उदयपुर। पेसिफिक इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (पिम्स हॉस्पिटल), उमरड़ा द्वारा वल्र्ड एनेस्थेसिया डे पर जागरूकता फैलाने और जानकारी देने के लिए फतहसागर पर कार्यक्रम आयोजित किया गया। इसमें पिम्स मेडिकल कॉलेज के रेसिडेंट डॉक्टर्स ने नुक्कड़ नाटक के माध्यम से हॉस्पिटल में मरीज को ओपीडी, इमरजेंसी आईपीडी व आपरेशन थियटर में किस प्रकार मैनेज किया जाता है दर्शाया गया।
कार्यक्रम में चीफ इन्ट्सविस्ट डॉ. कमलेश शेखावत ने बताया कि शल्य चिकित्सा में एनेस्थेसिया का विशेष महत्व है। सर्जरी में सर्जन और एनेस्थेटिस्ट दोनों की महत्वपूर्ण भूमिका रहती है। इससे पहले सर्जरी करना आसान नहीं होता था। अब एनेस्थेसिया से सर्जरी करना आसान हो गया है और सर्जरी के समय मरीज को दर्द नही होता है और मरीज को सर्जरी के कुछ देर बाद होश आ जाता है। एनेस्थेसिया से चिकित्सा क्षेत्र में व्यापक बदलाव हुआ है। विश्व एनेस्थेसिया दिवस का मुख्य उद्देश्य लोगों को सर्जरी में एनेस्थेसिया के महत्वपूर्ण योगदान, उपलब्धि और एनेस्थेसिया की जरूरतों के प्रति जागरुक करना है। कार्यक्रम में एनेस्थेसिया विभाग के डॉ. नरेश त्यागी, डॉ. अरविंद गुप्ता, डॉ. अमित, डॉ. शरद चंद्रिका, डॉ. विनीता, डॉ. पूजा, डॉ. पिन्नु राणावत, डॉ. अनिता के साथ सर्जरी, मेडिसिन और अन्य विभाग के डॉक्टर्स भी उपस्थित थे। कार्यक्रम में कोमल दशोरा की महत्त्वपूर्ण भूमिका रही।
वल्र्ड एनेस्थेसिया डे पर जागरूकता कार्यक्रम आयोजित
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