अगले 5 वर्षों में भारत के सामाजिक विकास को मजबूत करने के लिए महत्वाकांक्षी योजना का शुभारंभ
उदयपुर। भारत के प्रमुख प्राकृतिक संसाधन उत्पादक वेदांता समूह द्वारा पोषण, महिला एवं बाल विकास, स्वास्थ्य देखभाल, पशु कल्याण और बुनियादी स्तर के खेलों पर ध्यान देने के साथ ही राज्यों में गांवों को कोरोना महामारी से मुक्त करने के लिय 5,000 करोड़ रुपये के निवेश की घोषणा की। इस प्रकार का यह पहला सामाजिक प्रभाव कार्यक्रम अनिल अग्रवाल फाउंडेशन के तत्वावधान में चलाया जाएगा जो वेदांता की सामाजिक पहल के अंतर्गत संचालित होगा एवं आगामी पांच वर्षों में इन लक्ष्यों की दिशा में कार्य के लिए सर्वांगीण विकास प्रदान करेगी। कंपनी समुदायों के साथ सर्वागीण विकास में दृढ़ता से विश्वास करती है और अनिल अग्रवाल ने पहले ही अपनी संपत्ति का 75 प्रतिशत सामाजिक भलाई और जनता के उत्थान के लिए देने का संकल्प लिया है।
’स्वस्थ गांव अभियान’ एक बड़ी परियोजना होगी जो राष्ट्र के लिए एक आवश्यक सेवा के रूप में सामाजिक विकास और बुनियादी ढांचे को प्रदान करने के समग्र उद्देश्य के हिस्से के रूप में, कोविड के न्यूनतम प्रभाव को सुनिश्चित करने के लिए ’समुदाय में प्रतिरक्षा’ को बढ़ाएगी। इसके अलावा युवाओं कौशल विकास से जोड कर उन्हें रोजगार अवसरों को भी बढ़ाने के साथ स्थिरता और प्रगति लाएगा जो भारत के लिए आर्थिक विकास की कुंजी है। इस वृहद कार्यक्रम को लागू करने में केपीएमजी अनिल अग्रवाल फाउण्डेशन का नीति विषयक साझेदार होगा।
ग्रामीण भारत के विकास के लिए 5000 करोड़ रुपये के समग्र पहल की घोषणा करते हुए, चेयमैन अनिल अग्रवाल ने कहा, कि हमारा लक्ष्य समग्र प्रयासों से सस्टेनेबल और सर्वागीण विकास हेतु सुविधा प्रदान कर समुदाय का संरक्षण है जो कि समय की आवश्यकता है। स्वस्थ गांव अभियान पहल 1000 गांवों को सम्मिलित करते हुए ग्रामीण परिदृश्य में संपूर्ण स्वास्थ्य सेवा समाधान प्रदान करने की ओर पहला कदम है। यह कार्यक्रम वेदांता की प्रमुख नंदघर परियोजना का भी पूरक होगा, जिसका उद्देश्य 7 करोड़ बच्चों और 2 करोड़ महिलाओं को लाभान्वित करना है। उन्होंने कहा कि, मुख्यतयाः हम सामाजिक सुधार में सहयोग और इसे सुनिश्चित करने के लिए ’बेहतर निर्माण’ पर बल दे रहे है, जो अपेक्षित स्वास्थ्य की बुनियादी सुविधाओं के सहयोग से संभव है।
प्रमुख पहल, ’स्वस्थ गांव अभियान’ के तहत, अनिल अग्रवाल फाउंडेशन ने देश के 24 जिलों और 12 राज्यों के 1,000 गांवों में स्वास्थ्य सेवाओं को सहयोग देने और मजबूत करने की योजना बनाई है, जिससे 20 लाख से अधिक लोग लाभान्वित होंगे। यह पहल जिला स्तर पर ऑक्सीजन उत्पादन संयंत्रों, टेलीमेडिसिन सेवाओं, चिकित्सा और नैदानिक बुनियादी आवश्यकताओं के उन्नयन और मोबाइल मेडिकल वैन एवं एम्बुलेंस जैसे माध्यमों के मॉडल पर अधारित होगी। सुविधा को सफल बनाने के लिए विभिन्न जिला अस्पतालों में विशिष्ट जरूरतों और विशेषज्ञ डॉक्टरों की उपलब्धता के अनुसार उनमें सहयोग की योजना बनाई जाएगी।
समुदायों के लिए सुरक्षा प्रदान करने और स्वास्थ्य सेवाओं में निवेश करने के लिए राज्य सरकारों या जिलों के सहयोग से कोविड -19 के प्रभाव को कम करने के लिए ’स्वस्थ गांव अभियान’ के तहत प्रमुख निवेश किया जाएगा। दूर-दराज के क्षेत्रों में लगाए जा रहे विशेष चिकित्सा एवं आरोग्य शिविरों के माध्यम से टीकाकरण को बढ़ावा देने के प्रयास किए जाएगें। गुणवत्तापूर्ण उपचार सुनिश्चित करने के लिए जिलावार अस्पतालों और स्वास्थ्य देखभाल केंद्रों में भी चिकित्सा सुविधाओं का प्रावधान किया जाएगा।
अनिल अग्रवाल फाउंडेशन अपनी नवीन पहल के तहत् पशु कल्याण के लिए आश्रय और सहायता प्रदान करने पर भी ध्यान देगा। महिलाओं और बाल विकास के लिए प्रमुख परियोजना नंद घर का विस्तार जारी रहेगा, जिसका लक्ष्य देश भर में 7 करोड़ बच्चों और 2 करोड़ महिलाओं को लाभान्वित करना है।
अनिल अग्रवाल फाउंडेशन द्वारा ग्रामीण भारत को सशक्त करने के लिए 5,000 करोड़ रुपयों के निवेश का संकल्प
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