उदयपुर। भारत में क्रिकेट की लोकप्रियता इस हद तक है कि जब भी इसके गली से लेकर अन्तर्राष्ट्रीय स्तर तक के टूर्नामेंट होते हैं तो क्रिकेट पे*मियों की रगों में यह खेल जुनून की तरह संचारित होने लगता है। उदयपुर में भी एक राष्ट्रीय क्रिकेट प्रतियोगिता होने जा रही है, जिसमें मैदान पिच, क्रिकेट, बॉल तो अलग हगे ही खिलाडी भी विशिष्ट (दृष्टिहीन) होगें और अनूठा होगा, उनके खेलने का अंदाज भी। नारायण सेवा संस्थान, क्रिकेट एसोसियशन फार द ब्लाइंड इन इण्डिया एवं राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ द ब्लाइंड के संयुक्त तत्वावधान में चार दिवसीय राष्ट्रीय क्रिकेट चैम्पियनशिप का आयोजन 30 नवम्बर से 3 दिसम्बर तक किया जा रहा है। इसमें क्रिकेट पे*मियों के लिये कॉमेंट्री की व्यवस्था की गई है। प्रतियोगिता को जन-जन में दिखाने के लिये फेसबुक और यूट्ब पर लाइव प्रसारित किया जायेगा।
राष्ट्रीय दृष्टिहीन क्रिकेट चैम्पियनशिप का उद्घाटन महाराणा भूपाल कॉलेज ग्राउण्ड पर 30 नवम्बर को प्रातः 10.30 बजे होगा। उदघाटन मैच राजस्थान और प. बंगाल के बीच में खेला जायेगा। टूर्नामेंट का समापन एवं पुरस्कार वितरण समारोह विश्व विकलांगता दिवस पर 3 दिसम्बर को एम.बी. कॉलेज ग्राउण्ड पर ही अपरान्ह 3 बजे होगा। 1 व 2 दिसम्बर के लीग मैच नारायण सेवा संस्थान के डबोक – धूणीमाता (एयरपोर्ट रोड) स्थित भूमिमाता परिसर मैदान में सम्पन्न होंगे। टूर्नामेंट लीग आधार पर खेला जायेगा। टूर्नामेंट में कुल 6 टीमें भाग लेंगी। इसमें राजस्थान, केरल, प. बंगाल, गोवा, मध्यप्रदेश तथा गुजरात की टीमें 29 नवम्बर को उदयपुर पहुंचेंगी। प्रत्येक टीम दो-दो मैच खेलेगी। शीर्ष दो टीमें फाइनल मैच खेलेगी। विजेता व उप विजेता टीम के साथ ही मेन ऑफ द मैच, मेन ऑफ द सीरीज, श्रेष्ठ गेंदबाज, श्रेष्ठ बल्लेबाज, श्रेष्ठ फिल्डर का चयन कर उन्हें पुरस्कृत किया जायेगा ।
चैम्पियनशिप सम्बंधी सभी आवश्यक तैयारियां संस्थान की विभिन्न उपसमितियों की देखरेख में पूरी कर ली गई हैं। आने वाली सभी टीमों, प्रबंधकों एवं अम्पायरों के आवास एवं भोजन की व्यवस्था संस्थान के स्मार्ट विलेज सेवा महातीर्थ बडी में की गई है। खिलाडियों व प्रबंधकों को आवास स्थल से ग्राउण्ड तक आने-जाने के लिये वाहन उपलब्ध रहेंगे। दुर्घटनाओं से निपटने के लिये मैदान पर प्राथमिक चिकित्सा, अग्निशमन व एम्बुलेंस की व्यवस्था की गई है। उन्हने कहा कि इस क्रिकेट चैम्पियनशिप के माध्यम से संस्थान नेत्रदान के प्रति समाज को जागरूक करने का भाव रखता है। मृत्यु के बाद हमारी आंखें किसी दृष्टिहीन की नेत्र ज्योति बन जाये यह एक बडा काम हो सकता है। इसलिए ‘नेत्रदान-महादान’ के प्रति जागरूकता बढाने की आवश्यकता है।
उल्लेखनीय है कि दिव्यांगों के सर्वांगीण विकास में संस्थान के प्रयास सन् 1985 से दिव्यांगों के दर्द को समझकर विकलांगता के क्षेत्र में सेवा का बीडा उठाने का संकल्प लेनी वाली नारायण सेवा संस्थान सम्पूर्ण भारत में दिव्यांगों के सेवार्थ पुनर्वास, स्वरोजगार, ऑपरेशन, विवाह एवं सहायता के अनेक प्रकल्प चलाता आ रहा है। संस्थान के संस्थापक पद्मश्री कैलाश मानव तथा अध्यक्ष प्रशांत अग्रवाल की परिकल्पना है कि दिव्यांगों के विकास एवं पुनर्वास के लिये संस्थान के प्रयासों को समाज के सहयोग से बढाया जाए । इसी संकल्पना से उदयपुर में राष्ट्रीय दृष्टिहीन क्रिकेट चैम्पियनशिप में सहभागिता की जा रही है, ताकि दिव्यांग खेल प्रतिभाएं प्रोत्साहित हो।नारायण सेवा संस्थान ने राष्ट्रीय पैरा स्वीमिंग चैम्पियनशिप का आयोजन 2017 में करवाकर देश के प्रधानमंत्री का ध्यान उदयपुर एवं दिव्यांगों की प्रतिभा की ओर आकर्षित किया था। इसका जिक्र ‘मन की बात’ में प्रधानमंत्री ने किया था। इस प्रतियोगिता में राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर स्वर्ण, रजत एवं कांस्य पदक जीतने वाले पैरा-स्वीमर ने भी सहभागिता की थी। इसका उद्घाटन तत्कालीन कैन्द्रीय खेलमंत्री इंद्रजीत सिंह राव एवं देश-प्रदेश के नामी पैरा खिलाडियों व जनप्रतिनिधियों ने किया था।