER 31, 2...

वेदांता ने हिन्दुस्तान जिंक के कर्मचारी और व्यापारिक भागीदार कोविड योद्धा को किया सम्मानित

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *